G News 24 : अब केजरीवाल काल में फिर से राष्ट्रपति शासन लगने वाला है !

 2014 में भी केजरीवाल के CM पद से इस्तीफा देने के बाद लगा था राष्ट्रपति शासन...

अब केजरीवाल काल में फिर से राष्ट्रपति शासन लगने वाला है ! 

आम आदमी पार्टी (AAP) कह रही है कि अरविंद केजरीवाल ही सीएम रहेंगे. अगर जरूरत पड़ी तो वह जेल से सरकार चलाएंगे. केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आबकारी नीति वाले केस में गिरफ्तार किया है. ईडी की कस्टडी में रहते हुए, केजरीवाल ने अपने मंत्रियों के लिए दो 'निर्देश' जारी किए. जिस पर बीजेपी ने एलजी से शिकायत कर दी. पार्टी ने कहा कि कस्‍टडी में रहते हुए केजरीवाल सरकारी निर्देश नहीं दे सकते. अगले दिन एलजी वीके सक्‍सेना ने एक कार्यक्रम में कहा कि 'मैं दिल्‍ली के लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि सरकार जेल से नहीं चलेगी.' अगर दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाया जाता है तो ऐसा दूसरी बार होगा. दिल्ली में अब तक एक ही बार राष्ट्रपति शासन लगा है, 2014 में.

2014 में आम आदमी पार्टी की सरकार थी और अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री. कांग्रेस के बाहरी समर्थन से 49 दिन सरकार चलाने के बाद केजरीवाल ने इस्तीफा दे दिया था. तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उनका इस्तीफा और दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश मंजूर कर ली. अगले साल भर तक दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू रहा. फिर 2015 विधानसभा चुनाव में AAP ने शानदार जीत दर्ज की और केजरीवाल दूसरी बार दिल्‍ली के सीएम बने. केजरीवाल पिछले 9 साल से दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री हैं.

14 फरवरी 2014 का दिन था. हल्की बारिश के बाद मौसम सर्द हो चला था. इसके बावजूद, हुमायूं रोड स्थित AAP के दफ्तर में समर्थकों का भारी हुजूम मौजूद था. तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शोर-शराबे के बीच इस्तीफे की घोषणा करते हैं. उनकी सरकार विधानसभा में जल लोकपाल बिल पेश कराने में नाकाम रही थी. कांग्रेस और बीजेपी ने मिलकर बिल को पेश किए जाने का विरोध किया. वही कांग्रेस जो 28 दिसंबर 2013 से केजरीवाल सरकार को बाहर से समर्थन दे रही थी. मंत्रियों से बातचीत के बाद, केजरीवाल ने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भिजवा दिया. चिट्ठी की एक कॉपी तत्कालीन एलजी नजीब जंग को भी भेजी गई थी. उनकी सरकार कुल जमा 49 दिन तक चली.

केजरीवाल ने विधानसभा भंग करने की सिफारिश की थी, लेकिन जंग ने अपनी रिपोर्ट में विधानसभा को निलंबित अवस्था में रखने की सिफारिश की. इससे बाद में कोई और सरकार बनाने का विकल्प खुला रहता. राष्ट्रपति ने यह सिफारिश मान ली. 2013 विधानसभा चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी (32 सीटें) होने के बावजूद सरकार नहीं बना सकी थी. तब जंग ने केजरीवाल को सरकार बनाने का न्योता भेजा था.

जंग ने करीब साल भर बाद, नवंबर 2014 में विधानसभा भंग कर चुनाव कराने की सिफारिश की. फरवरी 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में AAP ने एकतरफा जीत दर्ज की. पार्टी को 70 सदस्यों वाली विधानसभा में 67 सीटें मिली थीं. बीजेपी सिर्फ तीन सीटों पर सिमट गई. केजरीवाल दूसरी बार मुख्यमंत्री बने. 2020 विधानसभा चुनाव में भी केजरीवाल के नेतृत्व में AAP ने 62 सीटें हासिल की थीं. दिल्ली में फिर से राष्ट्रपति शासन लगने वाला है? एलजी वीके सक्सेना के बयान - 'दिल्ली की सरकार जेल से नहीं चलेगी' - के बाद सुगबुगाहट तेज है. आम आदमी पार्टी (AAP) कह रही है कि अरविंद केजरीवाल ही सीएम रहेंगे. अगर जरूरत पड़ी तो वह जेल से सरकार चलाएंगे. 

केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आबकारी नीति वाले केस में गिरफ्तार किया है. ईडी की कस्टडी में रहते हुए, केजरीवाल ने अपने मंत्रियों के लिए दो 'निर्देश' जारी किए. जिस पर बीजेपी ने एलजी से शिकायत कर दी. पार्टी ने कहा कि कस्‍टडी में रहते हुए केजरीवाल सरकारी निर्देश नहीं दे सकते. अगले दिन एलजी वीके सक्‍सेना ने एक कार्यक्रम में कहा कि 'मैं दिल्‍ली के लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि सरकार जेल से नहीं चलेगी.' अगर दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाया जाता है तो ऐसा दूसरी बार होगा. 

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