कलेक्टर श्रीमती चौहान ने विभागीय अधिकारियों को दिए दिशा-निर्देश...
भिक्षावृत्ति व नशे में लिप्त बच्चों के पुनर्वास के लिए करेंगे कारगर प्रयास !
ग्वालियर। सड़कों व फुटपाथ पर आश्रय लेने वाले एवं भिक्षावृत्ति व नशे में लिप्त बच्चों के पुनर्वास के कारगर प्रयास होंगे। विभिन्न सामाजिक सुरक्षा एवं कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से ऐसे बच्चों का पुनर्वास किया जाएगा। साथ ही बच्चों को शिक्षा से भी जोड़ा जाएगा। इस सिलसिले में कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबंधित अधिकारियों की बैठक लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। राज्य शासन के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा दिए गए निर्देशों के पालन में यह बैठक आयोजित की गई थी।
कलेक्टर श्रीमती चौहान ने भिक्षावृत्ति और नशे में लिप्त बच्चों को चिन्हित कर सूचीबद्ध करने और उनके पुनर्वास के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन बच्चों की पढ़ाई बीच में ही छूट गई है, उनकी पढ़ाई को सुचारू कराएँ। कलेक्टर ने जोर देकर कहा कि सर्वेक्षण के दौरान इस बात पर विशेष नजर रखें कि कोई संगठित गिरोह बच्चों से भिक्षावृत्ति तो नहीं करा रहा है। यदि ऐसी स्थिति सामने आए तो किशोर न्याय ( बालकों की देखरेख और संरक्षण ) अधिनियम तहत कार्रवाई की जाए। बच्चों से भीख मंगवाने वालों को पाँच वर्ष का कारावास और एक लाख रुपए का दंड देने का प्रावधान इस अधिनियम में है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में नगर निगम, पुलिस, सयुक्त संचालक सामाजिक न्याय, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास, जिला शिक्षा अधिकारी, डीपीसी, नेहरू युवा केन्द्र और जिला खेल एवं युवा कल्याण अधिकारी सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
भिक्षावृत्ति उन्मूलन के लिए व्यापक स्तर पर जन जागरूकता लाने पर दिया जोर
कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने भिक्षावृत्ति से बच्चों को बचाने के लिए व्यापक स्तर पर समाज में जन जागरूकता लाने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने भिक्षावृत्ति रोकथाम के लिए चौराहों, धार्मिक स्थानों व भिक्षावृत्ति के अन्य हॉटस्पॉट पर होर्डिंग व पेम्प्लेट लगाने और रैली इत्यादि निकालकर प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिए। जिले में भिक्षावृत्ति के हॉटस्पॉट फूलबाग चौराहा, खेड़ापति मंदिर, सांई बाबा मंदिर, मंशापूर्ण हनुमान मंदिर, अचलेश्वर, कोटेश्वर, जौरासी मंदिर, गोले का मंदिर, मेला ग्राउण्ड, रेल्वे स्टेशन, बस स्टैण्ड आदि स्थानों पर भिक्षावृत्ति के खिलाफ जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। साथ ही भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों को बाल कल्याण समिति में पेश करने के उपरांत पुनर्वास केन्द्र में पहुँचाया जाएगा और विभिन्न विभागों की कल्याणकारी योजनाओं से बच्चों को जोड़ने के प्रयास किए जाएंगे।
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