G News 24 : कुछ लड़ाइयां दुश्मन को हराने नहीं बल्कि अपने लोगों को मजबूत करने के लिए लड़ी जाती हैं : शाह

घाटी में लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रही भाजपा, फिर अचानक कश्मीर क्यों पहुंच गए शाह !

कुछ लड़ाइयां दुश्मन को हराने नहीं बल्कि अपने लोगों को मजबूत करने के लिए लड़ी जाती हैं : शाह 

लोकसभा चुनाव के बीच जब गृह मंत्री अमित शाह श्रीनगर पहुंचे तो कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गईं. इस यात्रा का उद्देश्य क्या है ? वह दो दिन घाटी में रहने वाले हैं. नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने भी सवाल किया कि गृह मंत्री शाह का कश्मीर दौरा अजीब बात है क्योंकि वह देश के दूसरे हिस्सों में चुनाव प्रचार छोड़कर ऐसी जगह आए हैं जहां भाजपा चुनाव नहीं लड़ रही है. ज्ञात रहे कि भाजपा ने जम्मू और लद्दाख में तो उम्मीदवार उतारे हैं लेकिन कश्मीर में वह सीधे तौर पर किसी सीट पर नहीं लड़ रही है. 

अब्दुल्ला ने यह भी दावा कर दिया कि केंद्र और भाजपा उनकी पार्टी को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर सकते हैं लेकिन जम्मू-कश्मीर के लोग उनके साथ हैं. दरअसल, इस दौरे का कनेक्शन जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव से जोड़ा जा रहा है. शाह ने भाजपा नेताओं को संदेश दिया है कि वे अब विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट जाएं. शाह ने जम्मू-कश्मीर के भाजपा नेताओं समेत कई प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात की. आज भी बैठकें प्लान की गई हैं. 

सितंबर तक होगा चुनाव

गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर की भाजपा इकाई को इस साल सितंबर तक होने वाले विधानसभा चुनावों में सभी सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहने को कहा है. शाह ने श्रीनगर के ललित पैलेस में भाजपा प्रतिनिधिमंडल से बातचीत की. उन्होंने गुज्जर, बकरवाल, पहाड़ी और सिखों सहित कई प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात की. आखिर में उन्होंने भाजपा प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की जिसमें भाजपा के महासचिव और जम्मू-कश्मीर मामलों के प्रभारी सुनील शर्मा और दरक्शां अंद्राबी, हिना भट, सोफी यूसुफ, अल्ताफ ठाकुर जैसे नेता शामिल थे. बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग भी मौजूद थे.सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को स्पष्ट निर्देश दिया है कि वह इस साल सितंबर तक केंद्रशासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव कराए. 

पहाड़ी, सिख समुदाय मिला 

मोहम्मद यूनिस खान के नेतृत्व में एक पहाड़ी प्रतिनिधिमंडल ने शाह से मुलाकात की. इन लोगों ने समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया. स्थानीय सिखों के एक प्रतिनिधिमंडल ने भी शाह से मुलाकात की. सिख सदस्यों ने विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में पंजाबी भाषा को शामिल करने और कश्मीरी पंडितों की तरह समुदाय के लिए विधानसभा में सीटें आरक्षित करने की मांग उठाई. 

भाजपा के 3 सीटों पर चुनाव नहीं लड़ने पर खेद है !

सूत्रों ने बताया कि शाह ने अपने शुरुआती भाषण में कहा कि उन्होंने देश के हर कोने में जमीनी स्तर पर भाजपा को मजबूत करने के लिए बहुत मेहनत की है. शाह ने तीन महत्वपूर्ण लोकसभा सीटों पर भाजपा के चुनाव न लड़ने पर खेद व्यक्त किया, लेकिन कहा कि कुछ लड़ाइयां दुश्मन को हराने के लिए नहीं बल्कि अपने कार्यकर्ताओं को मजबूत करने के लिए लड़ी जाती हैं.

उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और कांग्रेस के वंशवाद को खत्म करने पर जोर दें. इसके लिए आप सभी को इन पार्टियों के खिलाफ वोट करना चाहिए. शाह का कश्मीर दौरा जमात-ए-इस्लामी द्वारा 1987 के बाद फिर से चुनावी राजनीति में शामिल होने की इच्छा जताए जाने के ठीक एक दिन बाद हुआ है, बशर्ते केंद्र 2019 में UAPA के तहत लगा प्रतिबंध हटा ले. ऐसी चर्चा थी कि जमात-ए-इस्लामी का एक प्रतिनिधिमंडल भी गृह मंत्री से मिलने वाला है, हालांकि, कल देर शाम तक ऐसा कुछ नहीं हुआ.

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