G.NEWS 24 : धूमधाम से मनी महाराजा छत्रसाल जी की 375 वीं जयंती

पुस्तक का भी हुआ विमोचन...

धूमधाम से मनी महाराजा छत्रसाल जी की 375 वीं जयंती

भोपाल। बुंदेलखंड एकता मंच, विरासत बचाओ मंच,श्री राम सेवक साहित्य बुन्देली परिषद के संयुक्त तत्वावधान में महाराजा छत्रसाल जयंती छत्रसल नगर फेस टू में मुख्य अतिथि किशन सूर्यवंशी नगर निगम अध्यक्ष,सुरेंद्र सिंह बेबी राजा पूर्व संसदीय सचिव, आर एस कुंभकार,अखिलेश मालवीय,जीत राजपूत पार्षद, महेन्द्र सिंह परमार,पी एस बुंदेला,विजय दुबे,सुनील श्रीवास्तव,सत्येंद्र साहू,वासिद दीक्षित ने छत्रसाल महाराज की मूर्ति पर माल्यार्पण पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर अधक्षीय भाषण में पी एस बुंदेला ने महाराजा छत्रसाल जी के महान चरित्र के संबंध मे जनकारी दी कि उन्होंने कैसे स्वराज्य और हिंदुत्व की रक्षा की।

सुनील श्रीवास्तव जी ने कहा कि राजा छत्रसाल के गुरु प्राणनाथ के मार्गदर्शन में राजतिलक एवम महाराजा की उपाधि दी।जी एल यादव अर्जुन अवार्ड ने बताया कि महाराजा शिवाजी प्रेरणा ले कर भवानी तलवार प्राप्त कर बुंदेलखंड में 5 घुड़सवार और 25 सैनिकों के साथ अपनी विजय यात्रा आरंभ की।प्रवक्ता सत्येन्द्र साहू ने कहा कि बुंदेलखंड से आकर भोपाल में पढ़ाई लिखाई नोकरी जॉप बिजनिश कारोबार कर यहां लाखों बुंदेलखंडी रहते हैं लेकिन आपसी सामंजस्य संवाद नही होनी के कारण इधर उधर बिखरे हुए हैं आप सभी को बता दें कि दमोह जिले से करीब पांच हजार लोग यहां रहते हैं और दो हजार से ऊपर मय मोबाइल नंबरिंग सूची बनाकर साल में पाच छे सो लोगो के कार्यक्रम किए हे।

जिसका नाम पीपुल्स ऑफ दमोह इन भोपाल रखा गया।इसी तर्ज पर संपूर्ण बुंदेलखंड जिलों के लोगो को भी ऐसे जोड़कर समस्त बुंदेलखंडी संपर्क संवाद कर पीपुल्स ऑफ बुंदेलखंड इन भोपाल बना कर लाखो की संख्या में भी कार्यक्रम कर सकते हैं।पूर्व संसदीय सचिव सुरेन्द्र सिंह बेबी राजा ने कहा छत्रसाल का चरित्र है उसे राष्ट्रीय स्तर पर स्थान दिलाना चाहिए। इसके लिए मुझसे जो भी सहयोग होगा हर हमेशा दूंगा।विजय दुबे जी ने कहा कि बुंदेलखंड एकता मंच महाराजा छत्रसाल के सम्मान को उचित स्थान दिलाने के लिए प्रयास करते हैं और हमेशा करते रहेंगे।

किशन सूर्यवंशी ने 375वीं जयंती की शुभकामनाये देते हुए कहा कि ऐसे अवसर पर आमन्त्रित करने के लिए सभी का धन्यवाद। उन्होंने कहा कि छत्रसाल जी का ऐसा चरित्र था कि हिंदू सेना नही मारी जाए इसके लिए द्वंद युद्ध तीन पहर तक किया।और अंत में सिर काटने के बाद उनके दोनो बेटो को मुंह बोला बेटा मानकर उनका राज उन्हें बापिस किया ऐसा उनका चरित्र था।और आश्वास्त किया कि जे के रोड का नामकरण महाराजा छत्रसाल रोड करने के लिए 100%प्रयास करेंगे।सत्येन्द्र साहू द्वारा लिखित किताब ने करो ~2 क़िताब का विमोचन अथितियों द्वारा किया गया।

पुरस्कार वितरण समारोह में प्रज्ञा चौहान, जयदेव शर्मा,प्रियांशी, अंजू भदौरिया,रोशन लाल,विजय मिश्रा,कार्तिक सिंह साहित मूर्तिकार रजनीश सोनी का सम्मान किया गया।कार्यक्रम को सफल बनाने में ओम बाबू मिश्रा ,एस के खरे,हर्ष लटोरिया,ओपी श्रीवास्तव, मनोज खरे,किशन राजपूत,चंद्रा परमार पूर्व पार्षद,एस एन शर्मा,अरुण सोनी,अविनाष सिंह,नेम सिंह राजपूत, भारत सिंह, जितेंद्र साहू, हरेंद्र सिंह परमार, महेन्द्र सिंह बुंदेला, अजय सिंह राजपूत सहित क्षेत्रीय रह वासियों की उपस्थिति रही। कार्यक्रम का सफल संचालन वीरेन्द्र सिंह जी ने किया। आलोक खरे ने सभी का आभार व्यक्त किया।

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