आठ साल पहले भारतीय सेना में भर्ती हुईं...
IIT बॉम्बे से पोस्ट ग्रेजुएट राधिका सेन को UN से मिलने जा रहा है प्रतिष्ठित पुरस्कार !
नई दिल्ली। भारतीय सेना की मेजर राधिका सेन को प्रतिष्ठित जेंडर एडवोकेट पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने यह घोषणा की है. दुजारिक ने कहा कि गुटेरेस गुरुवार को राधिका सेन को 2023 मिलिट्री जेंडर एडवोकेट ऑफ द ईयर अवार्ड प्रदान करेंगे. इसे संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षकों के अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है. अभी संयुक्त राष्ट्र के लिए काम करने वाली महिला सैन्य शांतिरक्षकों में भारत का 11वां सबसे बड़ा योगदान है.
पीस कीपर को दिया जाता है ये पुरस्कार
प्रतिष्ठित जेंडर एडवोकेट पुरस्कार साल 2000 के सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव को बढ़ावा देने में एक पीस कीपर के प्रयासों को मान्यता देता है, जो महिलाओं और लड़कियों को संघर्ष वाले इलाकों में यौन हिंसा से बचाने का प्रयास करता है. सेन मेजर सुमन गवानी के बाद यह सम्मान पाने वाली दूसरी भारतीय पीस कीपर हैं. सुमन गवानी ने दक्षिण सूडान में संयुक्त राष्ट्र मिशन के साथ काम किया था और 2019 में यह पुरस्कार प्राप्त किया था. संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में 6,063 भारतीय कर्मियों में से 1,954 मोनुस्को के साथ काम करते हैं, जिनमें से 32 महिलाएं हैं.
राधिका सेन एक रोल मॉडल
गुटेरेस ने बधाई देते हुए राधिका सेन को एक रोल मॉडल बताया. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, राधिका सेन ने कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में संयुक्त राष्ट्र मिशन के साथ काम किया, जहां उन्होंने उत्तरी किवु में एक अलर्ट नेटवर्क बनाने में मदद की, जो समुदाय के लोगों, युवाओं और महिलाओं को अपनी सुरक्षा के लिए आवाज उठाने के लिए एक मंच प्रदान किया. उन्होंने समर्पण की भावना के साथ महिलाओं और लड़कियों सहित संघर्ष-प्रभावित समुदायों का विश्वास जीता. सेन के सैनिकों ने उत्तरी किवु में बढ़ते संघर्ष के माहौल में उनके साथ काम किया.
आईआईटी बॉम्बे से पोस्ट ग्रेजुएट हैं राधिका
राधिका सेन मूल रूप से हिमाचल प्रदेश की रहने वाली हैं. वह एक बायोटेक इंजीनियर हैं. राधिका आईआईटी बॉम्बे में मास्टर डिग्री की पढ़ाई कर रही थीं, तब उन्होंने सेना में शामिल होने का फैसला किया. 1993 को जन्मी मेजर सेन आठ साल पहले भारतीय सेना में भर्ती हुईं. इसके बाद वह एक के बाद एक पायदान ऊपर बढ़ती गईं. उन्हें 2023 में भारतीय रैपिड डिप्लॉयमेंट बटालियन के साथ इंगेजमेंट प्लाटून कमांडर के रूप में कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (मोनुस्को) में नियुक्त किया गया था, और उन्होंने अप्रैल 2024 में अपना कार्यकाल पूरा किया.
"लिंग-संवेदनशील शांति स्थापना सिर्फ महिलाओं का काम नहीं : राधिका सेन
राधिका सेन ने कहा, "लिंग-संवेदनशील शांति स्थापना हर किसी का काम है, न कि केवल हम महिलाओं का. शांति की शुरुआत हम सभी की खूबसूरत विविधता से होती है." यह पुरस्कार मेरे लिए खास है. यह कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य के चुनौतीपूर्ण माहौल में काम करने वाले सभी शांति सैनिकों की कड़ी मेहनत और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देने को मान्यता देता है.
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