G.NEWS 24 : पीडीपी कार्यकर्ताओं को थाने बुलाकर उन्हें परेशान किया जा रहा है : महबूबा

पुलवामा में धारा 144 के तहत 48 घंटे के प्रतिबंध लगाया...

पीडीपी कार्यकर्ताओं को थाने बुलाकर उन्हें परेशान किया जा रहा है : महबूबा

श्रीनगर। पीडीपी ने पुलवामा में धारा 144 के तहत 48 घंटे के प्रतिबंध और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिए जाने की निंदा की है. पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर प्रशासन पर उनकी पार्टी और उसके समर्थकों को परेशान करके लोकसभा चुनावों को प्रभावित करने का प्रयास करने का आरोप लगाया. पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान महबूबा ने यह दावा करते हुए आरोप लगाया कि अधिकारियों ने सोमवार को होने वाले मतदान के लिए निर्धारित श्रीनगर लोकसभा सीट के हिस्से पुलवामा में धारा 144 के तहत 48 घंटे का प्रतिबंध लगाया है. वहीं, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता और श्रीनगर लोकसभा सीट के उम्मीदवार वहीद उर रहमान पारा ने शनिवार को आरोप लगाते हुए कहा कि चुनावी हेरफेर 1987 के काले दिनों को दर्शाता है, जो लोकतंत्र के सार को कमजोर करता है.

उन्होंने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के कार्यालयों को टैग करते हुए एक सोशल मीडिया पोस्ट में, पारा ने कार्रवाई की निंदा की. उन्होंने लोकतांत्रिक प्रक्रिया को पटरी से उतरने से रोकने के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होने कहा कि, 'एक राजनीतिक दल से प्रभावित कुछ अधिकारियों की हरकतें 1987 में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस द्वारा की गई गलतियों की याद दिलाती है.' वहीं, पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, यह बहुत अजीब है. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. पीडीपी कार्यकर्ताओं को पकड़कर थाने बुलाया जा रहा है और उन्हें परेशान किया जा रहा है. 

बता दें कि, महबूबा मुफ्ती अनंतनाग-राजौरी लोकसभा उम्मीदवार हैं. उन्होंने आगे दावा किया कि, इन कदमों का उद्देशमय मतदाताओं का डराना है. उन्होंने अधिकारियों पर चुनाव में धोखाधड़ी करने और मतदान से पहले उनकी पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि, कर्मचारी तनावपूर्ण माहौल बना रहे हैं. उन्होंने कहा, 'अगर भारत का चुनाव आयोग 1987 के चुनावों को दोहराने के लिए मजबूर है, तो फिर चुनाव कराने का नाटक क्यों किया जा रहा है? महबूबा ने जम्मू के पुंछ जिले के सुरनकोट में हुए हमले का भी जिक्र किया और दावा किया कि इसके कारण कई पार्टी कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया, जिससे तनावपूर्ण माहौल पैदा हो गया.

इस बीच, पुलवामा के उपायुक्त ने प्रतिबंधों का बचाव करते हुए कहा कि, ये चुनाव प्रचार के अंतिम 72 और 48 घंटों के लिए भारत के चुनाव आयोग की विशिष्ट मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के तहत अनिवार्य थे. उन्होंने स्पष्ट किया कि ये आदेश केवल पुलवामा के लिए नहीं थे और अन्य जिलों द्वारा भी जारी किए गए थे. उन्होंने कहा कि, 13 मई को मतदान के दिन तक, चुनाव से पहले की मौन अवधि के दौरान विशिष्ट अभियान-संबंधित गतिविधियां प्रभावित होंगी. पुलवामा जिला श्रीनगर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है, जहां 13 मई को चल रहे लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में मतदान होना है.

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