कृष्णानंद और अवधेश राय की हत्यारोपी मुख्तार अंसारी की दिल दौरा पड़ने हुई मौत !
मुख्तार की मौत के साथ ही पूर्वांचल में माफिया राज के एक युग का हुआ खात्मा !
जेल में सजा काट रहे मुख्तार अंसारी की मौत के साथ ही पूर्वांचल में माफिया राज के एक युग का खात्मा हो गया. अंसारी को अलग-अलग मामलों में 2 बार उम्रकैद हुई थी और वो 2005 से सजा काट रहा था. सबसे पहले 1988 में ठेकेदारी को लेकर ठेकेदार सच्चिदानंद राय की हत्या मामले में मुख्तार का नाम सामने आया था. फिर 1991 में अवधेश राय हत्याकांड में भी मुख्तार अंसारी का नाम आया. इतना ही नहीं 1996 में गाजीपुर के एडिशनल एसपी रहे शंकर जायसवाल और उनकी टीम पर दिनदहाड़े हमले का आरोप लगा. मुख्तार अंसारी पर 1997 में कोयला कारोबारी नंदकिशोर रुंगटा के अपहरण में शामिल होने का केस दर्ज किया गया था. और साल 2005 में मऊ हिंसा मामले का आरोप भी मुख्तार पर लगा था. जिसके बाद उसने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया. आइए समझते हैं कि कैसे डॉन बनने के चक्कर में मुख्तार अंसारी ने अवधेश राय और कृष्णानंद राय को रास्ते से हटाया.
सरकारी ठेके हासिल करने की रेस
अवधेश राय की हत्या कराने में भी मुख्तार अंसारी शामिल था इस मामले में मुख्तार अंसारी को उम्रकैद की सजा हुई थी. और कोर्ट ने एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया था. माफिया डॉन मुख्तार अंसारी का गुरुवार देर रात कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया. बांदा जेल में बंद मुख्तार की तबियत खराब होने के बाद उसे दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. यूपी के पूर्वांचल में 90 के दशक में वो दौर था जब पूर्वांचल में रेलवे शराब और दूसरे सरकारी ठेके हासिल करने की रेस लगी रहती थी और इसी रेस में कई अपराधियों के गैंग उभरने लगे थे.
मुख्तार अंसारी पर कृष्णानंद राय और अवधेश राय की हत्या का था आरोप
माफिया मुख्तार अंसारी पर कृष्णानंद राय और अवधेश राय की हत्या का आरोप लगा था. हालांकि, मुख्तार अंसारी, कृष्णानंद राय हत्याकांड में बरी हो गया लेकिन अवधेश राय मर्डर केस में उम्रकैद की सजा मिल गई. बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत हो गई है. मुख्तार अंसारी की मौत पर कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष राय ने कहा कि ये फैसला भगवान ने अपनी अदालत में किया है.
अवधेश राय और मुख्तार अंसारी में चंदासी कोयला मंडी में वसूली को लेकर थी दुश्मनी
अवधेश राय और मुख्तार अंसारी में दुश्मनी चंदासी कोयला मंडी में वसूली को लेकर थी. मुख्तार अंसारी और उसके गुर्गे कोयला मंडी में वसूली करते थे, लेकिन अवधेश राय इसमें रोड़ा बने थे. अवधेश राय, मुख्तार अंसारी के कट्टर दुश्मन बृजेश सिंह के साथी थे. फिर वर्चस्व कायम करने के लिए अवधेश राय को रास्ते से हटा दिया गया.
हत्या करने के लिए चलीं 500 राउंड गोलियां
मुख्तार अंसारी और कृष्णानंद राय के बीच उस वक्त दुश्मनी बढ़ गई जब साल 2002 विधानसभा चुनाव में कृष्णानंद राय ने अंसारी बंधुओं के प्रभाव वाली मोहम्मदाबाद सीट से अफजाल अंसारी को हरा दिया. इस हार को मुख्तार अंसारी हजम नहीं कर पाया और उन्होंने कृष्णानंद राय को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मान लिया था. फिर 29 नवंबर 2005 को उस वक्त यूपी थर्रा गया जब कृष्णानंद राय समेत सात लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी. बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के दौरान करीब 500 राउंड गोलियां चलाई गई थीं. इस मामले में मुख्तार को सीबीआई कोर्ट ने बरी कर दिया था.
पढ़ाई दौरान ही मुख्तार अंसारी ने बाहुबली मखनू सिंह का दामन थाम लिया था !
उसी दौर में कॉलेज में पढ़ाई करने वाले मुख्तार अंसारी ने बाहुबली मखनू सिंह का दामन थाम लिया और मखनू सिंह उस समय हरिशंकर तिवारी की राइट हैंड था. और उसी दौरान कोर्ट परिसर में एक गोलीकांड होता है. जिसमें एक नाम सबसे उभर कर आता है वो था मुख्तार अंसारी का. जिसके बाद मुख्तार अंसारी क्राइम की दुनिया में बढ़ने लगा और वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर, मऊ और बलिया में उभरते हुए बाहुबली मुख्तार अंसारी का दबदबा बढ़ने लगा. और बढ़ते-बढ़ते ये दबदबा सत्ता के गलियारों तक पहुंच गया और अपने बाहुबल के दम पर मुख्तार खुद और अपने भाई को सियासत में सेट किया.
दादा स्वतंत्रता सेनानी, नाना ब्रिगेडियर, चाचा रहे उपराष्ट्रपति और मुख्तार अंसारी बना डॉन
मुख्तार अंसारी का जन्म गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद में 3 जून 1963 को हुआ था. उनके पिता का नाम सुबहानउल्लाह अंसारी और मां का नाम बेगम राबिया था. गाजीपुर में मुख्तार अंसारी के परिवार की पहचान एक प्रतिष्ठित राजनीतिक खानदान की है. 17 साल से ज्यादा वक्त से जेल में बंद मुख़्तार अंसारी के दादा डॉक्टर मुख़्तार अहमद अंसारी स्वतंत्रता सेनानी थे. गांधी जी के साथ काम करते हुए वह 1926-27 में कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे. मुख़्तार अंसारी के नाना ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान को 1947 की लड़ाई में शहादत के लिए महावीर चक्र से नवाज़ा गया था. मुख्तार के पिता सुबहानउल्लाह अंसारी गाजीपुर में अपनी साफ सुधरी छवि के साथ राजनीति में सक्रिय रहे थे. भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी रिश्ते में मुख़्तार अंसारी के चाचा लगते थे.
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