G.NEWS 24 : बच्चों से मजदूरी कराने के खुलासे के बाद आयुक्त ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब !

फैक्ट्री में लगातार शर्तों का उल्लंघन किया जा रहा था...

बच्चों से मजदूरी कराने के खुलासे के बाद आयुक्त ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब !

मध्य प्रदेश के रायसेन जिले की सोम ग्रुप की फैक्ट्री में नाबालिग बच्चों से मजदूरी कराने के खुलासे के बाद शिकंजा कसता जा रहा है। फैक्ट्री परिसर में आबकारी अधिकारी का कार्याल होने के बावजूद फैक्ट्री में लगातार शर्तों का उल्लंघन किया जा रहा था। इस मामले में अधिकारियों पर गाज गिरने के बाद अब आबकारी आयुक्त ने फैक्ट्री संचालक को नोटिस जारी किया है। उन्होंने फैक्ट्री में विभाग की तरफ से तय शर्तों का उल्लंघन मानते हुए लाइसेंस रद्द क्यों ना किया जाए को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया है और तीन दिन में जवाब मांगा है। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर विभाग की तरफ से फैक्ट्री सील करने की कार्रवाई की जाएगी। 

आबकारी आयुक्त की तरफ से जारी नोटिस के अनुसार शराब फैक्ट्री में काम करने वाले कर्मचारियों का पुलिस वेरिफिकेशन कराएं जाना जरूरी है। नाबालिग बच्चों से फैक्ट्री में कार्य कराए जाने से स्पष्ट है कि इस शर्त का उल्लंघन किया गया है। दूसरा शराब फैक्ट्री में 21 वर्ष से कम आयु/ पागल को परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। रायसेन जिले की कलेक्टर की रिपोर्ट के अनुसार फैक्ट्री में 59 नाबालिग बालक/बालिकाएं कार्य करते पाएं गए। यह भी लाइसेंस की शर्तों का स्पष्ट उल्लंघन है। 

नोटिस में साफ लिखा है कि शर्तों में शासन के आदेशा/निर्देशों के साथ ही लाइसेंस की शर्तों का पालन करना अनिवार्य था। जिसका सीधे उल्लंघन किया। रायसेन जिले की फैक्ट्री में बालश्रम मामले में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के संज्ञान के बाद बड़ी कार्रवाई की गई। इसमें रायसेन जिले की सेहतगंज मैसर्स सोम डिस्टलरीज प्राइवेट लिमिटेड के प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी कन्हैयालाल अतुलकर, आबकारी विभाग के तीन उप निरीक्षक प्रीति शैलेंद्र उइके, शैफाली वर्मा और मुकेश कुमार को निलंबित किया गया है। 

सोम ग्रुप की शराब फैक्ट्री में बचपन बचाओ आंदोलन एनजीओ की सूचना पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने निरीक्षण किया। इसमें नाबालिग 39 लड़के और 20 लड़कियां काम करते मिले थे। आयोग ने बाल मजदूरों को मुक्त कराया। खतरनाक रसायनों और अल्कोहल के संपर्क में आने से इन बच्चों के हाथ और शरीर के कई हिस्से जल गए थे। यह भी सामने आया है कि इन बच्चों को स्कूल बस से सोम डिस्टिलरीज एंड ब्रेवरीज फैक्ट्री पहुंचाया जाता था। इनको मामूली मजदूरी देकर 12 से 14 घंटे काम काम कराया जाता था। बता दें सोम डिस्टिलरीज एंड ब्रेवरीज फैक्ट्री में शराब, बीयर और अन्य अल्कोहल उत्पाद बनाए जाते है।

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