चुनाव आयोग और चीफ जस्टिस को लिखी चिट्ठी...
अब व्यापारियों ने शंभू बॉर्डर पर डटे किसानों के खिलाफ खोला मोर्चा !
फाइल फोटोअंबाला। किसानों के आंदोलन ने कई इलाकों में व्यापारियों के काम धंधे को काफी नुकसान पहुंचाया है, और अब इसे लेकर आवाज उठनी शुरू हो गई है। अपनी मांगो को लेकर पहले शंभू बॉर्डर और अब रेल रोको आंदोलन कर रहे किसानों की वजह से अंबाला के व्यापारियों को भी काफी नुकसान हो रहा है। विभिन्न वर्ग के व्यापारी एसोसिएशन ने किसानों के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए चुनाव आयोग और चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर समस्या के हल की मांग की है। व्यापारियों ने कहा है कि अगर जल्द समस्या का हल न निकला तो उन्हें दुकानें बंद रखनी पड़ सकती है।
कई महीनों से शंभू बॉर्डर पर डटे हैं किसान
बता दें कि अपनी मांगों को लेकर पिछले कई महीनों से किसान शंभू बॉर्डर पर डटे हुए हैं, वहीं जेल में बंद साथियों की रिहाई की मांग को लेकर उन्होंने पंजाब की तरफ रेलवे ट्रैक पर भी पिछले 10 दिनों से धरना दिया हुआ है। किसानों के इस आंदोलन का खामियाजा व्यापारियों को भुगतना पड़ रहा है। रास्ते बंद होने से परेशान अंबाला के विभिन्न वर्ग के व्यापारियों ने शनिवार को किसानों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। व्यापारियों की मानें तो इन दिनों काम पूरी तरह से ठप हो गया है, चाहे वे शहर का कपड़ा मार्केट हो या मिक्सी उद्योग।
रास्ते बंद होने की वजह से हो रहा नुकसान
व्यापारियों ने कहा कि इलेक्ट्रिक, स्वर्णकार, कॉस्मेटिक मार्केट सब बंद पड़ा है। उन्होंने कहा कि आलम ये है कि व्यापारी दुकान का खर्चा निकालने में भी असमर्थ हैं। उनकी इस समस्या के हल के लिए शनिवार को विभिन्न एसोसिएशन ने चीफ जस्टिस और चुनाव आयोग को पत्र लिख कर समस्या के हल की मांग की है। व्यापारियों का कहना है कि अंबाला में ज्यादातर ग्राहक पंजाब और हिमाचल से आते हैं। रास्ते बंद होने की वजह से ग्राहक अंबाला आने के बजाए अपने आसपास से समान खरीद रहे हैं, जिसकी वजह से उन्हें काफी नुकसान हो रहा है।
‘10 मिनट का सफर सवा घंटे का हो गया’
व्यापारियों ने कहा है कि हालात ऐसे ही रहे तो दुकानें बंद रखनी पड़ सकती हैं। इस पूरे मामले को लेकर व्यापारी वर्ग मुखर है। एक व्यापारी का कहना है कि हम सरकार से कहना चाहते हैं कि इस आंदोलन की वजह से अंबाला की मार्केट में मंदी है। उन्होंने कहा, ‘हमारा व्यापार 40 से 60 प्रतिशत कम हो गया है। ट्रेन नहीं चलने से जो सफर हमारा 10 मिनट का था, वो सवा घंटे का हो गया है जिससे हर रोज परेशानियां बढ़ती जा रही हैं। सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व अंबाला से जाता है। ऐसे में सरकार से निवेदन है कि वो व्यापारी वर्ग की मुश्किलों की तरफ ध्यान दे।
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