सनातन धर्म मंदिर में विराजित भगवान चक्रधर का 80वां प्राण प्रतिष्ठा समारोह...
आज भगवान चक्रधर के अभिषेक के बाद किया जाएगा उनका मोहिनी शृंगार
ग्वालियर। सनातन धर्म मंदिर में विराजित भगवान चक्रधर का 80वां प्राण प्रतिष्ठा समारोह मोहिनी एकादशी श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाएगा। प्राण प्रतिष्ठा समारोह में चक्रधर संत सम्मान से छिंदवाड़ा के महामण्डलेश्वर अखिलेश्वरानंद गिरी महाराज विभूषित किया जाएगा। सम्मान समारोह से पहले भगवान का अभिषेक के साथ मोहिनी शृंगार किया जाएगा। मंडल के अध्यक्ष कैलाश मित्तल व प्रधानमंत्री महेश नीखरा ने बताया कि किसी संस्था के लिए 80वां पड़ाव महत्वपूर्ण होने के साथ मील का पत्थर होता है। 80 वर्ष मोहिनी एकादशी को भगवान चक्रधर की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी, तभी से अनवरत रूप से प्राण-प्रतिष्ठा समारोह मनाया जा रहा है।
रविवार को कार्यक्रम की शुरुआत सुबह साढ़े सात बजे भजन कीर्तन के साथ होगी। सुबह नौ बजे भगवान के विग्रह का पूर्णाभिषेक वैदिक मंत्रोच्चरण के साथ किया जायेगा और शहनाई वादन होगा। इसके साथ ही फूलबंगला सजाया जायेगा। दोपहर 11 बजे महाआरती के बाद संत सम्मान कार्यक्रम होगा। इस समारोह के मुख्य अतिथि उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एनके मोदी होंगें। शाम को होंगे छप्पन भोग के दर्शन- मंडल के धर्म मंत्री ओपी गोयल व मीडिया प्रभारी राजेश गर्ग ने बताया कि शाम छह बजे से छप्पन भोग के दर्शन होंगे।
सनातन धर्म मंडल इस वर्ष महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि महाराज को चक्रधर सम्मान से विभूषित कर रहा है। स्वामीजी का जन्म छिंदवाड़ा में हुआ। इनका संन्यास पूर्व का नाम ध्रुवनारायण दुबे था। अपनी 16 वर्ष की अल्पायु में इन्होंने घर त्यागकर भगवान श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट चले गए। वहां इन्होंने तपोनिष्ठ सुप्रसिद्ध संत स्वामी अव्यक्तबोधाश्रम महाराज से ब्रह्मचर्य आश्रम की दीक्षा ली। गुरुदेव ने इनका यज्ञोपवीत संस्कार हुआ। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर आंदोलन में आपकी सक्रिय भूमिका रही। सन् 1998 में आपने हरिद्वार के सुप्रसिद्ध भारत माता मंदिर के संस्थापक निवृत्त शंकराचार्य स्वामी श्रीसत्यमित्रानंद गिरि से संन्यास दीक्षा ग्रहण की और आपका नाम स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि हो गया। सन् 2010 में आपको तपोनिधि निरंजनी अखाड़ा ने आपको "महामण्डलेश्वर" की उपाधि से सम्मानित किया।
भगवान को फलाहरी भोग अर्पित होगा
मोहिनी एकादशी 19 मई रविवार को मनाई जाएगी। श्रीहरि की कृपा पाने व मोक्ष की कामना के लिए श्रद्धालु एकादशी का व्रत रखकर पूजा-अर्चना कर मोहिनी एकादशी की कथा का श्रवण करेंगे। पंचांग के अनुसार वैशाख शुक्ल एकादशी तिथि 18 मई को सुबह 11 बजकर 22 मिनिट पर शुरू होकर 19 मई को दोपहर एक बजकर 50 मिनिट तक रहेगी। शास्त्रों में एकादशी व्रत सूर्योदय से मान्य होता है, इसलिए मोहिनी एकादशी 19 मई रविवार को है। हिंदू धर्म में मोहिनी एकादशी बहुत ही पावन और फलदायी तिथि मानी जाती है। सभी एकादशी के व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होते हैं। मोहिनी एकादशी पर राममंदिर, द्वारिकाधीश मंदिर, जनकगंज स्थित श्रीलक्ष्मीनारायम मंदिर, मुरार व चार शहर का नाका पर स्थित गिर्राज मंदिर पर भगवान के विग्रह का श्रृंगार किया जायेगा और फलाहारी भोग अर्पित होगा।
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