राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में करोड़ों रुपए के गबन के मामले में...
आरोपी रजिस्ट्रार ने निजी खातों को विश्वविद्यालय का बैंक खाता बताकर जमा कराई थी राशि
राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में करोड़ों रुपए के गबन के मामले में आरोपी बनाए गए निलंबित रजिस्ट्रार आरएस राजपूत ने विश्वविद्यालय के करोड़ों रुपए निजी बैंक में रखने के लिए बनाई गई नोटशीट में भी फर्जीवाड़ा किया था। सरकारी ऑडिट में घोटाला उजागर न हो, इसके लिए आरएस राजपूत और तत्कालीन वित्त नियंत्रक ऋषिकेश वर्मा ने मिलकर काम किया था। आरएस राजपूत ने वित्त नियंत्रक के साथ मिलकर दोनों चेकों में हस्ताक्षर किए थे और आरबीएल बैंक के खाते में राशि जमा कराने की नोटशीट चलाई।
इसके बाद आरएस राजपूत ने फर्जी तरीके से नोटशीट तैयार की, जिसमें दलित महासंघ सोहागपुर और कुमार मयंक के निजी बैंक खातों को विश्वविद्यालय का खाता बता कर करीब दस करोड़ रुपए जमा कराए थे। आरजीपीवी के बैंक खाते से 19.48 करोड़ रुपए ट्रांसफर करने में इन्हीं गलत तथ्यों को आधार बनाकर फर्जीवाड़ा किया गया था। यह खुलासा विश्वविद्यालय में हुए 19.48 करोड़ रुपए की गड़बड़ी की जांच रिपोर्ट में सामने आया है। जांच रिपोर्ट की मानें तो विश्वविद्यालय के तत्कालीन रजिस्ट्रार प्रो. आरएस राजपूत ने वित्त नियंत्रक ऋषिकेश वर्मा के साथ मिलकर 1.99 करोड़ और 8.01 करोड़ रुपए के दो अलग-अलग चेक बनवाए थे।
वित्त शाखा से बनवाए गए दोनों चेकों पर उक्त दोनों अधिकारियों ने हस्ताक्षर किए थे। इतना ही नहीं निजी बैंक खाते में 1.99 करोड़ और 8.01 करोड़ रुपए भेजने के चेक और नोटशीट राजपूत ने अपने पास रख लिए थे। इसके लिए राजपूत ने कुमार मयंक के एक्सिस बैंक भोपाल के अकाउंट को नोटशीट में आरजीपीवी का बैंक खाता लिखवाया था, जिससे ऑडिट के दौरान ऑडिटर इस वित्तीय गड़बड़ी को पकड़ न सके।
गांधी नगर पुलिस ने विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार की शिकायत पर तत्कालीन कुलपति प्रो. सुनील गुप्ता, तत्कालीन रजिस्ट्रार प्रो. आरएस राजपूत, वित्त नियंत्रक ऋषिकेश वर्मा, कुमार मयंक, दलित महासंघ सहित पांच लोगों के खिलाफ नामजद मामला दर्ज किया है। इस मामले में पुलिस ने कुमार मयंक को गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है। वहीं पुलिस जल्द ही प्रो. सुनील कुमार और प्रो. आरएस राजपूत से भी पूछताछ की तैयारी में है। कुमार मयंक को पुलिस ने अहमदाबाद से पकड़कर लाई है। हालांकि अभी तक कुमार मयंक ने यह खुलासा नहीं किया कि उसके खाते में क्यों ट्रांसफर किए गए थे।
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