G News 24 : भारतीय न्याय प्रणाली को अंग्रेजों के बनाए कानून से मिली मुक्ति:जयदीप प्रसाद

 इन तीनों कानूनों का उद्देश्य,देश में आपराधिक न्याय प्रणाली को पूरी तरह से बदलना है...

भारतीय न्याय प्रणाली को अंग्रेजों के बनाए कानून से मिली मुक्ति:जयदीप प्रसाद

भोपाल। देशभर में आज (1 जुलाई) से भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की जगह भारतीय न्याय संहिता (BNS),क्रिमिनल प्रोसीजर कोड की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) लागू हो चुका है। नए कानूनों के लागू होने को लेकर मध्य प्रदेश पुलिस भी पूरी तरह तैयार है। 

मध्य प्रदेश के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इन तीनों कानूनों का उद्देश्य विभिन्न अपराधों और उनकी सजाओं को परिभाषित कर देश में आपराधिक न्याय प्रणाली को पूरी तरह से बदलना है। नए कानून लागू होने से भारत की न्याय प्रणाली आईपीसी के तहत अंग्रेजों द्वारा बनाए गए औपनिवेशिक कानूनों से मुक्त हो चुकी है। इस संबंध में रविवार शाम पुलिस मुख्‍यालय भोपाल में प्रेस कॉंफ्रेंस आयोजित की गई जिसमें एडीजी लॉ एंड ऑर्डर जयदीप प्रसाद ने विस्‍तृत जानकारी दी। उन्‍होंने कहा कि ये कानून दंड नहीं बल्कि न्‍याय केन्द्रित है।

मध्य प्रदेश में सभी जिलों की पुलिस तैयार

देशभर में आज (1 जुलाई) से लागू नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन को लेकर मध्य प्रदेश पुलिस ने भी तैयारी कर ली है। इस अवसर पर प्रदेश के सभी पुलिस थाना क्षेत्रों और जिला मुख्यालय स्तर पर कार्यक्रम आयोजित कर नए कानूनों का क्रियान्वयन किया जाएगा। जिले के कार्यक्रम में वहां के पुलिस अधीक्षक, जनप्रतिनिधि सहित जिले के बुद्धिजीवी लोगों को आमंत्रित किया जाएगा। कुछ स्थानों पर पुलिसकर्मियों ने ढोल-नगाड़े से भी स्वागत की तैयारी की है। थाना क्षेत्र में किसी भी उपयुक्त जगह पर कार्यक्रम होगा। इसमें सेवानिवृत पुलिस अधिकारियों, महिलाओं, बुजुर्गों और स्कूल-कॉलेज के विद्यार्थियों को आमंत्रित किया जाएगा। 

कार्यक्रम के दौरान सभी उपस्थितजन को नए कानूनों के बारे में जागरूक किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि नए कानूनों के संबंध में प्रदेशभर में 60 हजार से अधिक पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया है। उन्हें बदलावों के संबंध में बताया गया है। इसके अतिरिक्त सॉफ्टवेयर में किस तरह से एंट्री की जानी है, साक्ष्य कैसे एकत्र किए जाने हैं, इन सभी बिंदुओं के बारे में भी पुलिसकर्मियों को जानकारी दी गई है। 

प्रदेश पुलिस ने 31 हजार से अधिक विवेचकों को प्रशिक्षित किया है। इसके साथ ही सीसीटीएनएस में भी नए कानूनों से संबंधित बदलाव कर लिए गए हैं, जो 30 जून की रात 12 बजे से प्रभावी हो चुके हैं। सभी जिलों में क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रेकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (सीसीटीएनएस) का संचालन करने वाले पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों को भी बताया गया है कि वह दैनिक रिपोर्ट सीसीटीएनएस में किस तरह अंकित करें।

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