G.NEWS 24 : हाईकोर्ट ने जिला पंचायत सदस्य की अनुशंसा पर जारी परमिट पर लगाई रोक

आदेश के बावजूद भी रिकॉर्ड पेश नहीं करने पर आरटीओ नर्मदापुरम पर 25000 की कॉस्ट...

हाईकोर्ट ने जिला पंचायत सदस्य की अनुशंसा पर जारी परमिट पर लगाई रोक

जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट के जस्टिस जी एस अहलूवालिया की एकलपीठ ने जिला पंचायत सदस्य की अनुशंसा पर जारी परमिट पर रोक लगा दी। एकलपीठ ने आदेश के बावजूद भी रिकॉर्ड पेश नहीं करने पर आरटीओ नर्मदापुरम पर पच्चीस हजार रुपये की कॉस्ट लगाई है।

युगलपीठ ने कॉस्ट की राशि 22 जुलाई तक जमा करने के निर्देश जारी किये है। नर्मदापुरम निवासी मोहम्मद इकबाल की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि आरटीए सचिव-आरटीओ, नर्मदापुरम द्वारा जारी अस्थाई परमिट दी गयी थी। याचिका में कहा गया था कि अस्थाई परमिट जिला पंचायत सदस्य की अनुशंसा के आधार पर जारी किया गया है। 

मोटर व्हीकल एक्ट के विहित प्रावधान अंतर्गत किसी भी जनप्रतिनिधि या राजनीतिक व्यक्ति को परमिट के सिलसिले में अनुशंसा करने का अधिकार नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने पंचम चंद्र विरुद्ध हिमाचल राज्य प्रकरण में पारित आदेश में मुख्यमंत्री की अनुसा पर जारी परमिट को अवैधानिक करार दे दिया था। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था। 

परमिट आदेश 30 जून तक के लिए दिया था, किंतु परमिट 31 जुलाई तक बढा दिया गया। जिससे स्पष्ट है कि अस्थाई परमिट जारी करने में घोर अनियमितता की गई है। याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने समस्त रिकार्ड तलब किया था। रिकॉर्ड प्रस्तुत नहीं किये जाने को गंभीरता से लेते हुए एकलपीठ ने उक्त आदेश जारी किये।

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