ALM को लगभग एक दशक पहले आतंकवादी संगठन मानते हुए प्रतिबंधित कर दिया गया था...
इस्लाम के नाम पर आंतकवादी संगठन चलाने वाले अंजेम चौधरी को 28 साल की सजा !
नई दिल्ली। ब्रिटिश-पाकिस्तानी उपदेशक अंजेम चौधरी को आतंकवादी संगठनचलाने का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। अल जजीरा ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अंजेम चौधरी को पिछले सप्ताह अल-मुहाजिरून (ALM) चलाने का दोषी पाया गया था। इस संगठन को एक दशक से भी अधिक समय पहले आतंकवादी संगठन मानते हुए प्रतिबंधित कर दिया गया था। जस्टिस मार्क वॉल ने ब्रिटिश-पाकिस्तानी उपदेशक के लिए आजीवन कारावास की सजा की घोषणा की है। उसे कम से कम 28 साल की सजा होगी।
मंगलवार को लंदन के वूलविच क्राउन कोर्ट में चौधरी से कहा कि ALM जैसे संगठन ऑनलाइन कार्यक्रमों के माध्यम से हिंसा की बात करते हैं। जज ने कहा, “उनका अस्तित्व उन व्यक्तियों को साहस देता है जो उनके सदस्य हैं। वे उन लोगों के बीच दरार पैदा करते हैं जो शांतिपूर्ण तरीके से एक साथ रह सकते हैं।”
अभियोजक टॉम लिटिल के अनुसार, अंजेम चौधरी 2014 में लेबनान में अपने नेता उमर बकरी मोहम्मद के जेल जाने के बाद ALM के कार्यवाहक अमीर बन गया। चौधरी के वकील पॉल हाइन्स ने तर्क दिया कि यह समूह एक संगठन से ज्यादा कुछ नहीं है और इससे जुड़े लगभग सभी हमले पहले ही हो चुके हैं।
ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा की पुलिस ने संयुक्त जांच के बाद सबूत इकट्ठा किए कि अंजेम चौधरी न्यूयॉर्क में स्थित अनुयायियों के साथ ऑनलाइन व्याख्यानों के माध्यम से ALM चला रहा था। अभियोजकों ने कहा कि इस समूह ने कई नामों से काम किया है। न्यूयॉर्क स्थित इस्लामिक थिंकर्स सोसाइटी भी इसी का हिस्सा है।
न्यूयॉर्क की डिप्टी पुलिस कमिश्नर रेबेका वेनर ने मामले को ऐतिहासिक करार दिया और कहा कि इस्लामिक थिंकर्स सोसाइटी ALM की अमेरिकी शाखा थी। चौधरी को उसके एक अनुयायी खालिद हुसैन के साथ दोषी ठहराया गया है। अभियोजकों के अनुसार, वह समूह का एक समर्पित समर्थक भी था।
कनाडा के एडमोंटन के रहने वाले हुसैन को प्रतिबंधित संगठन की सदस्यता लेने का दोषी पाया गया। उसे पांच साल की जेल की सजा सुनाई गई। हुसैन के हीथ्रो हवाई अड्डे पर उतरने के एक साल बाद दोनों को गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले 2016 में चौधरी को ISIL (ISIS) के लिए समर्थन को बढ़ावा देने के लिए जेल में डाला गया था। उसे साढ़े पांच साल की सजा का आधा हिस्सा काटने के बाद 2018 में रिहा कर दिया गया।
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