कार्य के प्रति उदासीन अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ होगी अनिवार्य सेवानिवृत्ति की कार्रवाई...
डीएम ने शासकीय सेवकों को आगाह करते हुए कहा कि या तो काम करें अथवा नौकरी छोड़ें !
ग्वालियर। टीकाकरण बच्चों को विभिन्न गंभीर जानलेवा बीमारियों से बचाता है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग के सभी मैदानी अधिकारी-कर्मचारी टीकाकरण को गंभीरता से लें। इसमें जो विभागीय अधिकारी-कर्मचारी ढ़िलाई बरतेंगे, उनके खिलाफ अनिवार्य सेवानिवृत्ति की कार्रवाई की जायेगी। यह बात कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने जिला टास्क फोर्स की बैठक में पल्स पोलियो, दस्तक, मलेरिया व डेंगू की रोकथाम एवं सिकल सेल निवारण अभियान की समीक्षा बैठक में कही। उन्होंने कहा स्वास्थ्य कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के प्रति उदासीन शहरी क्षेत्र के अधिकारी-कर्मचारियों को ग्रामीण क्षेत्र में भेजा जाएगा। ऐसे शासकीय सेवकों को आगाह करते हुए उन्होंने कहा कि या तो काम करें अथवा नौकरी छोड़ें।
कलेक्टर श्रीमती चौहान ने यू-विन एप पर बच्चों का पंजीयन कम होने पर नाराजगी जताई। साथ ही स्वास्थ्य विभाग के जो अधिकारी व कर्मचारी इस काम में उदासीनता बरत रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने जिन क्षेत्रों में एमआर-1 टीकाकरण का प्रतिशत कम है वहाँ चार हफ्ते का कार्यक्रम बनाकर शतप्रतिशत टीकाकरण कव्हरेज करने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि जिन विकासखंडों एवं शहरी क्षेत्रों में बच्चों का डिजिटाइजेशन कम हुआ है उसे तत्काल पूरा करें, जिससे पाँच वर्ष तक के बच्चों की विभिन्न बीमारियों की जाँच समय पर हो जाए और उनका उपचार कराया जा सके।
जिले में एनआरसी (पोषण एवं पुनर्वास केन्द्र) की क्षमताओं का पूरा उपयोग न हो पाने की स्थिति सामने आने पर कलेक्टर श्रीमती चौहान ने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने महिला बाल विकास एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को आपसी समन्वय बनाकर एनआरसी की क्षमताओं का पूरा उपयोग करने के निर्देश दिए। ज्ञात हो एनआरसी में कम वजन के बच्चों को माताओं सहित रखकर उनका उचित पोषण व इलाज सरकार के खर्चे पर कराया जाता है।
मंगलवार को कलेक्ट्रेट के सभागार में आयोजित हुई टास्क फोर्स की बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विवेक कुमार, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर के राजौरिया तथा स्कूल शिक्षा, महिला बाल विकास, जनजाति कल्याण एवं अन्य संबंधित विभागों के जिला व खण्ड स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।
कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने कहा कि जिले में 23 से 25 जून तक आयोजित होने जा रहे पल्स पोलियो अभियान को सुव्यवस्थित ढंग से धरातल पर लाएँ। प्रयास ऐसे हों कि जन्म से पाँच वर्ष तक का कोई भी बच्चा पोलियोरोधी खुराक पीने से वंचित न रहे। उन्होंने कहा गर्मी के मौसम को ध्यान में रखकर पोलियो वैक्सीन को सुरक्षित रखने के लिये पुख्ता व्यवस्था की जाए। अभियान के प्रचार-प्रसार के लिये योग दिवस पर आयोजित होने वाले सामूहिक कार्यक्रमों में पल्स पोलियो अभियान की स्लाइड चलाने के निर्देश भी दिए।
कलेक्टर श्रीमती चौहान ने जिला शिक्षा अधिकारी व डीपीसी को भी निर्देश दिए कि बच्चों एवं उनके पालकों तक इस अभियान की सूचना पहुँचाएँ। साथ ही महिला बाल विकास के अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि पल्स पोलियो अभियान के दिन आंगनबाड़ी समय से खुलें। सरकारी एवं गैर सरकारी निर्माण स्थलों पर काम करने वाले श्रमिकों के बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने के लिए विशेष व्यवस्था करने पर उन्होंने विशेष बल दिया।
कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने सिकल सेल कार्यक्रम को गंभीरता से लेने पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा सभी संबंधित विभागों के अधिकारी आपसी समन्वय बनाकर 19 जून को जिला चिकित्सालय मुरार में सिकल सेल एनीमिया के तहत आयोजित होने जा रहे शिविर को सफल बनाएँ। ज्ञात हो सिकल सेल के तहत बच्चों एवं गर्भवती माताओं को जानलेवा बीमारियों से बचाने का काम किया जाता है।
कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने मलेरिया टास्क फोर्स की बैठक में निर्देश दिए कि जिले की सभी प्राइवेट पैथोलॉजी से भी प्रतिदिन मलेरिया व डेंगू की जाँच रिपोर्ट प्राप्त करें। मच्छरों से बचाव के लिये वितरित की जाने वाली मच्छरदानियों के वितरण की जानकारी सरपंच व पंचायत सचिव को भी होना चाहिए। उन्होंने मलेरिया-डेंगू से बचाव के लिये व्यापक स्तर पर जन जागरूकता कार्यक्रम चलाने पर भी विशेष बल दिया। साथ ही कहा कि मच्छरों का लार्वा समाप्त करने के लिये गम्बूशिया मछलियों का उपयोग भी कराएँ। लोगों को पता होना चाहिए कि गम्बूशिया मछलियां कहां मिलती हैं।
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