दिशा-निर्देशों का पालन कर...
राजस्व न्यायालय के प्रकरणों के निराकरण की प्रक्रिया को बेहतर बनाए : कलेक्टर
ग्वालियर। राजस्व न्यायालयों में विचाराधीन प्रकरणों के निराकरण की प्रक्रिया में सुधार के लिए कलेक्टर रुचिका चौहान ने विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने अपर कलेक्टर सहित जिले के सभी अनुविभागीय राजस्व अधिकारी, तहसीलदार व नायब तहसीलदारों को इन दिशा-निर्देशों का पालन कर राजस्व न्यायालय के प्रकरणों का निराकरण करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर श्रीमती चौहान द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में स्पष्ट किया गया है कि राजस्व न्यायालय में आवेदन प्राप्त होने पर उसे आरसीएमएस (रेवेन्यू केस मैनेजमेंट सिस्टम) में दर्ज करें।
साथ ही पहली नोटशीट आरसीएमएस से जनरेट की जाए। प्रकरण की आगामी कार्रवाई के लिये नियत पेशी की जानकारी भी आरसीएमएस में दर्ज की जाए। विचाराधीन प्रकरण में अधीनस्थ न्यायालय, राजस्व निरीक्षक व पटवारी जाँच इत्यादि की जरूरत हो तो मूल प्रकरण न भेजते हुए पत्राचार से यह जानकारी मगाएँ। साथ ही आगामी तिथि नियत कर आरसीएमएस में अपडेट किया जाए। दिशा-निर्देशों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि किसी प्रकरण में प्रतिवेदन प्राप्त न हो तो प्रवाचक (रीडर) नियत दिनांक को पीठासीन अधिकारी के समक्ष आगामी आदेश के लिये प्रकरण प्रस्तुत करे। पीठासीन अधिकारी अपेक्षित आदेश जारी कर उसकी सतत समीक्षा करे।
प्रकरण में निर्धारित विधिक प्रक्रिया का पालन कर निराकरण कर स्पष्ट आदेश पारित किया जाए। आदेश का पालन कराने के लिये समय सीमा अवश्य निर्धारित की जाए। साथ ही सर्व संबंधित से आदेश का पालन कराने के लिये सभी को आदेश की प्रति पहुँचाई जाए। यथा संभव प्रकरण पत्रिका पर भी नोट कराया जाए। कलेक्टर श्रीमती चौहान ने दिशा-निर्देश दिए हैं कि प्रकरण में आदेश का पालन न होने तक नियमित पेशी लगाई जाए और पालन प्रतिवेदन का राजस्व अभिलेख में अमल हो जाने के बाद ही प्रकरण का अंतिम निराकरण किया जाए।
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