ग्वालियर 15 विधानसभा के क्षेत्रीय विधायक एवं ऊर्जा मंत्री...
ऊर्जा मंत्री श्री तोमर की ग्वालियर विधानसभा में लड़खड़ाई बिजली पानी की व्यवस्था !
ग्वालियर। मध्य प्रदेश में बिजली सरप्लस होने के बावजूद लोगों को घोषित बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है। जब हमारे पास बिजली सर प्लस है तो भला कटौती क्यों की जा रही है इसका जवाब देने को कोई भी तैयार नहीं है। प्रदेश में बिजली की क्या हालत होगी इसकी बानगी-भर मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के गृह जिला और गृह जिले में भी उनकी ग्वालियर विधानसभा सीट जहां से वे चुनाव लड़कर के विधायक बने हैं और ऊर्जा मंत्री का पद ग्रहण किया है। उनके विधानसभा क्षेत्र में रात हो या दिन दो- दो,तीन-तीन बार लोगों को बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है।
कभी भी किसी भी वक्त बिजली कट हो जाती है। नि:संदेह इस प्रकार बिजली कटौती से लोगों की दिनचर्या भी प्रभावित होती है। बिजली से संबंधित किसी भी प्रकार की शिकायत भोपाल में बैठे कॉल सेंटर के कर्मचारियों से जब की जाती है तो इस बिजली कटौती का उनके पास भी कोई जवाब नहीं होता है वे भी जल्द से जल्द बिजली आने की बात बोलकर फोन काट देते हैं। इन दिनों सबसे ज्यादा बिजली कटौती का सामना विनय नगर जोन के उपभोक्ता कर रहे हैं। क्या इसकी जानकारी ऊर्जा मंत्री को नहीं है अगर है तो वह इस समस्या का हाल क्यों नहीं निकल रहे हैं। और अगर नहीं है तो हम अपने चैनल के माध्यम से उन्हें यह जानकारी दे रहे हैं।
इलेक्शन से पहले लोगों को बिना कटौती के 24 घंटे बिजली उपलब्ध हो रही थी लेकिन जैसे ही चुनाव संपन्न हुए उसके बाद लोगों को बेतहाशा बड़े हुए बिजली के बिल और बिजली कटौती की मार उपभोक्ता झेलने को विवस हैं। क्या उपभोक्ताओं को बीजेपी सरकार बनवाने का यह पारितोषिक मिल है ? यह प्रश्न उठना लाजमी है।
यही हाल पानी को लेकर है वार्ड 33 के लक्ष्मण तलैया क्षेत्र में फेस-1 में ही अमृत योजना के अंतर्गत पानी की लाइन डाल दी गई थी, लेकिन उन लाइनों में पानी आज दिनांक तक नहीं आया है। कहां तो बीजेपी सरकार की अगुवाई में स्मार्ट सिटी के द्वारा अमृत योजना के माध्यम से 24 घंटे पानी-बिजली देने की बात क्या कर जनता को एक सुनहरा सपना दिखाया गया था, लेकिन 24 घंटे तो छोड़िए एक दिन छोड़कर के भी पानी कुछ लोगों के घर तक नहीं पहुंच पा रहा है।
4 महीने गर्मी के निकालने के बाद इस बरसात में जुलाई के महीने में भी लोग पानी की किल्लत का सामना कर रहे हैं। पार्षद के द्वारा पानी के टैंकर भेज कर लोगों की समस्या का कुछ हद तक समाधान करने का प्रयास किया जा रहा है। इन लोगों ने कई बार क्षेत्रीय विधायक प्रद्युम्न सिंह तोमर को भी इस समस्या के बारे में बताया। वार्ड-33 के न्यू प्रेम नगर के इन लोगों द्वारा मौके पर क्षेत्रीय पार्षद एवं विधायक जी को बुलाकर इस समस्या से अवगत भी कराया गया कि टैल एण्ड तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। कृपया अमृत वाली लाइनों में पानी छुड़वा दीजिए, लेकिन उनके द्वारा भी कर्मचारियों को लोगों के सामने तो पानी चालू करने की बात की बोली, लेकिन उनके बार-बार- बोले जाने के बाद भी पानी चालू नहीं किया जा रहा है।
यह बात समझ से एकदम परे है कि एक मंत्री आदेश देता है उसके बाद भी,उस आदेश का पालन नहीं होता है, और जब भी पूछो तो कर्मचारियों द्वारा जवाब मिलता है कभी 15 दिन में, कभी दिन में 10 दिन में और कभी-कभी तो यह तक कह दिया जाता है कि दो एक दिन में चालू हो जाएगा। इसी प्रकार के आश्वासन देते-देते लगभग चार महा का समय निकाल दिया और लाइन डाले हुए लगभग 2 वर्ष निकाल दिए, आगे कितना वक्त लगेगा पता नहीं। इसी प्रकार से अगर काम होते रहे तो ग्वालियर कभी स्मार्ट शहर नहीं बन सकता! कैसे बनेगा स्मार्ट,जिसे जिम्मेदारी दी जाती है और जिसकी ये जिम्मेदारी है वही अगर काम नहीं करना चाहते तो, फिर भला कोई शहर कैसे स्मार्ट सिटी में परिवर्तित हो सकता है !
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