प्रधानमंत्री ने सोनिया गांधी पर कसे तंज...
जो लोग चुनाव नहीं जीत सकते, उन्होंने मैदान ही छोड़ दिया : PM मोदी
जयपुर। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी को निशाना बनाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि, ''जो लोग चुनाव नहीं जीत सकते, उन्होंने मैदान छोड़ दिया है'' और राजस्थान से राज्यसभा सदस्य बन गए हैं. पीएम का यह बयान सोनिया गांधी के निर्विरोध राज्यसभा सांसद चुने जाने के कुछ महीनों बाद आया है. राज्यसभा के मौजूदा कार्यकाल से पहले सोनिया गांधी ने दो दशकों तक लोकसभा में कांग्रेस के गढ़ रायबरेली का नेतृत्व किया है. वे पांच साल तक अमेठी से भी सांसद रही हैं. पीएम मोदी बीजेपी के प्रत्याशी लुंबाराम चौधरी के पक्ष में प्रचार करने के लिए राजस्थान के जालौर पहुंचे थे. जालौर सीट पर चौधरी का मुकाबला पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे और कांग्रेस के नेता वैभव गहलोत से मुकाबला हो रहा है. जालोर निर्वाचन क्षेत्र बीजेपी का गढ़ है.
पार्टी इस सीट पर दो दशकों से लगातार जीत रही है. रैली में पीएम मोदी ने सवाल किया कि, ''क्या राज्यसभा में राजस्थान का प्रतिनिधित्व करने वाले कांग्रेस सांसदों ने राज्य के मुद्दे उठाए? कांग्रेस ने एक दक्षिण के नेता को राजस्थान से राज्यसभा भेजा. क्या उन्होंने कभी राजस्थान के बारे में बात की? नहीं. आपने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी राज्यसभा भेजा था. वे अस्वस्थ थे, लेकिन क्या आपने उन्हें राजस्थान में देखा?'' उन्होंने सोनिया गांधी का नाम लिए बिना कहा, ''और अब आपने एक और नेता को बचाया है. जो लोग चुनाव नहीं लड़ सकते, चुनाव नहीं जीत सकते, वे मैदान छोड़कर राजस्थान से राज्यसभा में आ गए हैं.'' वर्तमान में कांग्रेस के छह सांसद राज्यसभा में राजस्थान का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं - सोनिया गांधी, नीरज डांगी, रणदीप सिंह सुरजेवाला, केसी वेणुगोपाल, प्रमोद तिवारी और मुकुल वासनिक. इनमें से सिर्फ नीरज डांगी ही वास्तव में राजस्थान से हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि राजस्थान के लोगों ने राजस्थान में लोकसभा चुनाव के पहले चरण में कांग्रेस को "दंडित" किया था. राज्य की 25 में से 12 सीटों पर पहले चरण में मतदान हुआ था. बाकी सीटों पर शुक्रवार, 26 अप्रैल को मतदान होगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि, "राजस्थान देशभक्ति में डूबा हुआ है. वह जानता है कि कांग्रेस कभी भी मजबूत भारत नहीं बना सकती. देश को ऐसी कांग्रेस सरकार नहीं चाहिए. देश नहीं चाहता कि 2014 से पहले की स्थिति वापस आए." प्रधानमंत्री ने खुद के द्वारा बार-बार दोहराए जाने वाले शब्द "रिमोट कंट्रोल" शब्द का उपयोग करके एक बार फिर विपक्षी दल पर हमला किया. उन्होंने कहा कि, "कोई भी प्रधानमंत्री का सम्मान नहीं करता था. सरकार रिमोट कंट्रोल से चलती थी." बीजेपी की ओर से कांग्रेस पर हमले के लिए इस तरह की शब्दावली का उपयोग किया जाता रहा है. इसमें दावा किया जाता है कि मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार में वास्तविक प्रधानमंत्री सोनिया गांधी थीं.
पीएम मोदी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि, ''कैबिनेट से पास हुए अध्यादेश को उनकी पार्टी के ही एक नेता मीडिया की बैठक में बड़े रौब से फाड़ कर फेंक देते थे.'' राहुल गांधी ने साल 2013 में दोषी सांसदों को अयोग्यता से बचाने के लिए यूपीए सरकार के अध्यादेश को फाड़कर फेंक दिया था. पीएम मोदी ने सवाल किया कि, "जरा कल्पना कीजिए, एक सत्तारूढ़ पार्टी के नेता द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक कैबिनेट नोट फाड़ दिया जाता है. क्या ऐसी कमजोर व्यवस्था देश को मजबूत बना सकती है?" उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपनी आज की स्थिति के लिए खुद जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि, "जो पार्टी कभी 400 (लोकसभा) सीटें जीतती थी, वह अब 300 सीटों पर भी चुनाव नहीं लड़ सकती. उसे उम्मीदवार नहीं मिल रहे हैं."
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