सेना और दूसरे केंद्रीय बलों को मिल रही 'मदिरा'...
CISF बल की ड्यूटी का 'अति संवेदनशील' होती है, इसलिए इन्हे CLMS सुविधा नहीं मिलती !
केंद्रीय अर्धसैनिक बल 'सीआईएसएफ' में 'शराब' को लेकर रार मची है। सेना के जवानों के लिए शराब का एक कोटा रहता है। दूसरे केंद्रीय बलों के जवानों को केंद्रीकृत लॉग प्रबंधन समाधान (सीएलएमएस) सुविधा उपलब्ध कराई गई है। सीआईएसएफ में यह सुविधा प्रदान नहीं की जा रही। इसके पीछे, बल की ड्यूटी का 'अति संवेदनशील' होना बताया गया है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार अलायंस ऑफ ऑल एक्स पैरामिलिट्री फोर्सेस वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव रणबीर सिंह ने कहा, ये तो सीआईएसएफ जवानों के साथ सौतेला व्यवहार है।
उनका कहना है कि संवेदनशील ड्यूटी तो सेना और दूसरे अर्धसैनिक बल भी करते हैं, लेकिन उन्हें तो 'मदिरा' सुविधा मिल रही है। एसोसिएशन के महासचिव ने कहा है, सुविधाओं को लेकर देश के सबसे बड़े औद्योगिक बल 'सीआईएसएफ' जवानों के साथ सौतेला व्यवहार करना ठीक नहीं है। इस बल को हवाईअड्डों, बंदरगाहों, परमाणु घरों, मेट्रो और दूसरे विभिन्न औधोगिक संस्थानों व महत्वपूर्ण भवनों की चाक चौबंद सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है। देश के सभी केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में केंद्रीकृत लॉग प्रबंधन समाधान (सीएलएमएस) सुविधा प्रदान की गई है।
इसका मकसद, सेवारत एवं सेवानिवृत्त जवानों को सस्ते दामों पर मदिरा सुविधा मुहैया कराना है। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवानों को उपरोक्त सीएलएमएस सुविधा से वंचित रखा गया है। बतौर रणबीर सिंह, सीआईएसएफ महानिदेशालय द्वारा इसके पीछे जो वजह बताई गई है, वह इस बल के जवानों द्वारा अति संवेदनशील जगहों पर ड्यूटी को अंजाम देना है।
एसोसिएशन को कई दूसरे प्रशासनिक कारणों का भी हवाला दिया गया है। तीनों सेनाओं के अंगों व सभी केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में मदिरा सुविधा उपलब्ध है। केवल सीआईएसएफ जवानों को ही इस सुविधा से दूर रखा जा रहा है। एसोसिएशन के एक प्रतिनिधि मंडल ने पूर्व एडीजी एचआर सिंह के नेतृत्व में इस बाबत शीर्ष अफसरों से आग्रह किया था। तब यह मांग की गई थी कि कम से कम रिटायर्ड कर्मियों को ही सीएलएमएस सुविधा उपलब्ध करा दी जाए। जवानों को सीएलएमएस सुविधा उपलब्ध मुहैया न कराने से करोड़ों रुपये के जीएसटी की हानि हो रही है।
दूसरा महत्वपूर्ण मुद्दा, जवानों की छुट्टियों को लेकर है। रणबीर सिंह ने कहा, सीआईएसएफ देश का एकमात्र ऐसा बल है, जहां 30 दिनों का वार्षिक अवकाश दिया जाता है। ऐसे मौके भी आते हैं, जब एकसाथ 30 दिनों की छुट्टी देने की बजाए, उसे भी किश्तों में दिया जाता है। भारतीय सेनाओं व केंद्रीय सुरक्षा बलों में 60 दिनों का सालाना अवकाश मिलता है। कई वर्ष पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घोषणा की थी कि अर्धसैनिक बलों में जवानों को 100 दिन का अवकाश मिलेगा। वह आदेश अभी तक साकार नहीं हो सका है। पूर्व एडीजी एचआर सिंह ने कहा है कि इन बलों में जवानों के कल्याण से संबंधित मुद्दों व पुरानी पैंशन बहाली को लेकर लोकसभा चुनाव के बाद दिल्ली में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
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