डीग जिला पुलिस ने र 23 साइबर ठगों को पकड़ा !
एंटीवायरस अभियान के तहत 1 हजार लोगों से ठगी करने वाले 23 साइबर ठगों को पकड़ा
राजस्थान। राजस्थान के भरतपुर और डीग का मेवात क्षेत्र ऑनलाइन साइबर ठगी को लेकर देशभर में चर्चित है. लेकिन जब से यहां साइबर ठगों को पकड़ने के लिए Operation Anti-Virus चलाया जा रहा. इस क्षेत्र में पुलिस की कार्रवाई से साइबर ठगी के मामलों में गिरावट देखी गई है और पुलिस के भय के चलते साइबर ठग क्षेत्र को छोड़कर अन्य जगह चले गए हैं.
साइबर ठगों पर नकेल कसने का काम भरतपुर रेंज आईजी राहुल प्रकाश के द्वारा चलाए गए एंटी वायरस अभियान से ही संभव हो पाया है. एंटी वायरस अभियान की शुरुआत 1 मार्च को हुई थी.मार्च और अप्रैल माह में साइबर ठगी के मामलो में कमी देखी गई है.अभियान के तहत आज बुधवार को भी डीग जिला पुलिस ने 23 साइबर ठगों को पकड़ा है जिनमें 5 नाबालिग भी शामिल है. जिनके पास से 46 मोबाइल सिमकार्ड सहित,6 मोबाइल सिम,1 एटीएम 3 चेक़बूक ,4 जमीनों के कागजात ,क्रेटा कार, 1 ट्रेक्टर व 2 बाइक जब्त की है. आरोपी अब तक 1 हजार से ज्यादा लोगों से करोड़ो रूपये की ठगी कर चुके है.
भरतपुर रेंज आईजी राहुल प्रकाश ने बताया कि भरतपुर डीग का मेवात क्षेत्र ऑनलाइन साइबर ठगी का गढ़ है. इन ठगों पर नकेल कसने के लिए भरतपुर रेंज में 1 मार्च को एंटीवायरस अभियान शुरू किया था. इस अभियान के चलते साईबर ठगी के मामलो में 33.89% कमी आई है. डीग जिले के मेवात क्षेत्र में फरवरी माह में 6530 मामले थे जबकि एंटी वायरस अभियान के बाद अप्रैल माह में मामलो की संख्या 4317 रह गई है. इन मामलों की जानकारी केंद्र सरकार के इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर को दी गई है.
मार्च और अप्रैल में 133 गिरफ्तारी
एंटीवायरस अभियान के तहत मार्च और अप्रैल माह में 51 केस दर्ज करते हुए 133 अपराधियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए अपराधियों के कब्जे से 28.60 लाख रुपए जप्त किए हैं.252 मोबाइल ,134 एटीएम कार्ड,294 सिम कार्ड,9 माइक्रो एटीएम,6 स्वेप मशीन,25 कार,6 लैपटॉप ,6 कम्प्यूटर ,एक टैबलेट,28 पास बुक्स,37 चेक बुक,एक रुपए गिनने की मशीन ,5 पिस्तौल के साथ 6 कोर्टेज को बरामद किया जा चुका है.
आईजी राहुल प्रकाश ने बताया कि मेवात क्षेत्र में इन अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के पुलिस को निर्देश दे रखे हैं. पुलिस के द्वारा इस क्षेत्र में लगातार निगरानी रखने के साथ जीरो टॉलरेंस नीति पर काम किया जा रहा है. यही वजह है कि ऑनलाइन ठगी में सक्रिय अपराधी या तो इस काम को छोड़ रहे हैं या फिर क्षेत्र को छोड़कर अन्य जगह चले गए हैं।
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