अब किसानों की राशन-पानी साथ दिल्ली कूंच करने की है रणनीति...
हाईकोर्ट के आदेश के छह दिन बाद भी नहीं खुला शंभू बॉर्डर !
चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश छह दिन बीतने के बाद भी हरियाणा सरकार की ओर से शंभू बॉर्डर नहीं खोला गया है। हाईकोर्ट ने 10 जुलाई को एक हफ्ते में शंभू बॉर्डर आमजन के लिए खोलने का आदेश दिया था। इस लिहाज से कल 17 जुलाई को एक सप्ताह का समय पूरा हो जाएगा।
वहीं दूसरी ओर सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार धान रोपाई से फारिग होने के बाद पंजाब के किसानों ने शंभू बॉर्डर से 6 महीने का राशन-पानी साथ लेकर दिल्ली कूंच करने की है रणनीति बनाई है , एक बार फिर से पंजाब के किसानों की संख्या बढ़ती देख हरियाणा पुलिस की ओर से भी तैयारियां तेज कर दी गई है। बॉर्डर पर हरियाणा की तरफ पुलिस ने वज्र वाहन बढ़ा दिए हैं। इन सबके बीच किसानों ने दिल्ली कूच के लिए एक सप्ताह का समय और बढ़ा दिया है।
इससे पहले 17 और 18 जुलाई को किसान अम्बाला पुलिस अधीक्षक कार्यालय का घेराव करेंगे और उनका रास्ता रोके जाने का विरोध जताएंगे। इसके बाद 22 जुलाई को दिल्ली में किसानों ने कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में विपक्ष के नेताओं के साथ बैठक का अनुरोध किया है। उसके बाद आगामी रणनीति तैयार की जाएगी।
शंभू बॉर्डर पर मनजीत सिंह घुमाना की अगुवाई में हुई किसान संगठनों की बैठक के बाद कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर फैसला लिया गया है। खनौरी बॉर्डर पर भी रविवार को कई घंटों तक चली दोनों फॉर्मों की बैठक के बाद यह तय हुआ कि फिलहाल दिल्ली मार्च के लिए एक सप्ताह और इंतजार किया जाएगा।
इस बीच किसानों द्वारा 17 और 18 जुलाई को अंबाला पुलिस अधीक्षक कार्यालय के बाहर प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन पर चर्चा की गई और किसान नवदीप सिंह जलबेड़ा की रिहाई की मांग की गई।
बता दें कि किसान संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के उस फैसले पर विचार विमर्श करना शुरू कर दिया है जिसमें हरियाणा सरकार को शंभू बॉर्डर से बैरिकेड हटाने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने भी बॉर्डर बंद करने के सरकार के फैसले को गलत बताया है।
22 जुलाई को विपक्ष के नेताओं से मिलेंगे किसान
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि विपक्ष के पास मांग पत्र है और 22 जुलाई को कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में विपक्ष के नेताओं के साथ किसानों की एक बैठक का अनुरोध किया गया है। जहां पर इस विषय में विशेषज्ञ अपनी राय रखेंगे।
इस दौरान किसान विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात करेंगे और बजट सत्र में सी2+50 प्रतिशत लाभ के फॉर्मूले के आधार पर सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी के बारे में एक निजी विधेयक लाने की मांग करेंगे। इस बैठक में देश भर के 200 से अधिक किसान नेता शामिल हो सकते हैं।
बता दें कि शंभू बॉर्डर खोले जाने के कोर्ट के आदेश के बाद किसानों ने रविवार को पहले शंभू रूटीन मीटिंग व फिर खनौरी बॉर्डर पर बैठक की थी। बैठक में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के किसान नेता शामिल हुए थे। शंभू बॉर्डर पर यह बैठक किसान नेता सरवन सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल की अगुवाई में की गई थी।
गौरतलब है कि किसानों ने पांच महीने पहले ही दिल्ली मार्च करने का एलान किया था। इसके बाद से शंभू बॉर्डर को बंद कर दिया गया था। पंजाब और हरियाणा को अलग-अलग करने वाले इस बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस की तरफ से बैरिकेडिंग की गई थी।
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