ED की रेड में हुआ खुलासा,बड़े पैमाने पर विदेश भेज रहे थे पैसा !
कपड़ों के स्थान पर वाशिंग मशीन से मिला करोड़ों का कैश !
ईडी ने 26 मार्च को कैप्रीकॉर्नियन शिपिंग एंड लॉजिस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड और इसके निदेशक विजय कुमार शुक्ला और संजय गोस्वामी के साथ-साथ सहयोगी इकाईयों के खिलाफ सर्च अभियान चलाया. सर्चिंग के दौरान कैप्रीकॉर्नियनशिपिंग की सहयोगी इकाईयों के साथ उनके निदेशकों व साझेदारों पर भी शिकंजा कसा. प्रवर्तन निदेशालय ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (फेमा) के अंतर्गत दर्ज मामले में बड़ी कार्रवाई की.ईडी ने यह सभी कार्रवाई दिल्ली, हैदराबाद, मुंबई, कुरूक्षेत्र और कोलकात्ता आदि शहरों में की है.
ईडी के मुताबिक उसको पुख्ता सूचना मिली थी कि उक्त संस्थाएं बड़े पैमाने पर भारत के बाहर विदेशी मुद्रा भेजने में संलिप्त हैं. इस सूचना के आधार पर ईडी ने इन ठिकानों पर छापेमारी और तलाशी के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज के अलावा डिजिटल डिवाइस और 2.54 करोड़ रुपए की नकदी बरामद की गई. ईडी ने तलाशी के दौरान जिस 2.54 करोड़ रुपये की नकदी को बरामद किया गया, उसके एक हिस्से को वॉशिंग मशीन में छिपा कर रखा गया था. ईडी ने इस रकम को जब्त कर लिया है. इस बरामद रकम के बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं दी जा सकी. जांच एजेंसी ने 47 बैंक अकाउंट्स को भी फ्रीज किया है.
इन शहरों में सहयोगी कंपनियों पर कसा शिकंजा
कैप्रीकॉर्नियन शिपिंग एंड लॉजिस्टिक्स की जिन सहयोगी इकाईयों के यहां अलग-अलग शहरों में छापेमारी की गई उनमें मैसर्स लक्ष्मीटन मैरीटाइम, मैसर्स हिंदुस्तान इंटरनेशनल, मैसर्स राजनंदिनी मेटल्स लिमिटेड, मै. स्टवार्ट अलॉयज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, मैसर्स भाग्यनगर लिमिटेड, मै. विनायक स्टील्स लिमिटेड, मै. वशिष्ठ कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड प्रमुख रूप से शामिल हैं. इनके निदेशक/साझेदार संदीप गर्ग, विनोद केडिया आदि के ठिकानों पर भी छापेमारी और तलाशी अभियान चलाया गया है.
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