G News 24 : चेतकपुरी नर्सरी के पास बिल्डरों ने काटे 500 पेड़,एनजीटी से हुई शिकायत !

  एक तरफ तो प्रशासन शहर में 10 लाख पौधे लगाने की बात कर रहा है और उधर ...

चेतकपुरी नर्सरी के पास बिल्डरों ने काटे 500 पेड़,एनजीटी से हुई शिकायत !

ग्वालियर। चेतकपुरी नर्सरी के पास बेशकीमती जमीन पर शहर के बड़े बिल्डरों के कब्जे की शिकायत के बाद अब 500 पेड़ काटे जाने की शिकायत नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) तक पहुंची है। इसमें बताया गया है कि करोड़ों की बेशकीमती शासकीय नहर, बाग, उद्यान की भूमि ग्राम ललितपुर तहसील व जिला ग्वालियर के भूमि सर्वे क्रमांक 243, 244, 245, 246, 247 और अन्य शासकीय सर्वे नंबरों की भूमि को अतिक्रमणकारियों व भूमाफिया द्वारा हरे-भरे लगभग 500 वृक्षों को बिना नगर निगम की अनुमति के काटा गया है। एक तरफ तो प्रशासन शहर में 10 लाख पौधे लगाने की बात कर रहा है और उधर बिल्डरों ने काटे डाले 500 पेड़,इसकी एनजीटी से शिकायत भी की गई है अब देखना है प्रशासन क्या कदम उठता है। 

प्रशासन की टीम अब यहां कब्जे के मामले में पुराने रिकार्ड को खंगाल रहा है लेकिन जांच में सुस्ती दिख रही है। शिकायतकर्ता कैलाश अग्रवाल ने बताया कि ग्राम ललितपुर तहसील व जिला ग्वालियर के भूमि सर्वे क्रमांक 243, 244, 245, 246, 247 पर भूमाफिया और अतिक्रमणकारियों द्वारा अवैध रूप से बिना किसी न्यायालयीन आदेश से खुर्दबुर्द किया जा रहा है। शासकीय जमीन पर प्लाटिंग का कार्य कर अवैध रूप से विक्रय किए जा रहे हैं। ग्राम ललितपुर तहसील व जिला ग्वालियर जीवाजी क्लब के पीछे उक्त शासकीय भूमि पर भूमाफिया द्वारा राजस्व विभाग व टाउन एंड कंट्री प्लानिंग ग्वालियर से बिना विकास अनुज्ञा प्राप्त कर अवैध रूप से निर्माण कार्य किया जा रहा है। 

भूमि पर लगे हरे भरे पेड़ों की कटाई भी उक्त माफिया द्वारा की गई हैं।

शिकायतकर्ता ने लिखा है कि ग्राम ललितपुर के मिसिल बंदोबस्त सवत 1997 (वर्ष 1940) के अनुसार भूमि शासकीय है जबकि भूमाफियाओं द्वारा उक्त शासकीय भूमि को बेचने का कार्य किया जा रहा है जो कि पूरी तरह से राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत से किया जा रहा है, जो भ्रष्टाचार का सीधा सीधा उदाहरण है। शासकीय जमीनों पर खुलेआम अवैध कब्जे और अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नामांतरण किये जा रहे हैं, लेकिन जिनके ऊपर शासकीय जमीनों को बचानें का जिम्मा हैं वो जिम्मेदार अधिकारी आंखें मूंदें बैठे हुए हैं। 

शिकायत अनुसार समस्त सर्वे नंबर शासकीय नहर एवं बाग,उद्यान के नाम से मिसिल बंदोबस्त में दर्ज है और उक्त भूमि पर पूर्व में लगभग 500 हरे-भरे वृक्ष कई प्रजाति के उक्त भूमि पर लगे हुए थे किन्तु भू-माफिया द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों की सांठगांठ से बिना नगर निगम की अनुमति से उक्त वृक्षों को काट डाला। इस संबंध में विगत पूर्व का गूगल मैप देखा जा सकता है कि उक्त स्थान पर कितनी हरियाली थी और चारो तरफ हरा-भरा था। इस मामले में प्लाटिंग पर रोक लगाने की मांग की गई है।

Reactions

Post a Comment

0 Comments