G News 24 : 'ममता ' राज और महिलाओं के साथ, बे-लगाम कंगारू अदालतों की कुरर्ता !

 बंगाल में बार-बार और लगातार महिलाओं के साथ हो रही है वानियत !

'ममता ' राज और महिलाओं के साथ, बे-लगाम कंगारू अदालतों की कुरर्ता 

पश्चिम बंगाल में महिलाओं से हैवानियत के मामले रुक नहीं रहे हैं. बंगाल में एक बार फिर से महिला के साथ बर्बरता और हैवानियत का शर्मनाक और वीभत्स मामला सामने आया है. इस बार डोमजूर में महिला के बाल काटकर उसे प्रताड़ित करने वाले मामले पर पुलिस ने आखिरकार चुप्प तोड़ते हुए एक्शन लिया है. महिला के साथ हुई वारदात का विडियो वायरल हुआ था. इस केस में स्थानीय पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. मामले की जांच जारी है.

इस बार भी आरोपियों का TMC कनेक्शन

ताजा जानकारी के मुताबिक इस महिला को चोरी के आरोप में पकड़ा गया था. उसके ऊपर आरोप लगाने के साथ ही उससे मारपीट हुई थी. महिला की पिटाई के दौरान उसके बाल काट दिए गए थे. ये वीडियो बीजेपी नेता शुवेंदु अधिकारी ने जारी किया है. इस वीडियो के जरिए शुवेंदु अधिकारी ने राज्य की कानून व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल उठाया है. अधिकारी ने लिखा- 'कूच बिहार से चोपड़ा तक अरियादाहा से डोमजूर तक, पीड़ा जारी है. सज़ा के तौर पर एक महिला के बाल बेतरतीब ढंग से कैंची लगाकर काट दिये गए. इस घिनौने कृत्य को अंजाम देने वाले क्रूर आरोपी- ईशा लश्कर, अबुल हुसैन लश्कर, सईम लश्कर, मकबुल अली, इसराइल लश्कर, अरबाज़ लश्कर और महेबुल्लाह मिद्दे, टीएमसी पार्टी से निकटता से जुड़े हुए हैं.'

'ममता के राज में कंगारू अदालतें कब बंद होंगी !

ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर बंगाल में कब तक सड़क पर इंसाफ होगा? बंगाल में बार-बार तालिबानी अंदाज में सजा दी गई. ऐसा लगता है कि पश्चिम बंगाल में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति इतनी 'अस्थिर' है कि राज्य भर में कंगारू अदालतें स्थापित की जा रही हैं, खासकर महिलाओं के मामले में इस तरह बेहूदगी से फैसला ऑन स्पॉट (त्वरित न्याय) दिया जा रहा है.

पीड़िता का बयान

पीड़िता ने कहा, 'उसने अन्याय किया. हमें अपनी बात नहीं रखने दी जा रही. हम परेशान हैं. हमें बुलाकर मारा पीटा. बाल काट दिए. हमे बुरा नहीं लगता क्या? वह सब वीडियो बना रहे थे. बहुत सारे लोग थे कारखाने के अंदर जिन्होंने सरे आम मैदान के बीच में हुए हमारे अपमान को देखा. इन्हे थप्पड़ मारे और बाल काटे. मेरे सिर्फ बाल काटे और कहा अगर उस इलाके में दोबारा देख लिए तो और मारेंगे. इसीलिए अपने घर को छोड़ कर हम शेल्टर होम में हैं. हम पुलिस के पास भी नहीं गए, हम लोग गरीब हैं पुलिस क्या हमारी बात सुनेगी? 3 लोगों के बाल काटे - मेरे बड़े बेटे , मेरे और मेरे पति को मारा और हमारा अपमान किया.

पहले भी सामने आ चुके ऐसे मामले

गौरतलब है कि अभी कुछ दिन पहले ही एक महिला के चरित्र पर सवाल उठाते हुए उसकी सरेआम बेरहमी से पिटाई हुई थी. ऐसे मामले आए दिन वहां सामने आ रहे हैं. कई मामलों में आरोपियों का संबंध सत्ताधारी राजनीतिक पार्टी टीएमसी से रहा है.

TMC के करीबी इसलिए कार्रवाई नहीं !

बताते चलें कि जिन-जिन मामलों को हवाला सुवेंदु अधिकार ने दिया है, लगभग हर मामले में सरकार की किरकिरी होने के काफी समय बाद टीएमसी की प्रतिक्रिया आई है. उसमें भी स्थानीय नेताओं ने अजीबोगरीब जवाब देकर पल्ला झाड़ने की कोशिश की. अभी तक कोई कड़ा बयान नहीं आया है और ना ही पुलिस को सरकार की तरफ से कुछ स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं.  इस बीच मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि महिलाओं से होने वाली बर्बरता के बाद कार्यवाई करने के साथ पुलिस को ऐसा माहौल बनाना चाहिए जिससे महिलाएं खुद को सुरक्षित समझ सकें और कोई भी किसी महिला के ऊपर न उंगली उठा सके और ना ही उसके सम्मान और गरिमा को ठेस पहुंचा सके.

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