'जो राम को लाए हैं, हम उनको लाएंगे'...नहीं चला BJP का नारा...
वोटर्स ने भव्य-दिव्य राम मंदिर मंदिर बनाने बालों को अयोध्या से ही दिया वनवास !
लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के लिए चौंकाने वाले हैं. भारतीय जनता पार्टी जिस राम मंदिर को चुनावी मुद्दा बनाया था, वह फेल हो गया. यह कह सकते हैं कि उत्तर प्रदेश में भाजपा को श्रीराम का आशीर्वाद नहीं मिला. चुनाव से पहले चुनाव के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी, सीएम योगी समेत भाजपा के वरिष्ठ नेता हर रैलियों में राम मंदिर का जरूर जिक्र करते हुए विपक्ष पर निशाना साधते थे. भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता तो यह भी नहीं कहने से चूकते थे कि मोदी सरकार की वजह से राम मंदिर के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया और रामलला 50 साल बाद अपने मंदिर में विराजमान हुए. लेकिन लोकसभा चुनाव में मतदाताओं को शायद यह बात हजम नहीं हुई. इसलिए तो फैजाबाद लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार लल्लू सिंह 50 हजार वोट से हार गए. लल्लू सिंह को समाजवादी पार्टी से उम्मीदवार पूर्व मंत्री अवधेश प्रसाद को हराया है.
अयोध्या मंडल की सभी सीटों पर भाजपा को मिली शिकस्त
यहीं नहीं अयोध्या मंडल की अमेठी, अम्बेडकरनगर, बाराबंकी, सुल्तानपुर में भाजपा को रामलला का आशीर्वाद नहीं मिला है. अमेठी से वर्तमान सांसद और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को कांग्रेस प्रत्याशी किशोरी लाल शर्मा ने हराया दिया है. इसी तरह अंबेडकरनगर बसपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए रितेश पांडे को सपा प्रत्याशी लालजी वर्मा ने हरा दिया है. बाराबंकी से कांग्रेस प्रत्याशी तनुज पुनिया ने भाजपा की राजरानी रावत को 2 लाख वोटों से हरा दिया है. जबकि 2019 में अंबेडकरनगर को छोड़कर सभी सीटों पर भाजपा को जीत मिली थी. वहीं, अवध की 17 में से 15 सीटें भाजपा हार गई है. जिनमें धौरहरा, सीतापुर, इटावा (अजा), कन्नौज, कानपुर, अकबरपुर, बहराइच, मोहनलालगंज, लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, फैजाबाद, कैसरगंज, गोंडा, बाराबंकी, फतेहपुर, सुलतानपुर, प्रतापगढ़, फूलपुर, इलाहाबाद, अंबेडकर नगर लोकसभा सीटों पर चौथे और पांचवें चरण में चुनाव हुए हैं.
सेंट्रल यूपी की 24 सीटों में से 15 पर हारी भाजपा
जबकि, 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने मध्य यूपी की 29 में से 22 सीटें जीती थीं। लेकिन, इस बार इस क्षेत्र में 13 सीटों का नुकसान हुआ है और भाजपा 9 सीटों पर ही सिमट गई. जबकि कांग्रेस को 3 और सपा को 11 सीटों का फायदा हुआ है। इस तरह इंडी गठबंधन को मध्य उत्तर प्रदेश में 15 सीटें जीतने में कामयाब रहीं. इसमें से तो मोहनलाल गंज, लखीमपुर खीरी, अमेठी से तो केंद्र सरकार में मंत्री भी अपनी सीट नहीं बचा पाए.
पीएम मोदी की ताबड़तोड़ जनसभाएं भी नहीं आईं काम
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक रैली और रोड शो किए थे. पीएम मोदी ने यूपी में 29 रैलियां और रोड शो किए थे. पीएम मोदी चुनावी भाषण में राम मंदिर निर्माण और रामलला की स्थापना का जिक्र जरूर रहता था. पीएम मोदी मंच से कहते थे कि भाजपा सरकार में ही राम मंदिर का सपना साकार हुआ है. 500 साल के बाद मंदिर बनकर तैयार हुआ और रामलला टेंट से अपने मूल स्थान में विराजमान हुए. इसके साथ ही विपक्ष को भगवान राम का अपमान करने वाला बताते थे. पीएम मोदी के साथ सीएम योगी भी अपने भाषणों में कहते थे कि विपक्ष ने राम मंदिर का निमंत्रण ठुकरा कर अपमान किया है. इसके साथ ही सपा सरकार पर राम भक्तों पर गोलियां चलवाने का जिक्र करते थे. लेकिन ये बातें शायद अवध क्षेत्रों को पसंद नहीं आईं, इसलिए सपा और कांग्रेस को अपना आशीर्वाद दे दिया.
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