G News 24 : अनुभवि लोगों को पद से हटाकर नए लोगों को कमान सोंपना उचित नहीं है !पूर्व कांग्रेस प्रवक्ता


 आमचुनाव के दौरान पार्टी प्रवक्ताओं को हटाने से  सकता है नुक्सान : 
पूर्व कांग्रेस  प्रवक्ता

अनुभवि लोगों को पद से हटाकर नए लोगों को कमान सोंपना उचित नहीं है !पूर्व कांग्रेस  प्रवक्ता


भोपाल । लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं का पार्टी छोड़ भाजपा में शामिल होने का जो दौर शुरु हुआ है वह थमने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसे में प्रदेश कांग्रेस से मीडिया प्रवक्ताओं को हटाकर नए चेहरों की भर्ती की गई है, जिससे चुनाव में पार्टी को खासा नुक्सान उठाना पड़ सकता है। कांग्रेस द्वारा जारी की गई नई सूची में पहले से कार्य कर रहे प्रवक्ताओं को शामिल नहीं किया गया है, जिससे उनमें नाराजगी देखी जा रही है, वहीं एक बुजुर्ग को मीडिया सलाहकार बनाए जाने को लेकर भी विरोधी स्वर फूटने लगे हैं।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बदलने और जीतू पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के साथ ही कयास लगाए जा रहे थे कि पहले से जमें पदाधिकारियों को हटाया जाएगा और नए चेहरों को मौका दिया जाएगा। अब जबकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पटवारी ने अपनी टीम घोषित करते हुए जो सूची जारी की है, उसमें पुराने मीडिया प्रवक्ताओं के नाम सिरे से गायब कर दिए गए हैं। इससे पू्र्व मीडिया प्रवक्ताओं में खासा रोष व्याप्त है। हटाए गए पदाधिकारियों का कहना है कि इस चुनावी माहौल में यूं पदाधिकारियों का बदला जाना कहीं से भी पार्टी के फेवर में नहीं है। चुनाव में बेहतर रिजल्ट के लिए कार्य करने की बजाय पार्टी नेतृत्व पदाधिकारियों को बदलने में व्यस्त है। ऐसे में अनुभवि लोगों को पद से हटाकर नए लोगों की भर्ती करना कहीं से भी उचित नहीं ठहराया जा सकता है। इससे चुनाव में कांग्रेस को खासा नुक्सान उठाना पड़ सकता है।

गौरतलब है कि प्रदेश कांग्रेस में बतौर प्रवक्ता विक्की खोंगल, अजीत भदौरिया, कुंदन पंजाबी, सिद्धार्थ सिंह राजावत, अमीन खां सूरी, अनुराधा सिंह आदि कार्य कर रहे थे, जिन्हें नई सूची में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सम्मिलित नहीं किया है। इसका विरोध करते हुए कहा जा रहा है कि पार्टी की बात को सभी के सामने बेबाकी से रखने वाले युवाओं की अनदेखी की गई है और एक 70 वर्षीय व्यक्ति को मीडिया सलाहकार बनाकर कांग्रेस को पीछे ले जाने की कवायद की जा रही है। प्रदेश कांग्रेस द्वारा जारी सूची को देखने से आभास होता है कि पार्टी में जमकर पट्ठाबाद चला है। इसलिए इसका खामियाजा पार्टी को ही भुगतना होगा, क्योंकि कथित नेताओं के लिए तो और भी दरबाजे समय-समय पर खुल ही जाते हैं।

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