अग्निशमन सुरक्षा पर ‘चेम्बर भवन` में चर्चा आयोजित...
60 मीटर बिल्डिंग के लिए फायर फाइटिंग सिस्टम नगर निगम के पास उपलब्ध हो : MPCCI
ग्वालियर। म.प्र. चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री द्बारा आज ‘चेम्बर भवन` में अग्निशमन सुरक्षा पर चर्चा का आयोजन किया गया। चर्चा में नेशनल बिल्डिंग कोड एक्सपर्ट के रूप में कार्यकारिणी समिति सदस्य-आशुतोष अग्रवाल एवं नगर से अधिकृत फायर कंसल्टेंट्स एवं काफी संख्या में व्यापारी एवं उद्योगपतियों ने अग्निशमन सुरक्षा के संबंध में अपनी जिज्ञासाओं का समाधान जाना।
अध्यक्ष-डॉ. प्रवीण अग्रवाल ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि अपने संस्थान, अपने जान-माल को सुरक्षित रखना है तथा अपने यहां आने वाले आगंतुकों को भी सुरक्षित रखना है तो उन्हें अग्निशन सुरक्षा के लिए क्या कराना होगा, वह करेगा कौन, रूपया कितना लगेगा तथा एनओसी मिलेगी कैसे? इन सभी बिन्दुओं पर विचार करके चेम्बर पदाधिकारियों द्बारा एक कार्ययोजना बनाई गई है। इसी कार्ययोजना के तहत ही आज पहली चर्चा आयोजित की गई है। इसमें हम यह जानेंगे कि फायर एनओसी किस पर लागू होती है और कौन इससे अछूते हैं। आपने कहा कि यदि हम इस दायरे में नहीं आते हैं तब भी हमें फायर सुरक्षा को सकारात्मक रूप से लेना चाहिए। इसमें आने वाली परेशानियों को दूर करने में व्यवसायियों की मदद चेम्बर ऑफ कॉमर्स करेगा।
नेशनल बिल्डिंग कोड में फायर एनओसी के लिए दी गई गाइडलाइन को एक्सपर्ट-आशुतोष अग्रवाल ने पॉवर पॉइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया कि आपके परिसर एवं उसके उपयोग के हिसाब से गाइडलाइन में अलग-अलग नॉर्म्स दिये गये हैं। आपने कहा कि हमें स्वयं तथा अपने परिजनों तथा हमारे कारोबार को सुरक्षित रखने के लिए फायर सेफ्टी अपनाने की बेहद जरूरत है। आपने कहा कि हमें आग को रोकने के प्राथमिक उपाय सभी को आवश्यक रूप से करना चाहिए।
फायर एक्सटिंगिशर ऐसा उपकरण है जो कि हर प्रकार के परिसर में लगाया जाना चाहिए ताकि आग को तुरंत बुझाया जा सके। आपने कहा कि आवासीय उपयोग की इमारत जो कि 15 मीटर से कम है तथा 15 रूम तक है तब उसमें फायर एक्सटिंगिशर तथा स्प्रिंकलर का उपयोग तब लगाना आवश्यक है जब बेसमेंट 200 मीटर से ज्यादा हो। व्यवसायिक उपयोग जैसे होटल जिनकी हाईट 15 मीटर तक तथा फ्लोर एरिया 300 मीटर तक है तो उसमें फायर एक्सटिंगिशर तथा फर्स्ट एड हौजरील, नॉर्मल फायर ऑपरेटिंग अलार्म स्प्रिंकलर लगाना आवश्यक है। यदि ग्राउण्ड + 1 से ज्यादा है तो हाईड्रेंट भी लगाना होगा। असेम्बली बिल्डिंग जिनमें 300 लोगों की कैपिसिटी हो तो शादी-विवाह तथा पब्लिक यूटिलिटी होती है तो फायर एक्सटिंगिशर, फर्स्ट एड रील, स्प्रिंकलर तथा हाईड्रेंट लगाना होगा। मर्केन्टाइल में दुकान/शोरूम आते हैं जो कि 15 मीटर तक हाईट है तथा ग्राउण्ड फ्लोर 500 मीटर से ज्यादा नहीं है तो उसमें फायर एक्सटिंगिशर तथा फर्स्ट एड हौज रील होना चाहिए। हौजरील के लिए कम से कम 5000 लीटर का वाटर टैंक होना चाहिए। इण्डस्ट्री के लिए फायर एनओसी अनिवार्य रूप से कराना है।
नगर निगम के अधिकृत फायर कंसल्टेंट-भगवती कुश्वाह ने बताया कि फायर एनओसी के लिए बिल्डिंग परमीशन अनिवार्य है तथा सभी फायर औपचारिकताओं को पूर्ण करने के बाद अधिकतम 60 दिनों में फायर एनओसी प्रदान कर दी जाती है।
चर्चा में शामिल कारोबारियों ने अपने जिज्ञासाओं संबंधी प्रश्न भी चर्चा में किये गये जिनका समाधान एक्सपर्ट द्बारा किया गया। व्यवसायियों ने कहा कि नगर निगम के पास 52 मीटर से अधिक की बिल्डिंग में आग बुझाने का सिस्टम नहीं है, इसे बढाकर 60 मीटर तक किया जाना चाहिए। जो पुरानी इमारतें हैं, उन सभी के पास नगर निगम की परमीशन हो, यह आवश्यक नहीं है इसलिए शपथ पत्र को परमीशन के लिए मान्यता प्रदान की जाना चाहिए। इसके साथ ही प्राइवेट फायर बिग्रेड सिस्टम डेवलप किया जाना चाहिए। वाटर प्रिमिक्सड बाइक जैसे आधुनिक उपायों को निगम को अपना चाहिए।
चर्चा में अध्यक्ष-डॉ. प्रवीण अग्रवाल ने कहा कि जिन सदस्यों को फायर एनओसी के संबंध में नोटिस प्राप्त हुए हैं, उनकी एक प्रति चेम्बर ऑफ कॉमर्स को दें तो उन सभी नोटिसेस पर वन टू वन चर्चा निगम अधिकारियों के साथ की जाएगी इसके साथ ही, नगर निगम को आधुनिक फायर सिस्टम अपनाने जिसमें 60 मीटर तक की बिल्डिंग पर अग्नि दुर्घटना होने को रोकने के उपाय हों, इसकी मांग चेम्बर ऑफ कॉमर्स द्बारा की जाएगी।
बैठक का संचालन कर रहे मानसेवी सचिव-दीपक अग्रवाल ने कहा कि दिनांक 16.12.2022 के एक सर्कुलर द्बारा फायर एनओसी प्राप्त नहीं करने पर लाखों रूपये की पेनाल्टी आरोपित की गई है, जिसका विरोध चेम्बर सहित पूरे म.प्र. के संगठनों द्बारा किया जा रहा है और फेडरेशन के माध्यम से इस बात को शासन तक पहुंचाया गया है कि बिना किसी नोटिस के कारोबारियों पर भूतलक्षी प्रभाव से फायर एनओसी के लिए पेनाल्टी मांगी जा रही है, जो कि न्यायोचित नहीं है।
चर्चा का संचालन मानसेवी सचिव-दीपक अग्रवाल द्बारा तथा आभार कोषाध्यक्ष-संदीप नारायण अग्रवाल द्बारा व्यक्त किया गया। चर्चा में उपाध्यक्ष-डॉ. राकेश अग्रवाल सहित कार्यकारिणी समिति सदस्य-महेन्द्र साहू, आशीष अग्रवाल, रोशन गाबरा, नंदकिशोर गोयल, रवि मित्तल, चंद्रकांत अग्रवाल, विधिक जागरूकता उपसमिति के संयोजक-शैलेष जैन, सदस्यगण-सुदर्शन झंवर, संजय धवन, नमन गोयल, सुशील सुराना, गिरधारीलाल चावला, गोपाल दास गोयल, हरीश नागपाल, सुदर्शन गोयल, आशीष जैन, पीयूष गोयल, जय गाबरा, अंकुर गोयल, राजीव अग्रवाल आदि उपस्थित रहे।
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