प्रत्येक वर्ष हिन्दू पंचाग के अनुसार आषाढ़ मास की शुल्क पक्ष की द्वितीय तिथि को ...
कुलैथ में जब भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकलती है तो कुछ समय के लिये पुरी की यात्रा रुक जाती है
ग्वालियर। शहर से 15 किमी दूर ग्राम कुलैथ में भी भगवान जगन्नाथ विराजमान हैं। यहां भी ओडिशा के जगन्नाथपुरी की तरह प्रत्येक वर्ष हिन्दू पंचाग के अनुसार आषाढ़ मास की शुल्क पक्ष की द्वितीय तिथि को भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा गयी है। रविवार की शाम 4 बजे सबसे पहले भगवान जगन्नाथ को चावल के घट चढ़ाये गये फिर लोगों को प्रसाद में वितरण किया गया और इसके बाद भगवान जगन्नाथ नगर भ्रमण पर निकले है। इस बीच भगवान के दर्शनों के लिये हजारों की संख्या में भक्त उमड़ पड़े हैं।
ऐसा कहा जाता हैं कि जब कुलैथ में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकलती है तो उतने समय के लिये करीब 3.30 बजे पुरी की जगन्नाथ रथयात्रा के पहिये थम जाते है। पुरी में यह घोषणा की जाती है कि भगवान जगन्नाथ जी कुलैथ प्रस्थान कर चुके हैं।
देवी मंदिर जनकपुरी में करेंगे रात्रि विश्राम
भगवान जगन्नाथ जी की रथयात्रा से पहले भगवान के सामने चावल के घट चढ़ाए गए, जो चार हिस्सों में बंट गए। इसके बाद यह प्रसाद श्रद्धालुओं में बांटा गया है। इसके बाद रथ यात्रा निकाली गई। एक रथ में भगवान जगन्नाथ और दूसरी पालकी में बहन सुभद्रा और बलदाऊ जी विराजे हैं। यह रथयात्रा पूरे गांव में घूमते हुए शाम 6 बजे कुलैथ में ही स्थित देवी मंदिर जनकपुरी पहुंचेगी। यहां भगवान एक रात्रि आराम करेंगे। 8 जुलाई को घट चढ़ने के बाद रथयात्रा वापस मंदिर पहुंचेगी।
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