सपा-कांग्रेस का कहना है कि "सेंगोल" राजा महाराजाओं का प्रतीक है। तो फिर इन निशानों पर ये क्या बोलेंगे...
संसद भवन से "सेंगोल" को हटाने की मांग तो बहाना है,इनका मकसद है संसद वाधित करना !
सपा-कांग्रेस का कहना है कि "सेंगोल" राजा महाराजाओं का प्रतीक है। इसे संसद से हटाया जाये। देश ये अच्छी तरह जानता है कि तुम्हारी इस मांग के पीछे तुहारी मंशा को, संसद भवन से "सेंगोल" को हटाने की मांग तो बहाना है, आपका मकसद है संसद वाधित करना ! यदि आप सही में राजतंत्र का विरोध करते हैं तो फिर इन निशानों पर ये क्या बोलेंगे -
- 1. राष्ट्रीय चिन्ह अशोक स्तंभ किसका प्रतीक?
- 2. तिरंगे लगा धर्म चक्र का प्रतीक अशोक चक्र किसका प्रतीक?
- 3. अंग्रेजों के समय का बना राष्ट्रपति भवन किसका प्रतीक?
- 4. मुगल सम्राट शाहजहां द्वारा बनवाए गए लाल क़िले में हर साल स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण किया जाता है। लाल क़िला किसका प्रतीक?
- 5. अकबर रोड, तुगलक रोड, औरंगजेब रोड ये सब किसका प्रतीक?
बात उठेगी तो दूर तलग जाएगी। RK चौधरी क्या आप अकबर रोड को बदलने की मांग कर सकते हैं ? क्या आप लाल क़िले से ध्वजारोहण ना करने की मांग कर सकते हैं ? क्या आप तमाम राज प्रतीकों को दिल्ली और देश के तमाम हिस्सों से हटाने की मांग संसद में करेंगे,अगर नहीं तो फिर सेंगोल ही निशाना क्यों ? ये फालतू की घटिया राजनैतिक नौटंकी मत करो। संसद चलने दो। देश की जनता का पैसा और समय बर्वाद मत करो, सेंगोल से क्या समस्या ? क्या आपको समस्या नये भारत से है ? या नए संसद भवन से है ? या फिर मोदी से है। यदि मोदी से है तो उनसे निपटो ये फालतू की घटिया राजनैतिक नौटंकी मत करो।
तुम अभी 37 और कांग्रेस ने 99 सीट पाकर सैंगोल हटाने की मांग करने लगे। कभी तिलक-कलावे का विरोध करते हो, कभी राम का विरोध,आखिर तुम लोग अपनी मंशा खुलकर बता ही दो क्या चाहते हो ? क्या तुम जिस दिन 272 पाओगे सैंगोल की जगह चांद तारा और संविधान की जगह शरिया लाओगे। तुम्हारे व्यवहार और राजनीति को देखकर ऐसा ही प्रतीत होता है।
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