जब एक पेरेंट ने वॉट्सऐप ग्रुप पर जानकारी दी, तो 19 पीड़ित बच्चे सामने आ गए....
उज्जैन के दंडी आश्रम में आचार्य ने ही 19 बच्चों के साथ किया यौन शोषण !
आश्रम जैसे पवित्र स्थान पर अमानवीय कृत्य करते हुए व्यवचारी ने एक बार भी आश्रम और अपने पद के बारे में एक बार भी नहीं सोचा। उज्जैन के दंडी आश्रम में यौन शोषण के मामले में आश्रम प्रबंधन की लापरवाही भी सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि मामले का खुलासा 15 दिन पहले ही हो गया था। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसारआश्रम के संचालक गजानंद सरस्वती ने थाने में रिपोर्ट करने के बजाय सेवादार अजय ठाकुर को निकाल दिया था। एक बच्चे ने अपने माता-पिता को आचार्य राहुल शर्मा की करतूतों के बारे में बताया था, लेकिन वे समझ नहीं पाए। जब एक पेरेंट ने वॉट्सऐप ग्रुप पर जानकारी दी, तो 19 पीड़ित बच्चे सामने आ गए। बुधवार दोपहर पुलिस ने आश्रम पहुंचकर वहां मौजूद बच्चों, गजानंद सरस्वती और अन्य लोगों के बयान लिए। पुलिस ने आचार्य राहुल शर्मा को गिरफ्तार कर लिया। दूसरे आरोपी अजय ठाकुर को बुधवार देर रात सीहोर जिले के आष्टा से पकड़ा गया। गुरुवार सुबह 6 बजे पुलिस उसे उज्जैन लेकर आई।
बच्चों ने पुलिस को बताई आचार्य की करतूत
‘मैं मंदसौर जिले में रहता हूं। दंडी आश्रम में रहकर करीब एक साल से पंडिताई की शिक्षा ग्रहण कर रहा हूं। चैत्र नवरात्र के 4 दिन पहले राहुल आचार्य ने बोला- शाम को भोजन करवाने रूम नंबर 12 में आ जाना। मैं दो दिन तक कमरे में गया। इसके बाद 7 अप्रैल को उन्होंने शाम 5 बजे फिर बुलाया। मैं वहां पहुंचा तो राहुल आचार्य ने बोला- तू मुझसे शादी करेगा, तो मैंने मना कर दिया। बोला- अब मुझसे बात मत करना फिर मैं बाहर आ गया था।
9 अप्रैल को फिर राहुल आचार्य ने बुलाया। मैं रात 8 बजे गया। उन्होंने कहा- थाली धोने के लिए रखकर वापस रूम में आना। मैं थाली बाहर रखकर वापस गया, तो राहुल आचार्य ने दरवाजे की कुंडी अंदर से लगा ली। उन्होंने मेरे साथ गलत काम किया। थोड़ी देर बाद रामायण पढ़ने वाले बच्चे आ गए। उन्होंने मुझे धमकी दी कि किसी को बताया, तो जान से मार दूंगा। धमकी के कारण मैं डर गया था।
19 अप्रैल को मेरी ममेरी बहन की शादी थी, इसलिए 10 अप्रैल को पिता और अंकल मुझे लेने आए। मैं उनके साथ चला गया। मैंने अपनी मां को घटना के बारे में बताया, लेकिन वह समझ नहीं पाईं। बहन की शादी के बाद 21 अप्रैल को मैं अपने घर आ गया। 1 मई को हमारी परीक्षा थी। 26 अप्रैल को पिताजी वापस दंडी आश्रम छोड़ गए थे। आश्रम में सहपाठी के माता-पिता आए थे। उन्हें पूरी बात बताई।’
आश्रम में वर्तमान में 5वीं से लेकर 12वीं तक के करीब 80 बच्चे अध्ययनरत हैं।
एक और पीड़ित बच्चे के पिता ने बताया कि 15 अप्रैल को बच्चे से मिलने आश्रम पहुंचा था। यहां बेटे ने बताया कि आश्रम का सेवादार अजय ठाकुर गंदी बात करता है। इस दौरान कुछ और बच्चे मेरे पास बाहर आकर रोने लगे। उन्होंने भी अजय ठाकुर की करतूतों के बारे में बताया। सभी ने आश्रम संचालक से बात करने का मन बनाया, तो 30 अप्रैल को मिलना तय हुआ।
बच्चे ने बताया,आचार्य भी गंदा काम करता है
पेरेंट ने बताया कि मंगलवार को सभी अभिभावक आश्रम पहुंचे। यहां गजानंद सरस्वती, आचार्य राहुल शर्मा समेत अन्य आचार्य भी शामिल थे। सेवादार अजय ठाकुर की बात चल रही थी। इस दौरान एक बच्चा दौड़ता हुआ आया। बोला- आचार्य राहुल शर्मा ने भी मेरे साथ गलत काम किया है। जैसे ही, राहुल शर्मा का पता लगा, तो वहां मौजूद लोग हैरान रह गए। दरअसल, राहुल शर्मा की छवि अभिभावकों के बीच अच्छी थी। इसके बाद रात में ही महाकाल थाना पुलिस को बुलाकर राहुल को पुलिस के हवाले कर दिया। रात करीब 12:30 बजे आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज हो सका।
आश्रम में पढ़ा राहुल और वहीं बन गया आचार्य
एक बच्चे के पेरेंट ने बताया कि राहुल शर्मा ने दंडी आश्रम से ही पढ़ाई की है। बचपन से ही वह आश्रम में रहने लगा था। आचार्य का पद संभालने के बाद से बच्चों को पढ़ाने लगा। मंगलवार रात एक छात्र ने कमरा नंबर 12 का जिक्र किया। बताया- आचार्य राहुल शर्मा इसी कमरे में ले जाकर गंदा काम करता था। कई बार बच्चों को कमरे में बुलाया था।
एक बच्चे ने सेवादार की पिटाई भी की
इंदौर से बच्चे को लेने आए एक पेरेंट ने कहा, ‘बेटे ने मुझे बताया था कि अजय ठाकुर अच्छा नहीं है, इसलिए मैंने उसकी पिटाई कर दी। उन्होंने बताया कि अप्रैल महीने में ही अजय ने बेटे को आश्रम के कमरे में बुलाया। यौन शोषण करने लगा, लेकिन मेरे बेटे ने विरोध करते हुए सेवादार अजय को चांटे मारे थे। इसके बाद दो बार अलग-अलग कारणों से बेटे को पाइप से पीटा गया, जिससे उसका हाथ फ्रैक्चर हो गया था। मुझे पता चला, तो मैं उसे ले गया था।’
घटना सच होने पर डायल 100 को काॅल किया
पीड़ित छात्रों के परिजनों ने बताया कि पहले लगा कि पढ़ाई से बचने के लिए आरोप लगा रहे हैं, लेकिन जब सभी बच्चों ने आरोप लगाए, तो 15 दिन पहले आश्रम आए। घटना सच होने पर डायल 100 को काॅल किया, लेकिन पुलिस नहीं आई।
30 साल पहले हुई थी आश्रम की स्थापना
1993 में दंडी आश्रम की स्थापना स्वामी मोहनानंद सरस्वती महाराज ने बड़नगर रोड पर की थी। ट्रस्ट के माध्यम से यहां कर्मकांड, ज्योतिष, संगीत, वेद और संस्कृत की शिक्षा दी जाती है। प्रदेश के अलग-अलग शहरों से यहां बड़ी संख्या में छात्र 5वीं से 12वीं तक का अध्ययन करने आने लगे। वर्तमान में यहां करीब 80 बच्चे अध्ययनरत हैं।
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