G News 24 : अब मनमर्जी नहीं, जनमर्जी चलेगी : अखिलेश यादव

 'अर्थव्यवस्था पर आंकड़े छुपा रही सरकार...

अब मनमर्जी नहीं, जनमर्जी चलेगी : अखिलेश यादव 

नई दिल्ली। लोकसभा की कार्यवाही एक बार फिर मंगलवार को शुरू हुई तो सपा सांसद अखिलेश यादव नेकेंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग, नीट और अग्निपथ जैसे मुद्दों को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा। इस दौरान दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ। लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के लिए धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा सांसद अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था पर आंकड़े छुपा रही है। 

अखिलेश यादव ने पहले लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को बोलने का मौका देने पर धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि सबसे पहले उन सभी मतदाताओं को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने लोकतंत्र को एकतंत्र बनाने से रोका। चुनाव के समय ऐसा कहा गया कि 400 पार पर समझदार जनता को फिर से धन्यवाद। उन्होंने कहा, 'आवाम ने तोड़ दिया हूकुमत का गुमार, दरवार तो लगा है, मगर बड़ा गमगीन बेनूर है और पहली बार ऐसा लग रहा है कि हारी हुई सरकार विराजमान है। जनता कह रही है कि चलने वाली नहीं, यह गिरने वाली सरकार है। क्योंकि ऊपर से जुड़ा कोई तार नहीं, नीचे कोई आधार नहीं, अधर में जो लटकी, वो तो कोई सरकार नहीं।'

उन्होंने कहा, 'इस चुनाव में पूरे इंडी गठबंधन की जीत हुई है। यह इंडिया की सकारात्मक जीत हुई है। 2024 का परिणाम हम इंडिया वालों के लिए जिम्मेदारी से भरा पैगाम भी है। हम यह भी कहे 15 अगस्त 1947 अगर आजादी का दिन था, तो 4 जून 2024 देश के लिए सांप्रदायिक राजनीति से आजादी का दिन रहा। सबसे अच्छी बात यह है कि सांप्रदायिक राजनीति की हार हो गई।'

उन्होंने आगे कहा, 'सरकार कहने को तो कहती है कि यह पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है। मगर सरकार क्यों छिपा रही है कि अगर यह सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है तो हमारे देश की प्रति व्यक्ति आय किस स्थान पर पहुंची है। हमने देखा है कि अगर दिल्ली सरकार ने कहा होगा पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनेगी, तो जहां से पीएम से चुनकर आती है, तो वहां की प्रदेश सरकार कह रही है कि हम एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बना लेंगे। अगर उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर बनना है तो 35 फीसदी की ग्रोथ चाहिए। मुझे नहीं लगता है कि इतनी ग्रोथ हो पाएगी।'

उन्होंने कहा, 'जो लोग चुनाव को अपनी तरह से मोड़ते हैं। मैं उनसे कहना चाहता हूं कि इस चुनाव के परिणाम में तोड़ने वाली राजनीति की हार हुई है। वहीं जोड़ने वाली राजनीति की जीत हुई है। इस चुनाव में धन, छल, बल की नकारात्मक राजनीति की शिकस्त हुई है। यह चुनाव सकारात्मक का दौर शुरू हुआ है। संविधान ही संजीवनी है। यह संविधान मंथन में हैं। संविधान रक्षकों की जीत हुई है। मैं कहना चाहता हूं कि देश किसी की निजी महत्वाकांक्षा से नहीं, बल्कि जन आंकाक्षा से चलेगा। मतलब अब मनमर्जी नहीं जनमर्जी चलेगी।'

सपा सांसद ने आगे कहा, 'पहली बारिश में टपकती छत और गिर चुकी स्टेशन की दीवार बेइमानी की निशानी बन गई है। विकास का ढिंढोरा पीटने वाले इस विनाश की जिम्मेदारी कब लेंगे। रही सच्चे विकास की बात तो हमने जो सड़कें बनाई तो उस पर हवाई जहाज इतने थे और यूपी की सड़कों पर नाव उतरी है। अगर और बारिश हुई तो नाव से ही चलना पड़ेगा। जनता को कोई सुविधा नहीं मिली है।'

उन्होंने कहा, 'अनाथ पशु की समस्याओं से छुटकारा दिलवाने के लिए बहुत वादे किए थे, लेकिन आजतक गन्ने का भुगतान तक नहीं दिया गया। अब तो वचन देने वाले लोगों को भी याद नहीं है। इसलिए जनता का इस सरकार पर से विश्वास उठ गया है।'

नीट पेपर लीक पर बोलते हुए अखिलेश यादव ने कहा, 'पिछले 10 सालों की उपलब्धि बस इतनी ही है कि शिक्षा परीक्षा माफिया का जन्म हुआ। यूपी में सारे पेपर लीक हुए हैं। यहां तक कि अन्य राज्यों में भी ऐसा ही हुआ। नीट का पेपर भी लीक हुआ। अब सवाल उठता है कि आखिरकार सारे पेपर लीक कैसे हो रहे हैं। सच्चाई यह है कि सरकार नौकरी नहीं देना चाहती है इसलिए ऐसा करा रही है। सरकार आशा का प्रतीक होना चाहिए न कि निराशा का।

उन्होंने आगे कहा, 'सरकार पीछे की बात न करके आगे की बात करे। जनता किसी के बहकावे में नहीं आएगी।' सपा सांसद ने कहा कि एक और जीत हुई है। अयोध्या में हुई जीत जनता की समझ की जीत है। हम तो यही सुनते आए हैं होए वही जो राम रचराखा।

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश ने कहा, 'जब मॉडल ऑफ कंडक्ट चुनाव हुआ तो सरकार काफी लोगों पर मेहरबान रही। मुझे ईवीएम पर कल भी भरोसा नहीं था और आज भी नहीं है। मुझे 80 सीटें भी मिल जाएं तब भी भरोसा नहीं होगा। मैंने अपने चुनाव में कहा था कि ईवीएम से जीतकर ईवीएम को हटाने का काम करेंगे। न ईवीएम का मुद्दा मरा है और न ही होगा खत्म। जबतक ईवीएम नहीं हटेगी हम लोग उस बात पर अड़ग रहेंगे।'

उन्होंने कहा, 'किसी भी देश की सबसे बड़ी प्राथमिकता कोई है तो वो देश की सीमाओं की सुरक्षा है। अग्निवीर जैसी व्यवस्थाओं से वो संभव नहीं है। हम अग्निवीर को कभी स्वीकार नहीं कर सकते। हम जब भी सत्ता में आएंगे, अग्निवीर खत्म कर देंगे।

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