प्रभु उपहार भवन माधौगंज में खुशनुमा जिन्दंगी विषय पर हुआ वैश्य महा सम्मलेन...
हर घटना हमें कुछ न कुछ सिखाकर जाती है उससे सीख लेना चाहिए : प्रहलाद भाई
ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय प्रभु उपहार भवन माधौगंज में वैश्य महा सम्मलेन मध्य प्रदेश महिला इकाई जिला ग्वालियर के सदस्यों के लिए खुशनुमा जिन्दंगी विषय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से ब्रह्माकुमारीज केंद्र प्रभारी बीके आदर्श दीदी, राजयोग प्रशिक्षक बीके डॉ. गुरचरण सिंह, प्रेरक वक्ता बीके प्रहलाद भाई, वैश्य महासम्मेलन के मुकेश अग्रवाल, अनिल जैन, महेश गर्ग, राजेश जैन, ज्योति बंसल उपस्थित थीं। कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।
कार्यक्रम में प्रेरक वक्ता बीके प्रहलाद भाई ने कहा कि आज ज्यादातर यह देखने में आ रहा है कि लोग छोटी छोटी बातों में नाराज हो जाते है, तनाव में आ जाते है, गुस्सा करने लगते है। जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। यदि कोई गुस्सा कर रहा है तो समझो कोई न कोई बीमारी को निमंत्रण दे रहा है। इसलिए क्रोध करने से बचना चाहिए। हर घटना हमें कुछ न कुछ सिखाकर जाती है उससे सीख लेकर आगे बढऩा चाहिए। हर व्यक्ति यहाँ पर अपना किरदार निभा रहा है, हमें उससे प्रभावित हुए बिना अपना किरदार बेहतर तरीके से निभाना चाहिए। जीवन में उतार चढाव आते है लेकिन उससे घबराना नहीं चाहिए। एक बात हमेशा याद रखो दुवाएं देनी है दुवाएं लेनी है। जिसके पास दुवाओं की पूंजी होती है, वही सबसे धनवान व्यक्ति है। और दुवाएं तो एक ऐसा खजाना है जो आपके भी काम आंएगी और दूसरों के भी।
तत्पश्चात बीके डॉ. गुरचरण सिंह ने सभी का स्वागत करते हुए सभा को संबोधित किया और कहा कि आज के समय में कोई खुश रहता है तो यह उसके जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि है। लेकिन अनेक ऐसे कारण होते है, जिनकी बजह से हमारी ख़ुशी गुम हो जाती है। जैसे आज हर व्यक्ति आवश्यकता से अधिक मोबाईल फोन का उपयोग करता है, कई बार हम भोजन करते समय भी फोन का उपयोग करते है जबकि उस समय उसकी उतनी आवश्यकता नहीं होती। मोबाईल फोन का आवश्यकता के अनुसार ही उपयोग करना चाहिए।
कार्यक्रम में आदर्श दीदी ने कहा कि अपने को ऊर्जा से भरपूर रखने के लिए सुबह जागते ही दिन की शुरुवात परमात्मा की याद से करना चाहिए। निराकार परमपिता परमात्मा शिव जो कि सभी के पारलौकिक पिता है। वह शांति के सागर है, प्रेम के सागर है, दिव्य बुद्धी दाता है, गुणों के भण्डार है, सबको सुख देने बाले है। उनकी याद से सर्व प्रकार की समस्याएं समाप्त हो जाती है। आज मनुष्य झूठे दिखाबे में तेरी-मेरी में, परचिन्तन में समय गवां रहा है यही सब दु:ख का कारण बनते है। सबके प्रति अच्छी भावना रखें। सबको सम्मान दें। इसके साथ ही दीदी ने स्वयं की वास्तविक पहचान सभी को दी तथा राजयोग ध्यान के बारे में बताते हुए उसका अभ्यास सभी को कराया।
कार्यक्रम में उपस्थित मुकेश अग्रवाल ने कहा कि संस्था में आकर सुखद अनुभूति हुई मै यहाँ पहली बार आया हूँ इससे पहले सोशल मीडिया पर दीदी को सुना। यहाँ आकर बहुत अच्छा लगा यहाँ का हर वक्ता अपने आप में विशेष और प्रेरणा देंने बाला है।
अनिल जैन ने कहा कि मानव जीवन में और प्रथ्वी पर स्वर्ग देखना है तो ब्रह्माकुमारीज जैसी आध्यात्मिक जगहों पर आते रहना चाहिए। हम सोचते है कि हम जो कर रहे है वह सवसे अच्छा है लेकिन हमें सबके विचारों को सम्मान देना चाहिए। महेश गर्ग ने कहा कि अपने अन्दर पोजिटिविटी बनाकर रखनी है आज यहाँ पर हमने जो सुना सीखा उसे धारण करने का प्रयास करेंगे।
राजेश जैन ने कहा कि यहाँ आकर सुकून मिल रहा है मुझे आने से पहले यह नहीं मालूम था कि इतने अच्छे कार्यक्रम में जा रहा हूँ। मेरा यहां आना सार्थक रहा। मेरा प्रयास रहेगा कि हम अपनी इकाई के अन्य लोगो भी यहाँ लेकर आएं। कार्यक्रम के अंत मे ज्योति बंसल ने इकाई के सभी लोगो का आभार प्रकट करते हुए अपनी शुभकामनयें रखीं।
कार्यक्रम में विवेक गुप्ता, कपिल जैन, समता जैन, साधना गुप्ता, रीता गर्ग, पिंकी बंसल, नीलम माहेश्वरी, साधना गोयल, नीलम जैन, सविता गुप्ता, रागिनी अग्रवाल, नीलम जैन आदि उपस्थित थीं।
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