अपने-अपने गुरुओं का पूजन कर आशीर्वाद लिया...
गुरु पूर्णिमा के अवसर पर मंदिरों में उमड़ी भक्तों की भीड़
ग्वालियर। आषाढ़ मास की पूर्णिमा व्यास पूर्णिमा या गुरु पूर्णिमा के नाम से जानी जाती है। रविवार 21 जुलाई को सर्वार्थ सिद्धि योग में मनाई गई। गुरु पूर्णिमा पर्व के साथ ही संन्यासी चातुर्मास का प्रारंभ हो गया है। शहर के प्रमुख गिर्राज मंदिर पर सुबह से कृष्ण भक्तों का तांता लगा रहा। भक्तों का कहना है कि भगवान कृष्ण से बड़ा कौन गुरु हो सकता है। बच्चियां हाथों में ठाकुर जी की मूर्ति लेकर परिक्रमा दे रही थी।
वहीं शहर के आश्रमों में शिष्यों ने अपने-अपने गुरुओं का पूजन कर आशीर्वाद लिया है। साथ ही कई आश्रम में गुरुओं के प्रवचन भी हुए हैं। हजीरा रोड अशोक विहार कॉलोनी स्थित आनंद अमृतम आश्रम में सत्संग व भंडारा का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें देश भर के भक्त ग्वालियर पहुंचें।
रविवार को गुरु पूर्णिमा पर शहर के आश्रमों में चारों वेदों के प्रथम व्याख्याता व्यास ऋषि की पूजा-अर्चना करने के साथ अपने गुरुओं में व्यास का अंश मानकर उनकी पूजा की गई। अपने कुटंब परिवार में अपने से बड़ा अर्थात माता-पिता, भाई, बहन को भी गुरु तुल्य समझकर उनकी भी पूजा की गई।
रविवार सुबह से शहर के मंदिर, गिर्राज जी मंदिर, अचलेश्वर, कोटेश्वर, गुप्तेश्वर, सनातन धर्म मंदिर, राम मंदिर, रामजानकी मंदिर, खेड़ापति मंदिर, मंशापूर्ण हनुमान मंदिर सहित अन्य प्रमुख मंदिरों में सुबह से भक्तों की लाइन लगी रही। इसके अतिरिक्त शहर में स्थापित विभिन्न आश्रमों में सुबह से कार्यक्रम शुरू हुए और शाम को भंडारे हुए।
घाटीगांव के मद्दा खो आश्रम में गुरु पूर्णिमा पर मेला लगा। रविवार सुबह से मद्दा खो पहुंचने वालों की भक्तों ने यहां शिष्य अपने गुरु का पूजन कर आशीर्वाद लिया। ग्रामीणों के मुताबिक इस दौरान लाखों भक्त आश्रम पहुंचे।
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