G News 24 : एक ऐसा विश्व विद्यालय जहाँ पढने की फीस नहीं लगती : अम्बादास दानवे

 ब्रह्माकुमारीज का चार दिवसीय राष्ट्रीय युवा सम्मेलन एवं मैजिक ऑफ़ साइलेंस रिट्रीट शुरू ...

एक ऐसा विश्व विद्यालय जहाँ पढने की फीस नहीं लगती : अम्बादास दानवे 

राजस्थान।  ब्रह्माकुमारीज संस्थान के ज्ञान सरोवर परिसर में आयोजित मैजिक ऑफ़ साइलेंस विषय पर चार दिवसीय राष्ट्रीय युवा सम्मेलन एवं रिट्रीट का आयोजन हुआ। जिसमें महाराष्ट्र विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अम्बादास दानवे मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे साथ ही विशिष्ट अतिथि के तौर पर गुजरात से एनएसएस के क्षेत्रीय निदेशक कमल कुमार कर, अंतर्राष्ट्रीय हॉकी प्लेयर प्रीतम सिवाच, पूर्व अध्यक्ष इंडियन इन्फ्लूएंसर एशोसिएशन अंकित खंडेलवाल, ज्ञान सरोवर एकेडमी की निदेशिका राजयोगिनी बीके सुदेश दीदी, सह निदेशिका बीके प्रभा दीदी, युवा प्रभाग की राष्ट्रीय उपाध्यक्षा राजयोगिनी बीके चन्द्रिका दीदी, राष्ट्रीय संयोजिका बीके कृति बहन तथा कमिटी मेम्बर बीके गीता बहन, बीके जीतू भाई, बीके प्रहलाद भाई सहित अन्य लोग उपस्थित थे। आपको बता दें कि यह कार्यक्रम प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की भगिनी संस्था राजयोग एज्युकेशन एण्ड रिसर्च फाउंडेशन के युवा प्रभाग द्वारा आयोजित किया गया।

उद्घाटन सत्र से पूर्व एक स्वागत सत्र आयोजित हुआ जिसमें पानीपत से आयीं बीके सारिका बहन ने सभी का स्वागत अभिनन्दन किया। तत्पश्चात ज्ञानसरोवर की वरिष्ठ राजयोग प्रशिक्षका बीके सीमा बहन ने संस्थान का परिचय दिया तथा ग्वालियर से आये युवा प्रभाग के कार्य समिति सदस्य बीके प्रहलाद भाई ने प्रभाग द्वारा पिछले 40 वर्षो में देश भर में युवाओं के लिए की गई गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ब्रह्माकुमारीज की यूथ विंग एक ऐसी विंग है जिसने देश भर के लाखो युवाओं को अनेकानेक अभियान, सम्मलेन एवं कार्यक्रमों के माध्यम से उन्हें निर्व्यसनी बनाया तथा दिव्य गुणों को जीवन में धारण करने के लिए प्रेरित किया

यूथ विंग की शुरूवात 1985 में हुई और तब से लेकर आज तक नित नए कीर्तिमान विंग ने स्थापित किए जिसका लाभ लाखो युवाओं को मिला।

राजयोगिनी बीके चंद्रिका दीदी ने युवाओं के लिए मैजिक आफ साइलेंस विषय शांति की शक्ति विश्व का परम सत्य परमपिता परमात्मा शांति में दिव्यता एवं सद्भाव कहा कि महात्मा गांधी ने गुलामी का दृश्य देखा और उनके मन में यह विचार आया कि मुझे इस गुलामी से सब को छुड़ाना है। और उस कार्य में जुट गए। आज मनुष्य अपनी ही गुलामी में जकड़ा है। 

आलस्य क्रोध, अहंकार इर्ष्या जैसे अवगुणों ने प्रभाव डाल रखा है। मानव जीवन अर्थात शरीर प्लस आत्मा हम यह भूल गए कि मैं एक दिव्य ज्योति प्रकाश हूं। इस भूल के कारण ही विकृति और फिर दुख अशांति निराशा जैसी चीजें हमारे जीवन में आने लगी। आप यहां से एक ऐसा जादूगर बनकर जाने वाले हो जो आपके जीवन की इन बुराइयों से मुक्त कर दे।  आप अपनी आत्म चेतना को जागृत करके जाएंगे ऐसा मेरा विश्वास है। किसी बात को समझने के बाद बार-बार उसका मन में स्मरण करने से हमारे शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है यहां आपको यहाँ सीखने को मिलेगा। इसके साथी ही दीदी ने सभी को राजयोग ध्यान का अभ्यास कर कर गहन शांति की अनुभूति कराई।

मुख्य अतिथि के रूप में पधारे महाराष्ट्र विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अम्बा दास दानवे जी ने कहा कि ब्रह्मा कुमारीज विश्व विद्यालय अन्य सभी के साथ शिक्षकों को भी शिक्षा देने का विद्यालय है यहां पर कोई फीस नहीं लगती कोई भी इस ऊंची पढ़ाई को पढ़ सकता है। उन्होंने युवा की परिभाषा देते हुए बताया कि, जो सोचा वह करना है यह युवा का लक्ष्य होना चाहिए। वायु तेज होती है, गतिमान होती है वायु और युवा परस्पर पूरक हैं युवा को वायु जैसा होना चाहिए। युवाओं को आक्सीजन देने का कार्य अर्थात दूसरो की मदद करने का कार्य करना चाहिए। युवाओं में जोश के साथ होश भी होना चाहिए। कई वार युवा जल्दबाजी में होश खो देते हैं जिसका बाद में फिर नुकसान होता है। मैजिक ऑफ़ ऑफ़ साइलेंस का असर युवाओं में देखने को मिलेगा आज तक हमने सुना मैजिक ऑफ सोशल मीडिया, मैजिक ऑफ़ पावर लेकिन यहां मैजिक आफ साइलेंस है। 

यह शांति की एक शक्ति है जिससे हर कार्य संभव है। युवाओं के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए शांति के महत्व को जानकर उसका अनुभव सभी को करना चाहिए। अन्तर्रष्ट्रीय हॉकी प्लेयर प्रीतम सिवाच ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज में आना मेरे लिए सौभाग्य की बात है मैंने बहुत पहले यह सोचा था कि कभी इस तरह के आध्यात्मिक संस्थान में अवश्य जाएंगे और आज वह सुअवसर मुझे मिला। इसके लिये मै ईश्वर का धनयवाद करती हूँ। अच्छा स्पोर्ट्समैन बनने के लिए हर उस व्यक्ति को यहाँ आना चाहिए। जो खेल में एकाग्रता बढ़ाना चाहते है। राजयोगिनी बीके सुदेश दीदी ने कहा कि यहां से सभी युवा शांति का फ्लोवर बनकर जाएँ  जो दूसरों को भी हमारे जीवन से शांति की अनुभूति हो.जैसे फूल बोलता नही है लेकिन उसकी खुशबू सबको अपनी ओर आकर्षित करती है इए ही हमारा जीवन हो खिले हुए फूल की तरह जो सबको दिव्य गुणों की खुशबू दे।

उन्होंने अंग्रेजी के पीस शव्द का अर्थ बताते हुए कहा कि 

  • पी - अर्थात पॉजिटिव, प्युर और पावरफुल 
  • ई - अर्थात एक्सरसाइज. एजुकेशन और एक्सपीरियंस 
  • ए - अर्थात अप्रिशिएसन, एक्सेप्टेंस और एक्शन 
  • सी - अर्थात कूल, काम और क्लियर 
  • ई - अर्थात एवरीथिंग और एनर्जी 

वास्तव में शांति, प्रेम, पवित्रता, ख़ुशी, आनंद, ज्ञान आदि गुणों का जीवन में होना ही रियल एनर्जी है। ऐसा फ्लावर बनाकर के हमें यहां से जाना है। इस अवसर पर एन एसएस गुजरात के निदेशक कमल कुमार कर, अंकित खंडेलवाल, बीके प्रभा दीदी सहित एनी सभी ने अपनी शुभकामनाएं रखी। सम्मेलन में देश भर से 450 से अधिक युवाओं ने भाग लिया।

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