ट्रैफिक संचालन मे आईटीएमएस प्रयोग करेगा एनआईसी द्वारा निर्मित एप्लीकेशन का उपयोग...
अब दूसरे राज्यो के नंबर वाले वाहनो की आसानी से होगी पहचान !
ग्वालियर। शहर के यातायात व्यवस्था को सुगम और सुव्यवस्थित बनाने मे ग्वालियर स्मार्ट सिटी की इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम(आईटीएमएस) परियोजना का महत्वपूर्ण योगदान है। शहर में आईटीएमएस के द्वारा जब से ई-चालान की शुरुआत कि गई है, तब से आम लोगो में भी यातायात नियमो को लेकर जागरुकता बढी है, और अब पहले की अपेक्षा वह ट्रैफिक नियमो के प्रति सजग हुये है। आईटीएमएस प्रणाली का ट्रैफिक संचालन औऱ व्यवस्था मे और अधिक व्यापक रुप मे प्रयोग हो सके इसके लिये अब ग्वालियर का आईटीएमएस सेंटर एनआईसी द्वारा तैयार एकीकृत एप्लीकेशन पोर्टल का उपयोग करेगा।
ग्वालियर स्मार्ट सिटी सीईओ श्रीमती नीतू माथुर ने जानकारी देते हुये बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा अलग अलग राज्य, जिलो मे संचालित आईटीएमएस सिस्टम प्रणाली को एकीकृत करने के उदेश्य से एनआईसी (नेशनल इंर्फोमेटिक सेंटर) के माध्यम से एप्लीकेशन पोर्टल तैयार किया गया है। और अब ग्वालियर आईटीएमएस प्रणाली को भी इस एप्लीकेशन से पूर्ण रुप से जोड दिया गया है। श्रीमती माथुर ने बताया कि इस एकीकृत एप्लीकेशन के उपयोग मे आने से कई महत्वपूर्ण फायदो मे से एक आईटीएमएस सेंटर द्वारा शहर मे चल रहे अन्य राज्यो के नंबर वाले वाहनो के ट्रैफिक उल्लधन करने पर उनकी पहचान कर आनलाइन चालान बनाने के साथ साथ चालानी कार्यवाही भी संभव हो सकेगी।
पोर्टल से जुडने पर ट्रैफिक संचालन मे होगे कई फायदे
- 1. इस एकीकृत प्रणाली से जुड जाने से बाहरी राज्य से आकर, शहर में ट्रैफिक नियमो का उल्ल्घन करने वाली गाड़ियों के चालान अब किये जा सकेंगे।
- 2. पुराने सिस्टम में चालान को कोर्ट में ले जाने की प्रकिया काफी जटिल होने से कई चालान कोर्ट में नहीं जा पाते थे जिससे उल्लंघनकर्ता पर कार्यवाही नहीं हो पाती थी, लेकिन नई व्यवस्था में नियत समय के अंदर चालान ना भरने पर उल्लघंकर्ता का चालान CJM कोर्ट में स्वत: चला जायेगा जिसे फिर कोर्ट के माध्यम से ही भरा जा सकता है।
- 3. पुराने सिस्टम में चालान बनने के बाद चालान में गलती होने पर उल्लघंकर्ता को ई-चालान कार्यालय में आकर ही सुधार करवाना पढता था, लेकिन नई व्यवस्था में अब घर से ही चालान बनने के 15 दिन के अंदर ऑनलाइन आपत्ति दर्ज करवा सकते है।
- 4. पुराने सिस्टम में चालान ना भरने पर पेनल्टी का नियम ना होने से, उल्लघंकर्ता चालान नहीं भरते थे, लेकिन नई व्यवस्था में चालान बनने के 45 दिन के अंदर अगर चालान नहीं भरा जाता है तो उल्लघंकर्ता पर प्रति दिन के हिसाब से उसके चालान में पेनेल्टी स्वत: जुढने का प्रावधान है।
- 5. एकीकृत डेटा बेस (वाहन सारथी) होने से देश भर में चलने वाली गाड़ियों की जानकारी उपलब्ध होती है जिसका उपयोग अपराधियों की खोजबीन में भी किया जा सकेगा।
- 6 इस नई व्यवस्था से अब उल्लंधन कर्ता द्वारा चालान नहीं भरने पर, वह बीमा, ओनर शिप ट्रांसफर एवं फिटनेस जैसे कार्य नही करवा सकेगा।
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