मल्टीब्रांड आउटलेट, बैंक/ऑफिस, पेट्रोल पम्प, वेयर हाउस पर...
गारबेज शुल्क का युक्तियुक्तकरण किए जाने को लेकर MPCCI ने महापौर को सौंपा ज्ञापन
ग्वालियर। मध्यप्रदेश चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री (MPCCI) द्बारा मल्टीब्रांड आउटलेट, बैंक/ऑफिस, पेट्रोल पम्प, वेयरहाउस आदि पर आरोपित गारबेज शुल्क जो कि भोपाल, इंदौर, जबलपुर से अधिक है का युक्तियुक्तकरण किए जाने को लेकर आज अध्यक्ष-डॉ. प्रवीण अग्रवाल एवं मानसेवी सचिव-दीपक अग्रवाल द्बारा महापौर डॉ. श्रीमती शोभा सिकरवार को ज्ञापन सौंपा।
एमपीसीसीआई ने ज्ञापन के माध्यम से महापौर डॉ. श्रीमती शोभा सिकरवार को अवगत कराया कि नगर निगम द्बारा 31.01.2020 को गारबेज शुल्क का प्रस्ताव तैयार किया गया था जो कि भोपाल, इंदौर, जबलपुर की तुलना में अधिक था जिसे नगर निगम परिषद में प्रस्तुत कर उसका युक्तियुक्तकरण करने का निर्णय लिया गया था। इसी के साथ नगर निगम ग्वालियर द्बारा 22.09.2020 को गारबेज शुल्क का एक अन्य प्रस्ताव संकल्प क्रमांक 102/22.09.2020 है, वह पारित किया गया था लेकिन जब गारबेज शुल्क के युक्तियुक्तकरण पर परिषद में चर्चा हुई थी तो इस प्रस्ताव पर चर्चा होने से रह गई और परिषद के निर्णय के बाद आयुक्त नगर निगम द्बारा 11.08.2023 को जो प्रस्ताव तैयार करके आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास म.प्र. भोपाल को भेजा गया, उसमें भी इसका उल्लेख नहीं था।
आयुक्त नगर निगम ग्वालियर द्बारा 11.08.2023 का जो प्रस्ताव भेजा गया था उसके मुताबिक 1000 वर्गफीट तक ही गैर आवासीय क्षेत्र पर गारबेज शुल्क निर्धारित किया गया है। जबकि जो टी.सी. आते हैं, वह दुकान यदि 1000 वर्गफीट से अधिक होती है तो उसे गोदाम में परिवर्तित कर देते हैं और 10 हजार रूपये गारबेज शुल्क मांगते हैं। आयुक्त नगर निगम ग्वालियर के 11.08.2023 का प्रस्ताव जो स्वीकृत होकर प्रचलित है, उससे स्पष्ट होता है कि गारबेज शुल्क केवल 1000 वर्गफीट तक ही लागू है तो फिर उससे अधिक गैर आवासीय क्षेत्र से गारबेज शुल्क नहीं लिया जाना चाहिए। इसलिए 1000 वर्गफीट के बाद से गैर आवासीय को गारबेज शुल्क से मुक्त किया जाये।
22.09.2020 के प्रस्ताव में मल्टीब्रांड आउटलेट, बैंक/ऑफिस, पेट्रोल पंप, वेयर हाउस, शोरूम सह वर्कशॉप आदि श्रेणियों का युक्तियुक्तकरण होने से रह गया है। साथ ही, गारबेज शुल्क के संबंध में 11.08.2023 के प्रस्ताव में 2022-23 और 2023-24 से लागू माना गया है और जिस भूमि भवन स्वामी ने 11.08.2023 से पहले सम्पत्ति कर जमा कर दिया है, वह बढी हुई दर से जमा किया है, उसे आगामी वर्षों में समायोजित नहीं किया जा रहा है। इस अधिक को आगामी वर्षों में समायोजित किया जाना चाहिए।
एमपीसीसीआई ने ज्ञापन के माध्यम से उक्तानुसार मदों के युक्तियुक्तकरण के लिए आगामी परिषद की बैठक में प्रस्तुत कर, युक्तियुक्तकरण किए जाने की मांग की। साथ ही, कहा कि जब तक गारबेज शुल्क की विसंगति दूर नहीं हो जाती है एवं 22.09.2020 के प्रस्ताव का युक्तियुक्तकरण नहीं हो जाता है तब तक 6% छूट के साथ सम्पत्ति कर, जमा करने की तिथि को बढाया जावे क्योंकि पोर्टल पर गारबेज शुल्क को संपत्ति कर से लिंक किया गया है और भूमि-भवन स्वामी बिना गारबेज शुल्क के संपत्ति कर जमा नहीं कर सकते हैं।
महापौर डॉ. श्रीमती शोभा सिकरवार ने पदाधिकारियों की बात को गंभीरतापूर्वक सुना एवं कहा कि आपके द्बारा उठाये गये बिन्दुओं को एमआईसी एवं परिषद की बैठक में लाकर समस्या का समाधान किया जाएगा।
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