G News 24 : स्पीकर्स का शोर आराध्य के प्रति समर्पण नहीं बल्कि अपनी आस्था से दूसरों को प्रभावित करना है : रवि

 मनमाने तरीके से हटाए जा रहे लाउड स्पीकर : दिग्विजय सिंह 

स्पीकर्स का शोर आराध्य के प्रति समर्पण नहीं बल्कि अपनी आस्था से दूसरों को प्रभावित करना है : रवि 

मध्यप्रदेश में धार्मिक स्थलों पर नियम विरुद्ध लगाए गए लाउड स्पीकर्स को उतारने का अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान पर प्रश्न चिह्न लगाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखा जाना ये साफ जाहिर करता है कि राज नेता अपने राजनैतिक स्वार्थपूर्ति के लिए किसी भी अच्छी मुहिम में रोड़ा अटकाने से भी बाज नहीं आते हैं वही कार्य करने का प्रयास दिग्विजय सिंह भी इन दिनों कर रहे हैं।

अब देखा जाए तो धार्मिक स्थलों पर लाऊड स्पीकर्स की जरूरत ही क्या है ? ये शोर किसे सुनाया जाता है। क्योंकि भक्ति/उपासना/अरदास/सुमिरन या दुआ करने के लिए  किसी भी आराध्य को सच्चे और शुद्ध मन याद करना ही सही मायने में उसके प्रति भक्त/उपासक की अपने आराध्य के प्रति निष्ठा होती है। आराध्य बहरा नहीं है जो उसे गला फाड़ फाड़कर शोर मचाकर अपनी आवाज़ से ये बताने का प्रयास किया जाये कि आप उसे याद कर रहे हैं। 

वैसे भी सरकार इन दिनों राज्य के अन्य शहरों में कड़ाई से पालन करने के लिए पुलिस और प्रशासन ध्वनि विस्तारक यंत्रों को हटा रहा है। कई मंदिरों से सिर्फ आरती के समय उपयोग किए जाने वाले लाउड स्पीकरों को उतार दिया गया। कई मस्जिदों से नमाज के पहले अजान के लिए उपयोग किए जाने वाले लाउड स्पीकरों को भी उतारा  जा रहा है।

 मेरे विचार से इसमें किसी को भी कोई आपत्ति नहीं होना चाहिए। क्योंकि जब स्पीकर्स और लाइट का अविष्कार नहीं हुआ था तब भी तो आरती/अजान और अरदास होती ही थी तो अब बे -वजह इसे लेकर शोर क्यों मचाया जा रहा है। कभी-कभार इन आयोजनों में भीड़ और व्यवस्था के हिसाब से तो लाऊड स्पीकर्स का उपयोग ठीक है, लेकिन रोजाना बार बार इस प्रकार ध्वनि प्रदूषण फैलाना ठीक नहीं। इस प्रकार अपनी आस्था से दूसरों को परेशान करना कहां तक उचित है।  

लेकिन इसे लेकर दिग्विजय सिंह का कहना है कि मध्यप्रदेश सरकार के जारी निर्देशों का समानता से पालन नहीं हो रहा है। इसके लिए संबंधित धार्मिक स्थलों के प्रमुखों या धर्मगुरुओं से भी कोई सलाह-मशवरा नहीं किया जा रहा है। इस प्रकार धार्मिक केंद्रों द्वारा नियमों का पालन करते हुए उपयोग किए जा रहे लाउड स्पीकर्स को उतारना आम लोगों और धर्मगुरूओं की भावनाओं को आहत करता है।

दिग्विजय सिंह ने लिखा- मेरा आपसे अनुरोध है कि मध्यप्रदेश शासन ने जिस भावना से यह दिशा-निर्देश जारी किए हैं, उस भावना की रक्षा करने के लिए धार्मिक स्थलों पर लगे लाउड स्पीकर्स को नियमों के अंतर्गत उपयोग करने से रोकने वाले अधिकारियों पर नियंत्रण किया जाए। मानव स्वास्थ्य की रक्षा के साथ-साथ लोगों की आस्थाओं और सांस्कृतिक परंपराओं की भी रक्षा की जाए। आशा है आप इस मामले को व्यक्तिगत तौर पर दिखवाएंगे, और नियमों के विरुद्ध मनमाना आचरण करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों पर नियंत्रण करेंगे।

Reactions

Post a Comment

0 Comments