बदले की आग में मौत का तांडव मचाता रहे इजरायल का अब जाकर हुआ बदला पूरा !
इजरायल ने 298 दिन, 7152 घंटे बाद ईरान में घुसकर इस्माइल हनियेह को पहुंचाया जहन्नुम !
इजरायल और हमास के बीच जंग जारी है, हमास पर इजरायल मौत का तांडव मचाए हुए है, हर दिन हमास को खत्म करने की कसम को पूरा कर रहा है, इसी बीच इजरायल को बहुत बड़ी सफलता मिली है, 7 अक्टूबर को इजरायल पर हुए हमले में मास्टरमाइंड हमास प्रमुख इस्माइल हानियेह को भी आखिर मार ही डाला. ईरान के अर्धसैनिक बल रिवोल्यूशनरी गार्ड ने बुधवार सुबह बताया कि हमास नेता इस्माइल हानिया की तेहरान में हत्या कर दी गई.
हानिया की मौत ने दुनिया के कई देशों में हलचल पैदा कर दी है. ईरान के इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) ने कहा है कि तेहरान में हानिया के घर को रात 2 बजे निशाना बनाकर स्ट्राइक की गई. इसमें हमास चीफ इस्माइल और उसके एक बॉडीगार्ड की मौत गई.
30 जुलाई को ईरान राष्ट्रपति से मिले, शाम को काम तमाम
हानिया मंगलवार को ईरान के राष्ट्रपति मसूद पजशकियान के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए तेहरान में थे. बताया गया है कि ईरान के सुप्रीम लीडर खुमैनी ने इस घटना के बाद सिक्योरिटी काउंसिल की इमरजेंसी बैठक बुलाई है. वहीं अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि अगर इजराइल पर हमला हुआ तो उसकी मदद की जाएगी.
मोसाद पर आरोप
प्रधानमंत्री बेंजामिंन नेतन्याहू की सीक्रेट एजेंसी मोसाद ने हानिया को ईरान में घुसकर मार गिराया है. मालूम हो कि हानिया ईरान के राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण में बतौर गेस्ट शामिल होने आया था. यह पहली बार है जब हमास के किसी नेता की मौत की खबर इजरायल की तरफ नहीं जारी हुई है. आईआरजीसी ने बताया कि वे ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने तेहरान पहुंचे थे. इससे पहले वह मंगलवार को ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह खमेनेई से भी मुलाकात की थी.
इजरायल ने खाई थी कसम
हमास ने 7 अक्टूबर को इजरायल पर किए गए विनाशकारी हमला किया था, जिसके बाद ही इजरायल ने हनीयेह और हमास के अन्य नेताओं को मारने की कसम खाई थी, जिसमें 1,200 लोग मारे गए थे और 251 बंधक बनाए गए थे.
इजरायल ने पहले बेटों को मारा
इजराइल ने उत्तरी गाजा पट्टी में किए एक हवाई हमले में हमास के मुखिया इस्माइल हानिया के तीन बेटों को मार गिराया था. हानिया ने खुद अपने बेटों की मौत की पुष्टि की थी. हमास ने कहा था कि हनियेह का एक पोता और तीन पोतियां भी हवाई हमले में मारे गए थे. हमास ने कहा कि गाजा शहर के शाती कैंप में वह कार से जा रहे थे, तभी उनके ऊपर बम बरसे, जिसके बाद हजेम, अमीर और मोहम्मद की मौत हो गई.
बहन को मारा
हमास ने इसी साल बताया था कि गाजा में शाति शरणार्थी शिविर पर IDF के हमले में हमास नेता इस्माइल हानिया की बहन की मौत हो गई. हमास ने कहा था कि इजरायली हमले में अल-शाति शरणार्थी शिविर में हनीयेह परिवार के घर पर हमला हुआ. इसके परिणामस्वरूप हमास आंदोलन के नेता भाई इस्माइल हनीयेह की बहन सहित दस नागरिक मारे गए थे. बहन की मौत के बाद भड़के हानिया ने इजरायल को धमकाते हुए कहा, "हमारे लोगों के खून के साथ उसका खून मिलने से हम और मजबूत होंगे."
अमेरिका बोला- अगर इजरायल पर हमला हुआ तो...
अमेरिकी रक्षा मंत्री लायड आस्टिन ने ईरान में हमास नेता इस्माइल हानिया की मौत के बाद बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा, अगर इजरायल पर हमला हुआ तो हम उसकी रक्षा में मदद करेंगे. दरअसल, ईरान में हानिया की मौत के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि ईरान इजरायल पर हमला कर सकता है.
दोहा में बैठकर हमास का संचालन कर रहा था इस्माइल हानिया
साल 1948 की बात है अरब-इजराइल लड़ाई के दौरान हानिया के माता-पिता अशकोन से भागे थे और गाजा पट्टी के एक शरणार्थी शिविर में रहते थे. गाजा पट्टी के अल-शती नामक इसी शरणार्थी शिविर में इस्माइल का जन्म 29 जनवरी 1962 को हुआ था. तब यह इलाका मिस्र के कब्जे में हुआ करता था. हानिया ने साल 1989 में गाजा इस्लामिक विश्वविद्यालय से अरबी साहित्य में स्नातक की डिग्री हासिल की. विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान ही हानिया फिलिस्तीनी आतंकवादी संगठन हमास से जुड़ गया था. इससे साल 1985-86 में वह मुस्लिम ब्रदरहुड की अगुवाई करने वाली छात्र परिषद का प्रमुख था. साल 1997 में हमास ने उसका कद बढ़ा दिया.
2006 में बना था प्रधानमंत्री, अगले ही साल बर्खास्त
हमास के संस्थापक अहमद यासीन की साल 2004 में इजराइल की एयर स्ट्राइक में मौत हो गई. इसके बाद साल 2006 में हुए संसदीय चुनाव में जीतने के बाद इस्माइल हानिया को फिलिस्तीन का प्रधानमंत्री बनाया गया था. 14 जून 2007 को हमास और फतह के बीच संघर्ष हुआ तो तत्कालीन राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने हानिया को प्रधानमंत्री पद से बर्खास्त कर दिया था. हालांकि, हानिया ने राष्ट्रपति के उस आदेश को मानने से इनकार कर दिया और फिलिस्तीन सरकार से अलग होकर हमास के गाजा पट्टी लौट आया. यहां उसने प्रधानमंत्री के तौर पर काम करना जारी रखा.
2016 में हमास का मुखिया चुन लिया गया हानिया
मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि सितंबर 2016 में हमास के तत्कालीन राजनीतिक ब्यूरो प्रमुख रहे खालिद मशाल की जगह हानिया को देने की घोषणा की गई थी. हानिया को 6 मई 2017 को हमास का राजनीतिक प्रमुख चुन लिया गया. साल 2017 तक उसने खुद को ही फिलिस्तीन का पीएम बताया. हमास में हानिया का इतना दबदबा है कि अगस्त 2021 में एक बार फिर उसको अपना मुखिया निर्विरोध चुना. हानिया को तब हमास में फैसला लेने वाली शूरा परिषद ने चार साल का कार्यकाल दिया था. साल 2018 में अमेरिका के विदेश विभाग ने हानिया को आतंकवादी घोषित किया था.
दोहा में आलीशान जीवन जीता था हानिया
हानिए कतर की राजधानी दोहा में शान-ओ-शौकत से रहता था और हमास की अगुवाई करता है. इसका कारण बताया जाता है कि मिस्र ने हानिया के गाजा पट्टी आने पर प्रतिबंध लगा रखा था. मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि हमास के मुखिया इस्माइल की कुल संपत्ति लगभग 16 हजार करोड़ रुपए के बराबर है. दोहा में उसके पास एक पेंट हाउस है, जिसकी सुविधाएं किसी फाइव स्टार होटल के जैसी हैं. उसके पास 25 से ज्यादा लग्जरी गाड़ियां हैं, जिनकी कीमत करोड़ों रुपए बताई जाती है. इसके अलावा उसके पास प्राइवेट जेट भी है.
हानिया की हत्या के लिए सजा जरूर मिलेगी
हमास के अल-अक्सा टीवी ने वरिष्ठ अधिकारी मूसा अबू मरज़ूक के हवाले से कहा है कि इस्माइल हानिया की हत्या एक कायरतापूर्ण कृत्य है, जिसकी सजा जरूर मिलेगी. इसका बदला लिया जाएगा.
इजरायल के मंत्री ने मनाया जश्न
इजराइल के मंत्री अमीचाई एलियाहू ने कहा कि हमास नेता की हत्या से दुनिया बेहतर होगी. एलियाहू ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, इन नश्वर लोगों पर कोई दया नहीं है.
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