G News 24 :10 साल पहले दर्ज हुए केस के चलते आरोपी बने पूरे परिवार की ज़िंदगी हुई तहस-नहस !

 भादंस की धारा 420,467,468,471,384,और 120-बी के तहत झांसी रोड थाना में  दर्ज कराया गया था...

10 साल पहले दर्ज हुए केस के चलते आरोपी बने पूरे परिवार की ज़िंदगी हुई तहस-नहस !

ग्वालियर। ग्वालियर में पुलिस विभाग में कार्यरत फोरेंसिक एक्सपर्ट अखिलेश भार्गव की शिकायतकर्ता पुत्री जिला सत्र न्यायालय की एक अदालत में प्रकरण 128/2015 की ट्रायल के दौरान प्रस्तुत दस्तावेजों से झूठे बयान देती दिखाई दी। सूत्रों के अनुसार पता लगा है कि आरोपी के प्रति-परीक्षण (क्रॉस) में शिकायतकर्ता अंकिता भार्गव जो स्वयं को धीरेन्द्र मिश्रा (मप्र पुलिस में थाना प्रभारी) की पत्नी बताती है, उन्होंने कुंदन नगर निवासी अमित त्रिपाठी और उनके अनिवासी प्रवासी भारतीय (एनआरआई) परिवार पर आर्य समाज मंदिर से विवाह के कूटरचित दस्तावेज बनाकर अपने पिता अखिलेश भार्गव से 20 लाख रुपए देने की शिकायत की थी। वहीं पूरे परिवार पर भादंस की धारा 420,467,468,471,384,और 120-बी के तहत मामला झांसी रोड थाना में नौ साल पहले दर्ज कराया था।

आरोपी पक्ष ने अपने ऊपर लगे झूठे आरोपों से बचने के लिए विवेचना के दौरान कोर्ट में फॉरेंसिक रिपोर्ट्स एवं वीसा,पासपोर्ट टिकट पेश किए। जिससे स्पष्ट था कि जिस दौरान मामला दर्ज कराया गया उस समय आरोपी अमित और उसका पूरा परिवार इंडिया से बाहर था। साक्ष्यों के आधार पर शिकायतकर्ता का आरोप मिथ्या साबित प्रतीत हो रहा है ।जिसके उपरांत पुलिस द्वारा मुख्य धाराएं हटाते हुए लीपापोती कर धारा 384 में चालान पेश किया गया। इन्हीं ठोस सबूतों के आधार और विभिन्न साक्षियों के बयानों के साथ आरोपी अमित द्वारा न्यायालय में निजी याचिका दायर की गई, जिस पर न्यायालय ने फॉरेंसिक एक्सपर्ट और बेटी के खिलाफ धरा 494 और धारा 109 में मुकदमा दर्ज किया।

आखिरकार आरोपी पक्ष ने स्वयं सभी दस्तावेज शादी के फोटो-विवाह प्रमाण पत्र की जांच ट्रूथ लैब से सर्टिफाइड जांच (सरकारी लैब से पुलिस ने भी कराई)कराकर कोर्ट में पेश की जो सत्य पाई गई। अब शिकायतकर्ता महिला प्रति-परीक्षण में झूठे बयान देती दिख रही है । इस पूरे मामले में फोरेंसिक एक्सपर्ट और उनकी पुत्री झूठी एफआईआर कराने के मामले में फंसते दिखाई दे रहे है। अब 6 मई को इस मामले में शिकायतकर्ता पुत्री के पिता भार्गव का न्यायिक मजिस्ट्रेट,प्रथम श्रेणी हर्षिता सोनी की अदालत में प्रति-परीक्षण होगा। उल्लेखनीय है कि दस साल से झूठे केस दर्ज कराने के चलते अमित त्रिपाठी समेत पूरे परिवार की ज़िंदगी तहस-नहस हो गई है ।

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