मिनिमम 75 प्रतिशत अंक या उसके समकक्ष ग्रेड होने पर...
अब 4 साल की ग्रेजुएशन के बाद डायरेक्ट कर सकेंगे PhD
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष जगदीश कुमार के अनुसार, चार साल की ग्रेजुएशन डिग्री वाले छात्र अब डायरेक्ट नेट के लिए उपस्थित हो सकते हैं और पीएचडी कर सकते हैं. हालांकि, जूनियर रिसर्च फेलोशिप के साथ या उसके बिना पीएचडी करने के लिए, उम्मीदवारों को अपने चार साल के ग्रेजुएशन कोर्स में मिनिमम 75 प्रतिशत अंक या उसके समकक्ष ग्रेड की आवश्यकता होगी. अब तक, नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट (NET) के लिए उम्मीदवार को मिनिमम 55 प्रतिशत अंकों के साथ मास्टर डिग्री की आवश्यकता होती थी.
लेकिन अब छात्र 75% के साथ 4 साल की ग्रेजुएशन डिग्री लिए डायरेक्ट PhD कर सकता है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के अध्यक्ष जगदीश कुमार ने पीटीआई को बताया "चार साल की ग्रेजुएशन डिग्री वाले उम्मीदवार अब डायरेक्ट पीएचडी (PhD) कर सकते हैं और नेट के लिए उपस्थित हो सकते हैं. ऐसे उम्मीदवारों को उस विषय में उपस्थित होने की अनुमति है, जिसमें वे पीएचडी करना चाहते हैं, चाहे उन्होंने जिस भी विषय में चार साल की ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की हो.
यूजीसी के अध्यक्ष ने कहा, "चार साल या आठ सेमेस्टर के ग्रेजुएशन डिग्री कार्यक्रम में उत्तीर्ण होने वाले उम्मीदवारों के पास कुल मिलाकर मिनिमम 75 प्रतिशत अंक या जहां भी ग्रेडिंग सिस्टम का पालन किया जाता है, वहां एक पॉइंट स्केल पर इसके समकक्ष ग्रेड होने चाहिए." उन्होंने कहा, समय-समय पर यूजीसी के निर्णय के अनुसार एससी (SC), एसटी (ST), ओबीसी (नॉन-क्रीमी लेयर), दिव्यांग, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) और अन्य श्रेणियों के उम्मीदवारों के लिए पांच प्रतिशत अंक या इसके समकक्ष ग्रेड की छूट दी जा सकती है.
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