इसमें इंजीनियरिंग से जुड़े कई नवाचार किए गए हैं...
चाइना का चांग'ई-6 मिशन चंद्रमा के सुदूर हिस्से से वापसी वाला पहला मिशन कामयाब !
चीन लगातार स्पेस में अपनी पकड़ मजबूत बना रहा है. उसकी हालिया कामयाबी की बात करें तो चीन ने चांद पर अपना झंडा एक बार फिर गाड़ा है. चीनी वैज्ञानिकों ने अपने यान Chang'e-6 की सॉफ्ट लैंडिंग को तय मानकों के तहत पूरा कराया. नेशनल स्पेस एडिमिनिस्ट्रेशन (CNSA) ने इस कामयाबी का एलान अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर किया. जिसमें उसने लिखा- ' Chang'e-6 ने रविवार की सुबह चंद्रमा के सुदूर हिस्से को छुआ.
आपको बताते चलें कि ये चीन का दूसरा मून मिशन है. जो कामयाब रहा. चीनी वैज्ञानिकों ने इस कामयाबी के साथ दुनिया को चैलेंज देते हुए कहा कि हमारा ये मिशन मानव इतिहास में ऐसा पहला और अनोखा मिशन साबित होगा जब पहली बार चांद के इस दुर्लभ इलाके से रिसर्च के लिए नमूने जुटाएगा.' चाइना नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (CNSA) के पास अब इस दूर-दराज की लैंडिंग को एक्सपीरिएंस डबल हो गया है. क्योंकि चीन ने चांद के इस हिस्से को दोबारा छुआ है. दुनिया का कोई और देश अब तक ऐसा नहीं कर पाया है.
इससे पहले चीनी प्रोब चांग'ई 4, लॉन्च हुआ था. जनवरी 2019 में स्टार्ट हुआ वो मिशन कसौटी पर उतना खरा नहीं उतरा जितनी की उससे अपेक्षा की गई थी. आपको बताते चलें कि रोबोटिक चांग'ई 6 मिशन रविवार (2 जून) को बीजिंग के समयानुसार सुबह 6:23 बजे दक्षिणी ध्रुव-ऐटकेन बेसिन नामक एक गड्ढे में लैंड हुआ'. यह मिशन चैंग-ई में छठा है, जिसका नाम चीनी चंद्रमा देवी के नाम पर रखा गया है. यह चैंग-ई 5 के बाद सैंपल को वापस लाने के लिए डिजाइन किया गया दूसरा मिशन है.
चीनी वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर सब कुछ उसकी योजना के अनुसार हुआ तो चांग'ई 6 चीन के लिए एक नया इतिहास रच देगा. इस मिशन का मकसद शोध के लिए सैंपल्स यानी नमूनों को चांद की सतह से उठाना( इकट्ठा करना) और उन्हें धरती पर वापस भेजना है, जिससे धरती की सतह पर नीचे बैठे वैज्ञानिकों को चंद्रमा के इस हिस्से से लाई गई सामग्री को पहली बार करीब से देखने का मौका मिलेगा.
इस मिशन पर गया चीनी यान करीब 2 Kg का सैंपल चांद की सतह और जमीन के नीचे के इकट्ठा करने के लिए ड्रिल तकनीक का इस्तेमाल करेगा. उस सैंपल को मैटलिक वैक्यूम कंटेनर में रखकर उस दूसरे मॉड्यूल में ले जाएगा जो पहले से चांद की परिक्रमा कर रहा है. फिर कंटेनर को री-एंट्री कैप्सूल में ट्रांसफर किया जाएगा, जो 25 जून के आसपास चीन के इनर मंगोलिया क्षेत्र के रेगिस्तान में पृथ्वी पर लौटने वाला है.
चीनी मिशन ने अपने एक बयान में कहा, चांग'ई-6 मिशन चंद्रमा के सुदूर हिस्से से पहला ऐसा वापसी मिशन है, जिसमें कई तरह के इंजीनियरिंग नवाचार और उच्च जोखिम शामिल है. गौरतलब है कि चांग'ई 6 को 3 मई को एक अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल करने के लिए लॉन्च किया गया था. चंद्रमा के सुदूर हिस्से से वहां के नमूने खींचकर धरती में लाना चीन के लिए वाकई एक बहुत बड़ी कामयाबी होगा.
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