G.NEWS 24 : पंडोखर धाम में लगी आग, साधु-संतों के लिए बनीं कुटियाएं हुईं खाक

करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया...

पंडोखर धाम में लगी आग, साधु-संतों के लिए बनीं कुटियाएं हुईं खाक

मध्यप्रदेश के दतिया ज़िले के पंडोखर धाम में सोमवार दोपहर को आग लग गई। तेज हवाओं के कारण आग फैलती गई। देखते ही देखते आग साधु-संतों समेत भक्तों के लिए बनीं कुटियाओं तक पहुंच गईं। दूर से ही ऊंची-ऊंची लपटें दिखाई दे रही थीं। पंडोखर थाना पुलिस और भांडेर नगर परिषद की फायर ब्रिगेड का अमला मौके पर पहुंचा। फायर ब्रिगेड के अमले ने स्थानीय लोगों की मदद से करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। इधर पंडोखर धाम सरकार गुरुशरण शर्मा ने आग लगाए जाने के आरोप लगाए हैं। 

बताया जा रहा है कि पंडोखर धाम में मंगलवार 23 अप्रैल से महोत्सव शुरू होना है, जो 8 मई तक चलेगा। इसमें पंडोखर पीठाधीश्वर पंडित गुरुशरण शर्मा, वृंदावन के अर्पिताचार्य जी महाराज और साध्वी पीताम्बरा के प्रवचन होंगे। देशभर से अनुयायी यहां पहुंच रहे हैं। इससे पहले सोमवार को अज्ञात कारणों से आग लग गई। हवा के कारण आग फैलती गई। परिसर में बनीं साधु-संतों की कुटियाओं को भी आग ने चपेट में ले लिया। दो घंटे की मशक्कत के बाद आग बुझाई जा सकी, पर तब तक काफी कुछ खाक हो गया। पंडोखर धाम के व्यवस्थापक मुकेश गुप्ता ने बताया कि महोत्सव को देखते हुए विशेष तैयारियां की गई थीं। 

साधु-संत और भक्तों के रुकने के लिए कुटीर बनाए गए थे। आग इन्हीं कुटीर से भड़की और जल्द ही महाराज निवास समेत धाम के नए ऑफिस तक पहुंच गई। कुटियाओं के साथ जरूरी दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक सामान, जेवरात, सोफा समेत लकड़ी के आइटम्स जल गए हैं। पंडोखर पीठाधीश्वर पंडित गुरुशरण शर्मा ने कहा कि तैयारियां चल रही थीं। बताया जा रहा है कि कुछ लोगों ने आग लगाई और वे पीछे की तरफ से भाग निकले। पुलिस को सूचित करेंगे। मैं अभी-अभी आया हूं। कल यज्ञ होने वाला है। व्यवस्थाएं बनेंगी, पर प्रशासन को भी सहयोग करना चाहिए। 

बता दें कि दतिया में पंडोखर धाम महोत्सव का आयोजन बीते 28 साल से किया जा रहा है। महोत्सव 23 अप्रैल को कलश यात्रा के साथ शुरू होगा। 30 अप्रैल तक श्रीराम कथा का आयोजन होगा। इस दौरान भजन गायक जित्तू खरे, शहनाज अख्तर, संजो बघेल और लखबीर सिंह लक्खा भी प्रस्तुतियां देंगे।जादूगर नाइट एवं रामलीला का भी आयोजन होगा। बता दें कि पंडोखर सरकार का दरबार भी बागेश्वार धाम के जैसा लगता है। पर्चियां लिखकर पंडोखर सरकार लोगों की समस्या और निदान बताते हैं। 

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