हत्यारे की गोद में जाकर बैठना कौनसी नाराजगी है...
ये भारत है, यहाँ ऐसा ही होता है !
अयोध्या की सीट हारने के बाद एक बात तो समझ आ गयी है कि यहां विकास के नाम पर वोट नहीं मिलता है क्योंकि दस साल में सर्वाधिक विकास इसी स्थान पर हुआ है। एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, इकोनॉमी, बिजनिस, इंफ्रास्ट्रक्चर, रोड्स से लेकर विकास के तमाम पैमाने इस शहर में आसमान से उतर आए थे। मैं विकास में राममंदिर निर्माण को तो गिन ही नहीं रही हूँ। फिर भी विकास से वोट नहीं मिला।
हिन्दुत्व के नाम पर भी वोट नहीं मिलता, क्योंकि जिस शहर में धर्म की 500 वर्ष बाद जय हो और राष्ट्र का भव्यतम मंदिर बने, उसके उपरांत भी वोट नहीं मिला। वह पार्टी यहाँ 50 हज़ार वोट से जीत रही है जो इसी शहर में रक्त की नदियां बहाने को कुख्यात रही है, जिसने राममंदिर प्राण प्रतिष्ठा को मजाक बनाया, वहाँ जाने से भी मना कर दिया। आज यहां की जनता ने ये सिद्ध कर दिया है कि वोट केवल जाति देख कर ही दिया जाता है। यह अयोध्या सीट का हासिल परिणाम है।
- जिस सरकार ने देश को चांद पर पहुंचाया
- जिस सरकार ने पाकिस्तान को घर में घुसकर मारा
- जिस सरकार ने जम्मू कश्मीर से 370 जैसा कलंक मिटाया
- जिस सरकार ने करोड़ों हिंदुओ की आस्था राम मंदिर बनवाया
- जिस सरकार ने देश के हाइवे को वर्ल्ड क्लास बनाया
- जिस सरकार ने देश के करोड़ों गरीब को मुफ्त राशन दिया
- जिस सरकार ने करोड़ों महिलाओं को गैस कनेक्शन दिया
- जिस सरकार ने करोड़ों परिवार को शौचालय दिया
- जिस सरकार ने विश्व में भारत का नाम चमका दिया
आज उस पार्टी को नुकसान का सामना करना पड़ा। यदि कोई नाराजगी किसी से थी तो घर में सुलझाते, हत्यारे की गोद में जाकर बैठना कौनसी नाराजगी है। मथुरा और काशी मांगने जैसा यहाँ के लोगों ने किसी को छोड़ा नहीं है, इसके बीज लाखों वर्ष पुराने उत्तरकाण्ड में भी मिलते हैं।
- दिव्या सिंह
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