G News 24 : दिल धड़कनें तेज कौन बनेगा सांसद और कौन बैठेगा घर !

 नजदीक आती नतीजे की घड़ी ...

दिल धड़कनें तेज कौन बनेगा सांसद और कौन बैठेगा घर !

ग्वालियर लोकसभा क्षेत्र से क्या इसबार भी भाजपा विजय परचम लहराएगी या कांग्रेस कमल दल के इस अभेद गढ़ को ध्वस्त करने में कामयाब होगी ! नतीजे की घड़ी नजदीक आने से पहले इसको लेकर ग्वालियर में मतदाताओं के दिलों की धड़कन तेज हो गई है।

यहां मुकाबला इस कारण रोचक बन गया है क्यों कि दोनों ही दलों ने यहां से विधानसभा चुनाव के पिटे पिटाए मोहरों को मैदान में उतारा था इनमें कौन कौन बनेगा सांसद और कौन बैठेगा घर, इसने लोगों की उत्सुकता को बहुत अधिक बढ़ा दिया है। उल्लेखनीय है कि ग्वालियर लोकसभा से भाजपा ने भारत सिंह कुशवाह को और कांग्रेस ने प्रवीण पाठक को प्रत्याशी बनाया था।

इसबार भी सीधा मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच है हालांकि बहुजन समाज पार्टी का प्रत्याशी भी मैदान में है लेकिन वह मुकाबले से बाहर होने की वजह से उसकी चर्चा नहीं है। ¹इतना जरूर है कि यदि पार्टी आधार पर मतदाताओं ने वोटिंग की होगी तो बीएसपी सीधे सीधे कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने वाली है। इस दृष्टि से भाजपा के सामने कोई भी वोट कटुआ प्रत्याशी नहीं होने से उसे लाभ मिल सकता है।

पिछले  चुनावों की बात करें तो ग्वालियर लोकसभा सीट पर 2004 के बाद से लगातार भाजपा का कब्जा रहा है। चूंकि इस लोकसभा में कुशवाह वोटरों की तादाद तीन लाख से ऊपर है इस कारण भाजपा ने विधानसभा चुनाव हारने और पहले से ही कुशवाह समाज से मध्यप्रदेश सरकार में ग्वालियर से एक केबिनेट मिनिस्टर बनाए जाने के बावजूद कुशवाह समाज के ही भारत सिंह पर दांव लगाया है। इस रणनीति के पीछे मुख्य किरदार पूर्व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का माना जा रहा है क्यों कि भारत सिंह को उन्ही का खासमखास माना जाता है।

ग्वालियर सीट पर सबसे ज्यादा अनुसूचित जनजाति के मतदाता हैं। इस सीट पर अनुसूचित जाति के लिए चार लाख के करीब मतदाता हैं। दो लाख क्षत्रिय, दो लाख गुर्जर, दो लाख यादव, डेढ़ लाख अनुसूचित जनजाति, डेढ़ लाख करीब मुस्लिम और तीन लाख के करीब ब्राह्मण मतदाता हैं।  इसमें कांग्रेस  को उम्मीद है कि ब्राह्मण के साथ ही मुस्लिम, गुर्जर, आदिवासी जनजाति और अनुसूचित जनजाति के मतदाताओं  ने उनको वोट दिए हैं। वहीं, कुशवाह को मोदी फैक्टर, केंद्रीय योजनाओं पर भरोसा है।

दूसरी ओर कांग्रेस ने ग्वालियर से ब्राह्मण कार्ड खेला है उसे विश्वास है कि प्रवीण पाठक को वैश्य और छत्रीय समाज का भी समर्थन मिलने के साथ भाजपा की अंदरूनी खटपट का लाभ भी मिला है। चूंकि पाठक का शैक्षणिक स्तर अच्छा था अतः उन्हें पढ़े लिखे होने का फायदा भी मिला है ।

वहीं भारत सिंह कुशवाह के समर्थकों का मानना है कि मोदी फैक्टर और तमाम लोकप्रिय केंद्रीय योजनाओं के सामने कांग्रेस के सारे चुनावी दांव पेच फेल साबित हुए हैं मतदाताओं ने मोडी की गारंटी पर भरोसा जताया है। उल्लेखनीय है कि ग्वालियर लोकसभा सीट से यह माना जा रहा था कि पार्टी ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रत्याशी बनाएगी लेकिन उन्हें गुना से टिकिट दिए जाने से उनके तमाम समर्थक गुना पलायन कर गए जिसका कि भाजपा प्रत्याशी को नुकसान उठाना पड़ा। 

उधर सिंधिया के बाद टिकिट की दौड़ में शामिल जयभान सिंह पवैया,प्रभात झा, ,माया सिंह, विवेक शेजवलकर जैसे कई बड़े जनाधार वाले नेता टिकिट न दिए जाने से निराश हो गए जिसका कि नुकसान भाजपा प्रत्याशी को उठाना पड़ा इतना ही नहीं मजबूत कुशवाह नेता और प्रदेश सरकार के मंत्री नारायण सिंह कुशवाह शुरुआती दौर में उतने सक्रीय नहीं दिखे यदि इन बातों का असर वोटरों पर पड़ा होगा तो इसका खामियाजा भाजपा को उठाना पड़ सकता है।

ग्वालियर संसदीय सीट पर 2007 से भाजपा का कब्जा है। यहां पर 2007 का उपचुनाव और 2009 का चुनाव यशोधरा राजे सिंधिया जीती। इसके बाद 2014 में नरेंद्र सिंह तोमर और 2019 में विवेक शेजवलकर ने चुनाव जीता। उन्होंने कांग्रेस के अशोक सिंह को 1.46 लाख वोट से चुनाव हराया था। इस बार भाजपा ने विवेक शेजवलकर का टिकट काट कर भारत सिंह कुशवाह को मैदान में उतारा है।

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