मंगलवार को आयोजित की जा रही “जन-सुनवाई” सुशासन की अवधारणा पर खरी उतर रही है...
DM ने सोमवती व सावित्री की समस्याओं का व्हीसी के जरिए निर्देश देकर कराया समाधान !
ग्वालियर। सोमवती और सावित्री देवी भरोसा नहीं कर पा रही थीं कि उनके काम इतनी आसानी से हो जायेंगे। दोनों ने कलेक्ट्रेट की जन-सुनवाई में अपनी-अपनी अर्जी लगाई थी। कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से संबंधित अधिकारियों से चर्चा कर उनकी समस्याओं का समाधान करा दिया। इससे साबित हुआ कि प्रदेश सरकार द्वारा हर मंगलवार को आयोजित की जा रही “जन-सुनवाई” सुशासन की अवधारणा पर खरी उतर रही है।
मंगलवार को कलेक्ट्रेट की जन-सुनवाई में जनपद पंचायत मुरार के ग्राम पारसेन निवासी श्रीमती सावित्री देवी पहुँची थीं। उन्होंने कलेक्टर श्रीमती चौहान को आवेदन देकर अपनी व्यथा सुनाई कि मेरे पति सुरेन्द्र सिंह की मृत्यु हो चुकी है, लेकिन उनका मृत्यु प्रमाण-पत्र हमें नहीं मिल पाया है, जिससे मेरे कई काम रूके हैं। कलेक्टर श्रीमती चौहान ने जनसुनवाई से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुरार जनपद पंचायत के सीईओ अतुल सक्सेना को निर्देश देकर मृत्यु प्रमाण-पत्र बनवा दिया।
इसी तरह भितरवार जनपद पंचायत के ग्राम बन्हेरी निवासी श्रीमती सोमवती जाटव ने कलेक्टर श्रीमती चौहान को अपनी समस्या बताते हुए कहा कि मेरा विवाह हो चुका है लेकिन मायके की समग्र आईडी से मेरा नाम नहीं कटा है, इस वजह से ससुराल की समग्र आईडी में अपना नाम नहीं जुड़वा पा रही हूँ। कलेक्टर ने भितरवार जनपद पंचायत के सीईओ एल एल पिप्पल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से चर्चा की और सोमवती की समस्या का समाधान करा दिया। जन-सुनवाई में देखते ही देखते समस्याओं का समाधान पाकर सोमवती और सावित्री देवी सरकार के प्रति कृतज्ञता से भर गईं। उनके साथ आए परिजन भी कहने लगे कि सही मायने में सुशासन यही है कि आम जनता की समस्या का समाधान कम से कम समय में हो जाए।
बता दें आम जन की समस्याओं का जल्द से जल्द निराकरण करने के उद्देश्य से कलेक्ट्रेट की जन-सुनवाई का दायरा बढ़ाया गया है। इस बार हुई कलेक्ट्रेट की जन-सुनवाई में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए डबरा, भितरवार, घाटीगाँव व मुरार ग्रामीण के एसडीएम एवं इन सभी जनपद पंचायतों के सीईओ भी जुड़े थे। जाहिर है इन क्षेत्रों से जन-सुनवाई में आए लोगों की समस्याओं का त्वरित समाधान सूचना प्रौद्योगिकी के जरिए हुआ।
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