G News 24 : मूर्ख अंध भक्तों की भीड़ से बचने के प्रयास में, रामश्री एक बार गिरी तो फिर उठ न सखी !

 हाथरस हादसे में जान गवांने वाली ग्वालियर के जगजीवन नगर की 45 वर्षीय ...

मूर्ख अंध भक्तों की भीड़ से बचने के प्रयास में, रामश्री जमीन गिरी तो फिर उठ न सखी !

उत्तर प्रदेश के हाथरस में बाबा के सत्संग में भगदड़ मचने से 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। इस हादसे में ग्वालियर के जगजीवन नगर की 45 वर्षीय रामश्री ने भी अपनी जान गंवा दी है। रामश्री घर की मुखिया थी और वह अपनी महिला मंडली के साथ सत्संग के लिए निकली थी। जिस समय भगदड़ मची तो रामश्री अपनी महिला साथियों से बिछड़ गईं। वह बचने के लिए आगे बढ़ी तो गिर पड़ीं और दौड़ते, भागते लोगों के पैरों के नीचे कुचलती चली गईं। बुधवार को यूपी पुलिस महिला का शव लेकर ग्वालियर पहुंची। मुरार मुक्तिधाम में उनका अंतिम संस्कार किया गया। 

शहर के थाटीपुर जगजीवन नगर निवासी 45 वर्षीय रामश्री पत्नी स्व. दयाल सिंह अपने घर की मुखिया थी। साल 2014 में हार्ट अटैक से पति का देहांत होने के बाद वह पूरे घर को संभाले हुए थी। उनके तीन बेटे और दो बेटियां हैं, किसी की शादी नहीं हुई है। रामश्री हर साल अपनी महिला मंडली के साथ भोले बाबा के सत्संग में शामिल होने जाती थी। सोमवार-मंगलवार की रात दो गाड़ियों में सवार होकर ग्वालियर से करीब 12 महिलाएं सत्संग में शामिल होने के लिए हाथरस निकली थीं। 

मंगलवार को जिस समय हादसा हुआ सभी महिलाएं एक साथ थी। लेकिन, भोले बाबा के चरणों की धूल लेने के लिए के प्रयास में लोग धक्का मुक्की करने लगे। इस दौरान  बाबा के आदमियों ने लोगों को पीछे धकेलकर वाटर कैनन से पानी की बोछार कर दी। जिसके बाद वहां, भगदड़ मच गई। इसी समय रामश्री अपनी महिला मंडली से बिछड़ गई और भगदड़ के बीच लोगों के पैरों के नीचे कुचलने से उनकी मौत हो गई।  

भगदड़ की सूचना मिलते ही ग्वालियर से हाथरस गई महिलाओं के परिजन एक दूसरे को कॉल करने लगे, रामश्री के बेटे पंकज ने भी संपर्क किया। इस दौरान पता चला कि उनकी मां नहीं मिल रही हैं। कुछ देर बाद खबर आई कि रामश्री की मौत हो गई है। बुधवार दोपहर करीब 2 बजे हाथरस पुलिस रामश्री का शव लेकर ग्वालियर पहुंची। इस दौरान जगजीवन नगर में काफी संख्या में थाटीपुर पुलिस मौजूद रही। पुलिस को आशंका थी कि परिजन यहां जाम लगाकर हंगामा कर कर सकते हैं, हालांकि ऐसा कुछ हुआ नहीं। शव के ग्वालियर पहुंचते ही वहां लोगों की भीड़ एकत्रित हो गई। हर किसी की आंखे नम थीं। मुरार मुक्तिधाम में महिला का अंतिम संस्कार किया गया है।

रामश्री ने पति के देहांत के बाद पूरे परिवार को संभाला था। पांचों बच्चों की शादी की जिम्मेदारी उन पर थी। वह बच्चों से कह कर गई थीं कि अपना ख्याल रखना जल्दी आ जाऊंगी। लेकिन, उनकी मौत की खबर घर आई। 

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