G News 24 : सावन में अचलनाथ पर शिवभक्तों की टोलियों के लिए 30 से 40 मिनिट के स्लाट निर्धारित !

  श्रावण में टोलियों के रूप में शिवभक्त बेलपत्र अर्पित कर अचलनाथ का करते हैं अभिषेक !

सावन में अचलनाथ पर शिवभक्तों की टोलियों के लिए 30 से 40 मिनिट के स्लाट निर्धारित !

ग्वालियर। श्रावण मास में शिवभक्तों की प्राचीन अचलेश्वर मंदिर पर अधिक संख्या में होने की संभावना हैं। मंदिर संचालन समिति ने श्रद्धालुओं की सुविधाएं के लिए नये सिरे से मंदिरों की व्यवस्थाओं का चाक चौबंद करना शुरू कर दिया है। श्रावण मास में टोलियों में शिवभक्त बेलपत्र अर्पित कर भगवान अचलनाथ का अभिषेक करते हैं। एक माह अभिषेक करने वाली शिवभक्तों की टोलियों के लिए 30 से 40 मिनिट के स्लाट निर्धारित किए जा रहे हैं।

सावन में केवल दो घंटे के लिए मंदिर के पट बंद होंगे। अभिषेक के साथ दर्शनार्थियों के लिए कोई परेशानी नहीं हुई। इसके लिए गर्भगृह को दो भागों में बांटा जाएगा। एक तरफ से श्रद्धालु दर्शन करेंगे। दूसरी तरफ बैठक शिवभक्त अभिषेक करेंगे। मंदिर के प्रबंधक वीरेंद्र शर्मा व पुजारी पंड़ित सुदामा ने बताया कि पूरे एक माह भगवान अचलनाथ को बेलपत्र अर्पित करने के लिए शिवभक्तों का टोलियों का समय पहले से निर्धारित किया जा रहा है।

 गुरुपूर्णिमा की रात से अभिषेक का सिलसिला शुरू हो जाएगा। प्रत्येक टोली को अभिषेक व बेलपत्र अर्पित करने के लिए 30 से 40 मिनिट का समय दिया जाएगा। रात 12 बजे से अभिषेक का सिलसिला शुरू होकर दोपहर तीन बजे तक चलेगा। दोपहर तीन से पांच बजे तक मंदिर के पट बंद रहेंगें।

श्रावण मास में होने वाले अनवरत अभिषेक से दर्शनार्थियों को काई परेशानी न हो, इसका भी ध्यान रखा जा रहा है। मंदिर के एक साइड अभिषेक करने वाले बैठेंगे। दूसरी साइड से दर्शनार्थी दर्शन करने के लिए मंदिर में प्रवेश करेंगे। दोनों लोग एक दूसरे की लक्ष्मण रेखा को पार कर व्यवस्थाओं को नहीं बिगाड़ सके, इसके लिए बीच पार्टिशन लगाया जाएगा। 

मंदिर संचालन समिति की इस बार कोशिश है कि श्रवण मास में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए बाउंसर की तैनाती नहीं की जाएगी। यह व्यवस्था सेवादार संभालेंगे। सेवादारों से आधार कार्ड लेकर उनके कार्ड बनाए जायेंगें। उनके कार्ड पर ड्यूटी का समय भी तय होगा। मंदिर संचालन समिति ने जिला प्रशासन के साथ पुलिस को सूचना दे दी कि इस बार श्रावण मास पर पूर्व से अधिक भीड़ श्रद्धालुओं की रहेगी, क्योंकि मंदिर का नवनिर्माण हुआ है। नई जलहरी की प्रतिष्ठा करने के साथ शिव परिवार की पुर्न प्राण प्रतिष्ठा की गई है। इसलिए अधिक संख्या में श्रद्धालुओं के मंदिर पर आने की संभावना है। समिति ने जिला प्रशासन से भी श्रद्धालुओं की सुरक्षा की व्यवस्था करने का अनुरोध किया है।

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