फिर भी तीन अंक से हुई फेल छात्रा...
पहली बार हाईकोर्ट में प्रोफेसर ने जांची कॉपी !
ग्वालियर की जीआरएमसी मेडिकल कॉलेज के एनाटॉमी विभाग में पदस्थ प्रोफेसर डॉक्टर अखिलेश त्रिवेदी हाईकोर्ट में मेडिकल छात्रा आकांक्षा गहलोत की कॉपी जांचने पहुंचे। यह पहला मौका रहा, जब किसी चिकित्सा शिक्षक ने कोर्ट परिसर में कॉपी जांची है। हालांकि, कोर्ट की इस पहल का मेडिकल छात्रा को कोई लाभ नहीं मिल सका। कोर्ट ने उसकी अपील खारिज करने के साथ ही हर्जाना भी भरने का आदेश दे दिया है।
दरअसल, दतिया मेडिकल कॉलेज की फर्स्ट इयर की छात्रा आकांक्षा गहलोत ने एनाटॉमी विषय में फेल होने की चलते हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में पुनर्मूल्यांकन की मांग की गई, जिसे सिंगल बेंच ने अस्वीकार कर दिया। इसके बाद डिवीजन बेंच में अपील की गई। जस्टिस विवेक रसिया और जस्टिस राजेंद्र कुमार बानी की डिवीजन बेंच ने जीआरएमसी के एनाटॉमी विभाग में पदस्थ प्रोफेसर डॉक्टर अखिलेश त्रिवेदी को बुलाया।
उन्होंने ओएसडी कक्ष में आकांक्षा की कॉपी और प्रश्न पत्र का अवलोकन किया। कोर्ट को बताया कि दो प्रतिशत प्रश्न में आधा-आधा अंक और दे सकते हैं। क्योंकि पास होने के लिए और तीन अंक की आवश्यकता है। इसको ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने हर्जाना भरने के आदेश के साथ अपील को खारिज कर दिया है।
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