G News 24 : स्मार्ट चिप कंपनी का काम बंद, 88 करोड़ भुगतान की मांग

 परिवहन विभाग की बढ़ी मुसीबत !

स्मार्ट चिप कंपनी का काम बंद, 88 करोड़ भुगतान की मांग 

ग्वालियर। परिवहन विभाग के लिए प्रदेशभर में काम करने वाली स्मार्ट चिप कंपनी ने काम बंद कर दिया है इसके पीछे परिवहन विभाग और स्मार्ट चिप कंपनी के बीच भुगतान को लेकर चला आ रहा मसला और टेंडर रिन्यूअल न होना है। मंगलवार को स्मार्ट चिप कंपनी के प्रतिनिधियों व कर्मचारियों ने कार्यालय में ताले डाल दिए जिसके बाद मुख्यालय सहित पूरे विभाग में हडकंप  मच गया। कंपनी का टेंडर 30 जून 2024 को खत्म हो गया है।

88 करोड रुपये का भुगतान लंबित

कंपनी का 88 करोड रुपये का भुगतान लंबित है जिसको लेकर यह विरोध किया जा रहा है। स्मार्ट चिप कंपनी के पास ड्राइविंग लाइसेंस से लेकर वाहनों के रजिस्ट्रेशन का काम है जिसके बाद अब यह कार्य प्रभावित होगा। वहीं परिवहन विभाग के अधिकारी इसको लेकर कुछ भी कहने से बच रहे है। इस मुद्दे को लेकर मंगलवार शाम अधिकारियों की बैठक भी हुई।

स्मार्ट चिप कंपनी को लेकर कोर्ट में भी मामला

बता दें कि 2003 से गुडगांव की स्मार्ट चिप कंपनी परिवहन विभाग के लिए ड्राइविंग लाइसेंस व रजिस्ट्रेशन कार्ड बनाने का काम कर रही है। बीच-बीच में इस कंपनी और परिवहन विभाग के बीच विवाद हुए और काम होल्ड हुआ। स्मार्ट चिप कंपनी को लेकर कोर्ट में भी मामला पहुंच चुका है जिसके याचिकाकर्ता की ओर से निशुल्क सेवा की बजाए राशि लिए जाने की शिकायत की गई थी। स्मार्ट चिप कंपनी का काम दो से तीन बार नवीनीकृत किया जा चुका है। हाल में ही तत्कालीन परिवहन आयुक्त एसके झा ने इस कंपनी के काम को एक साल के लिए नवीनीकरण की अनुमति प्रदान की थी।

आवेदकों को हो सकती है परेशानी

बड़ी संख्या में आवेदक रोजाना क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों में ड्राइविंग लाइसेंस लेकर रजिस्ट्रेशन कार्ड लेने आते हैं। यह पूरा काम स्मार्ट चिप कंपनी के पास है, जिसमें इनके पास हर जिले में कम्प्यूटर सिस्टम, संसाधन व कर्मचारी हैं, ऐसे में रोज आने वाले आवेदकों को अब यह मसला हल न होने तक ड्राइविंग लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन कार्ड नहीं मिल सकेंगे। वहीं परिवहन विभाग ने वैकल्पिक तौर पर अपने कर्मचारी तैनात करने का दावा किया है जिससे आवेदकों को कोई परेशानी न हो। एचके सिंह, आरटीओ ग्वालियर ने कहा कि स्मार्ट चिप कंपनी के कर्मचारी काम नहीं कर रहे हैं उनका कहना है कि उनकी कंपनी ने काम करने से मना किया है, टेंडर नवीकरण कर दिया गया है, इसके बाद भी काम नहीं करेंगे तो हम अपनी व्यवस्था बनाएंगे। मंगलवार को वैकल्पिक व्यवस्था बनाई गई, जिससे आवेदक परेशान न हों।

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