लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले दिखने लगे इसके साइड इफ़ेक्ट महंगाई का चढ़ने लगा पारा ...
देशभर में महंगा हुआ अमूल दूध और हाइवे के टोलप्लाजा पर बड़ गया टेक्स !
लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले दिखने लगे इसके साइड इफ़ेक्ट महंगाई का पारा चढ़ने लगा है। अमूल का दूध महंगा हो गया है।हाइवे के टोलप्लाजा पर टेक्स बड़ गया है।
गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ (जीसीएमएमएफ) ने कहा कि दूध के संचालन और उत्पादन की कुल लागत में वृद्धि के मद्देनजर सोमवार से सभी प्रकार के अमूल दूध की कीमत में दो रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई। ताजा बढ़ोतरी के साथ 500 मिलीलीटर अमूल भैंस दूध, 500 मिलीलीटर अमूल गोल्ड दूध और 500 मिलीलीटर अमूल शक्ति दूध जैसे दूध की संशोधित कीमतें क्रमश:36 रुपये, 33 रुपये और 30 रुपये हैं। जीसीएमएमएफ ने एक बयान में कहा, दो रुपये प्रति लीटर की वृद्धि से एमआरपी में 3-4 फीसदी की वृद्धि होती है, जो औसत खाद्य महंगाई से काफी कम है। यह ध्यान देने योग्य है कि फरवरी 2023 से अमूल ने प्रमुख बाजारों में ताजा पाउच दूध की कीमतों में कोई वृद्धि नहीं की है। दूध के संचालन और उत्पादन की समग्र लागत में वृद्धि के कारण कीमतों में वृद्धि की जा रही है।
जीसीएमएमएफ के मुताबिक, अमूल एक नीति के रूप में दूध और दुग्ध उत्पादों के लिए उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान किए गए प्रत्येक रुपये में से करीब 80 पैसे उत्पादकों को देता है। बयान में कहा गया, कीमत में संशोधन से हमारे दुग्ध उत्पादों को लाभकारी दूध की कीमतों को बनाए रखने और उन्हें और दुग्ध उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी।
देशभर में टोल दरों में पांच फीसदी बढ़ोतरी
एनएचएआई ने देशभर में टोल दरों में औसतन पांच फीसदी बढ़ोतरी का फैसला किया है। इसके साथ ही एक्सप्रेसवे का इस्तेमाल करने वाले मोटर चालकों को सोमवार से अब अधिक भुगतान करना होगा।
एक्सप्रेसवे का इस्तेमाल करने वाले मोटर चालकों को सोमवार से अधिक भुगतान करना होगा। दरअसल, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने देशभर में टोल दरों में औसतन पांच फीसदी बढ़ोतरी का फैसला किया है। टोल दरों में हर साल एक अप्रैल को संशोधन होता है। लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव के कारण बढ़ोतरी टाल दी गई थी।
टोल दरों में बदलाव थोक मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति में बदलाव से जुड़ी दरों को संशोधित करने की वार्षिक कवायद का हिस्सा है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर करीब 855 टोल प्लाजा हैं, जिन पर राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (दरों का निर्धारण और संग्रह) नियम, 2008 के अनुसार शुल्क लगाया जाता है। इनमें से 675 सार्वजनिक वित्त पोषित टोल प्लाजा हैं। जबकि 180 रियायतग्राहियों द्वारा संचालित हैं।
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